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0:00:02.970,0:00:05.180 मुझे लगता है कि वह चीज़ जो मेरे लिए सबसे आकर्षक रही है,
जो आने वाली सभी क्लिप देखकर समझ में आती है, यह कि पूरी दुनिया में
हम सभी कितने समान हैं.
आप अधूरा व्यक्तिगत फ़ुटेज देख रहे हैं, जिसमें लोग आपको आने दे रहे हैं, जबकि
आमतौर पर किसी डॉक्यूमेंटरी में आप नहीं हो सकते.
ये क्लिप जन्म के बारे में हैं, और वे प्यार, बच्चे, बीमारी,
मृत्यु के बारे में हैं.
एक तरह से-- अधिकांश क्लिप एक तरह से
उस श्रेणी में आते हैं.
किसी के द्वारा एक दिन में लगभग 200 क्लिप, पांच या छः घंटे की सामग्री, देखने के बाद
वह कुछ-कुछ एक ऐसे थेरेपिस्ट जैसा अनुभव करेगा, जो
दिन के समाप्त होने पर लोगों की असीम प्रबल भावनाएं
और व्यक्तिगत जानकारी सुन कर थक जाता है
वैसे ही आप भी बुरी तरह से थक जाते हैं.
साधारण लोगों को उनकी सबसे मूल भावनाओं और विचारों को व्यक्त
करते हुए सुनना वास्तव में प्रबल और बहुत प्रत्यक्ष होता है.
और मुझे लगता है, फ़िल्म की यही बात सबसे अच्छी है कि
कुल मिलाकर इसमें ऐसी ईमानदारी है और
इसमें ऐसी प्रत्यक्षता है.
वह चीज़ जो पूरी फ़िल्म में स्थिरता से चलती है वह है समय की समझ
और जिसे प्राप्त करने हेतु एक प्रकार की स्पष्ट चीज़ माना गया है
मेरा मानना है, लेकिन यह भी कार्य करता है, और आपके पास
शुरुआत की समझ है और सारे लोग एक साथ उठ रहे हैं.
आप देखेंगे कि न्यूयॉर्क में एक लड़का यह बता रहा है कि
उसे दुनिया की कौन-सी चीज़ सबसे अच्छी लगती है, और गले में हार पहने
यह अद्भुत मसाई महिला अपनी झोपड़ी के बाहर खड़ी, बता रही है
कि उसे कौन-सी चीज़ सबसे अच्छी लगती है, यह
अंतर्विरोध बहुत अद्भुत लगता है.
कोई अनुक्रम बनाने के ये तरीके हैं जिसमें ऐसा लगता
है कि एक ही घटना हो रही है लेकिन ये कई भिन्न क्लिप की सहायता से होता है.
भारत में एक लड़का अपनी टोकरी से
एक अख़बार निकालता है.
कनाडा में एक अख़बार वाला लड़का दरवाज़े पर जाता है.
इटली में एक लड़का पत्र-पेटी में उसे डालता है, और
स्पेन में एक लड़का उसे निकालता है, और पेरू में एक व्यक्ति उसे खोलता है और पढ़ता है.
आपको लगा होगा कि यह एक कहानी है लेकिन वास्तव में यह
कई क्लिप से मिलकर बनी है जैसे कि फ़ैंकेंस्टीन के भाग.
यह एक ऐसी फ़िल्म है जो उन चीज़ों को गंभीरता से अन्वेषित करने का प्रयास
कर रही है, जिनके जीवंत होने की संभावना आज भी है और 24 जुलाई को
भी थी, जिनमें हर तरह की पीड़ा और हिंसा और डर शामिल हैं, लेकिन
उनमें प्यार और खुशी तथा उम्मीद और
आशा भी शामिल हैं जो उस दिन भी मौजूद थीं
और हर दिन मौजूद हैं.