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(संगीत)
आप जानते होंगे की हर एक चीज़
छोटे चीज़ों से बनी हुई है - जिनका नाम है परमाणु|
आप यह भी जानते होंगे की हर परमाणु और भी छोटे चीज़ों से बना है
जिनके नामे हैं प्रोटॉन, न्यूट्रॉन और इलेक्ट्रान|
आपने यह भी सुना होगा की परमाणु बहुत छोटे होते हैं|
लेकिन आपने यह कभी नहीं सोचा होगा की परमाणु सच में कितने छोटे हैं|
इसका जवाब है-बहुत, बहुत, बहुत छोटे|
तोह आप पूछ रहे होंगे - यह परमाणु कितने छोटे होते हैं?
यह समझने के लिए, हम यह प्रश्न पूछते हैं:
एक चकोतरा में कितने परमाणु हैं?
चलो हम मन लेते हैं की एक चकोतरा सिर्फ नाइट्रोजन परमाणु से बना है,
जो की बिलकुल सच नहीं हैं, मगर चकोतरे में नाइट्रोजन परमाणु होते हैं|
इसकी आसानी से कल्पना करने के लिए, हम हर परमाणु को
एक ब्लूबेरी के आकर का बना लेते हैं|
फिर चकोतरे को कितना बड़ा होना होगा?
उसे, वास्तव में, पृथ्वी के आकर हा होना पड़ेगा|
यह तो पागलपन है! आप कहना चाहते हैं की अगर मैं पृथ्वी को ब्लूबेरीस से भर दूं,
मेरे पास उतने ही नाइट्रोजन के परमाणु कोंगे जितने एक चकोतरे में हैं?
जी हाँ! तोह परमाणु कितना बड़ा है?
बहुत, बहुत, बहुत छोटा|
और क्या आप जानते हैं?
इसमें और भी पागलपन है|
अब हम एक परमाणु के अन्दर देखते हैं -- ब्लूबेरी के अन्दर, है ना?
आपको वहाँ क्या दिखता है?
परमाणु के केंद्र में है एक चीज़ है जिसे हम न्यूक्लिस कहते है
जिसमे शामिल हैं प्रोतोंस और न्यूट्रोंस,
और बाहर आपको इलेक्ट्रान दिखेंगे|
तोह यह न्यूक्लिस कितना बड़ा होता है?
अगर परमाणु पृथ्वी में भरे ब्लूबेरीस की तरह हैं, तोह न्यूक्लिस कितना बड़ा होगा?
आपको अपनी विज्ञान कक्षा की तस्वीरें यद् होंगी,
जिनमें आपने कागज़ पर एक छोटी सी बिंदी देखी होगी, और न्यूक्लिस की और इशारा करती हुई एक तीर|
लेकिन वो तस्वीर पैमाने पर नहीं छपे गए हैं,
तो एक तरह से वह गलत हैं|
तोह यह न्यूक्लिस कितना बड़ा होता है?
अगर आपने ब्लूबेरी को खोल दिया,
और न्यूक्लिस को ढूंडने लगे,
जानते हैं क्या? वेह अदृश्य होएगा|
वेह दिखता भी नहीं है!
अच्छा| हम परमाणु कओ बड़ा बना देते हैं -- ब्लूबेरी को --
एक घर के जितना बड़ा|
एक गेंद की कल्पना करिए, जो दो मंजिल के घर के जितना बड़ा है|
चलिए परमाणु के केंद्र मैं हम न्यूक्लिस की खोज करते हैं|
और जानते हैं क्या? वेह हमें बहुत कठिनाई से दिखेगा|
एक न्यूक्लिस के आकार को अच्छी तरह समझने के लिए,
हमें उस ब्लूबेरी को एक फुटबॉल स्टेडियम के जितना बड़ा बनाना होगा|
अब एक फुटबॉल स्टेडियम जितने बड़े एक गेंद की कल्पना करिए
और परमाणु के एकदम केंद्र में,
आपको न्यूक्लिस मिलेगा, और आप उसे देख पाएंगे!
और वह एक छोटे कंचे के बराबर का होगा|
अब तक आपके मन कओ झटका नहीं लगा तो और भी है|
हम परमाणु के बारे में थोडा और सोचते हैं| उसमे शामिल हैं प्रोटॉन, न्यूट्रॉन और इलेक्ट्रॉन|
प्रोटॉन और न्यूट्रॉन न्यूक्लिस के बाहर रहते हैं,
और परमाणु में सबसे अधिक वज़न रखते हैं|
अति किनारे पर इलेक्ट्रॉन हैं|
अगर एक परमाणु एक फुटबॉल स्टेडियम के आकार की गेंद है,
जिसके केंद्र में न्यूक्लिस और किनारों पर इलेक्ट्रॉन हैं,
न्यूक्लिस और इलेक्ट्रॉन के बीच में क्या है?
इसका आश्चर्यजनक उत्तर है, खाली जगह|
(हवा की आवाज़)
जी हाँ| खाली!
न्यूक्लिस और इलेक्ट्रॉन के बीच में विशाल खाली क्षेत्र हैं|
अब तकनीकी रूप से वहाँ कुछ विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र हैं,
लेकिन सामग्री के मामले में, खाली है|
याद रखिये, ये विशाल खाली क्षेत्र
उस ब्लूबेरी के अन्दर है, जो पृथ्वी के अन्दर है,
जो सचमुच एक चकोतरे मैं भरे परमाणु हैं|
अच्छा, एक और चीज़, अगर मैं और अजीब हो सकता हूँ
क्योंकि वास्तव में परमाणु का सारा भार उसके न्यूक्लिस में होता है--
अब कुछ भार तो इलेक्ट्रॉनस में भी होता है,
लेकिन सबसे अधिक भार तो न्यूक्लिस में ही होता है--
एक न्यूक्लिस कितना घना होता है?
इसका उत्तर अविश्वसनीय है|
एक साधारण न्यूक्लिस का घनत्व
4 गुना 10 की शक्ति 17 किलोग्राम प्रति घना मीटर है|
इसकी कल्पना करना मुश्किल है| ठीक है, मैं इसे इंग्लिश यूनिट्स में पेश करता हूँ|
2.5 गुना 10 की शक्ति 16
पाउंड प्रति घना फीट|
यह फिर भी सोचना कठिन है|
ऐसा करिए|
एक डब्बा बनाइये जो हर किनारे से एक फुट है|
अब हम एक मामूली गाड़ी से सारे न्यूक्लिस इक्कट्ठा कर लेते हैं|
औसत पर गाड़ियों का वजन 2 टन होता है|
अपने डब्बे में आपको कितने गाडिओं के न्यूक्लिस भरने होंगे
ताकि आपके एक घने फुट के डब्बे का और एक न्यूक्लिस का घनत्व बराबर हो?
1 गाड़ी? 2? शायद 100?
नहीं, नहीं और नहीं|
जवाब उससे कई ज्यादा बड़ा है|
६.२ अरब|
यह लगभग पृथ्वी के लोगों की संख्या के बराबर है|
तो अगर पृथ्वी के हर इंसान के पास गाड़ी होती
जो की नहीं है --
और हम उन सभी गाड़ियों को आपके डब्बे के अन्दर रख दें
वह एक न्यूक्लिस के घनत्व के बराबर होगा|
तो मैं यह कह रहा हूँ की अगर आप दुनिया की तमाम गाड़ी को लेकर अपने एक घने फुट डब्बे में डाल दें,
अप्पके पास एक न्यूक्लिस का घनत्व होगा|
ठीक है, अब समीक्षा करते हैं|
परमाणु बहुत, बहुत, बहुत छोटा होता है|
चकोतरे में परमाणु पृथ्वी में ब्लूबेरीस के तरह हैं|
न्यूक्लिस अति छोटा होता है|
अब ब्लूबेरी के अन्दर देखिये, और उसे एक फुटबॉल स्टेडियम के जितना बड़ा बनाएं,
अब न्यूक्लिस उसके बींच में एक कंचा है|
परमाणु के अन्दर विशाल खाली क्षेत्र हैं|
यह अजीब है|
न्यूक्लिस का घनत्व हद से ज्यादा है|
उन सभी गाड़ियों को अपने एक घने फुट के डब्बे में डालने का विचार करिए|
मुझे लगता है कि मैं थक गया हूँ|
(उबासी )