Tip:
Highlight text to annotate it
X
अगर आपको पता है कि
वैश्विक आर्थिक व्यवस्था कैसे कार्य करती है
तो आप ये भी जानते है कि आप कौन सा खेल खेल रहे है।
और अगर आपको खेल और उसके नियम का पता नही जो आप खेल रहे है,
तो आपका अंत निश्चित है
आपका अंत निश्चित है।
जबसे फेडरल रीझर्व अस्तित्व मे आया है, हम एक झूठ मे जी रहे है।
हमारे स्तर को बनाये रखने
और समृद्धि को कायम रखने
ओबामा अपने शाशन में उनके आने और जाने के बीच ऋण को दुगना करके जाएँगे
अन्यथा सब कुछ खत्म होता चला जाएगा।
फेडरल रीझर्व सीधे राज्यकोष से ऋणपत्र खरीद रहे है
और उनको वे मात्रात्मक सहूलियत कहते है
और इसका सीधा मतलब यह है कि कोई आपातकालीन स्थिति चल रही है।
मैं देख सकता हू कि वहाँ पीछे ऐसा
इतिहास मे कुछ भी नहीं था,
जहॉं तक वित्तीय साधन का सवाल है ऐसा कुछ था
जो सोने और चांदी जैसा पक्का था जो मुद्रा आपुर्ती के लिए उत्तरदायी था।
ऐसी कोई संभावना नहीं है कि ऐसा नहीं होगा
फिलहाल एक औंस सोने के लगभग 1500 से 2000 डॉलर्स लगते है।
मुझे विश्वास है की अपस्फीति
पहले होगी,
और फिर दुनिया के सभी केंद्रीय बेंक
इस अपस्फीति से हमे बाहर निकालने के लिए पागलो की तरह नोट छापना चालू करेंगे और
बेन बरनांक इन सब मे सबसे आगे होंगे।
कर्जा इतना नही बढ़ना चाहिए कि जो आपकी अर्थव्यवस्था का 10 गुना हो जाये।
यह संभव नही है। सब कुछ अपने दर्दनाक पड़ाव पर आ जाता है।
मुझे आपको जताना चाहिए कि
विश्व के शेयर बाज़ार
और स्थावर संपदा बाज़ार बुलबुले है,
जो गिरावट जारी रखेंगे क्योंकि
ऐसा है कि
बाज़ार अपना उचित मूल्य
हासिल करना चाहते है।
यह एक संतूलन की तलाश में रहता है,
यही तो बाज़ार करना चाहते है।
यही तो उनका काम है।
वास्तव में,
आप समझिए कि हमारी पूरी वित्तीय व्यवस्था
काल्पनिक है।
वह सच में अस्तित्व में ही नही है सिर्फ इतना है कि हम सब एक सा ही सपना देख रहे है।
यदि कोई जागना चाहता है...
तो वह पूरा हुआ।
बहुत बहुत धन्यवाद।
मेरा नाम है माइक मेलेानी
बहुमूल्य धातू निवेश पर सबसे अधिक बिक्री वाली किताब का लेखक जो
सोने और चांदी में निवेश के लिए मार्गदर्शन देती है और यह हिस्सा है उस
‘रिच डॅड की एक श्रृंखला का, एक मूल किताब जिसे रॉर्बट कियॉस्की ने शुरू किया था।
रॉर्बट कियॉस्की कहते है, किताब लिखो
कोई अन्य निर्देश नही, किताब लिखो
और फिर मैने यह किताब लिखना शूरू कर दिया
ढाई साल के संशोधन के बाद और लिखा
लगभग सप्ताह में तीस घंटे।
हरेक सप्ताह,
पूरे ढाई साल तक लिखी गयी यह एक अच्छे संशोधन के साथ लिखी हुई किताब है।
एक बात जो मुझे खाती है
वह यह है कि इस जानकारी को अविरत बनाए रखना पूरी शुद्धता के साथ,
और इसे मैंने सचमे आसान बनाया है। मैं अर्थतज्ञ जैसे मील्टन फ्रीडमेन
की सारी किताबे पढता हूँ,
और एक खराब हिस्सा है
बेन बरनांक, यदि कभी आपको बेन बरनांक को पढना पढ़े तो मत पढ़ना !
वह एक खतरनाक लेखक है
सिर्फ खतरनाक
वे सभी एक दूसरे पर हावी होना चाहते हे और प्रभावित करना चाहते है।
और ऐसा करके वे दर्शाना चाहते है कि अर्थव्यवस्था कितना मुश्किल विषय है
और सबको लगता है कि अर्थशास्त्र उनकी समझ में क्यों नही आता।
यह सच में आसान है।
अर्थशास्त्र बहौत सरल है, अगर आप उनका निचोड़ निकाल ले,
और यह समझना इतना कठिन नहीं और यही मैंने मेरी किताब में
करने की कोशिश की है।
जिन्होने मेरी किताब नही पढ़ी है
लगभग 75% तक यह
सोने और चांदी में निवेश से संबन्धित नही है, यह धन के इतिहास के बारे में है,
और फिर विश्व अर्थव्यवस्था कैसे कार्य करती है, और संभवतः क्या हो सकता है।
आप जानते है कि हम कहाँ से आए है, हम कहाँ पर अभी है और वास्तव मे क्या कुछ हो सकता है।
फिर भी,
वास्तव में, मै सोने और चांदी के बारे में कम नही सोच सकता
मुझे सोना और चांदी नही चाहिए वह अभी अपने चक्र मे है।
इन धातु की ऐसी दयनीय दशा है
जिसमें नाही नगदी प्रवाह है या फिर कोई लाभांश की प्राप्ति
और इसलिए मुझे सोना और चांदी नही चाहिये।
यह ऐसा है कि बस अभी मुझे कुछ और नही चाहिये।
वह अभी अपने चक्र में है और मेरे विचार और मेरे अनुसंधान से,
बाकी अन्य सभी से, अच्छा प्रर्दशन करने वाले है,
तथा वह अन्य बहुत सारी चींजे खरीदने में सक्षम होने वाले है,
बहुत सारी अचल संपति,
बहुत ज्यादा स्टॉक्स,
बहुत ज्यादा तेल के कुएँ, खेत खलिहान
सही माने मे वास्तविक धन।
वह जो
इमारतों मे, रोजगार धंधो में, खेत-खलिहान मे जो कुछ भी है।
और लोगो को यह लगता है कि
अगर कोई आर्थिक आपति आती है, अगर कोई गिरावट होती है
तो वह बाद में जैसे व्यर्थ की आण्विक भूमि जैसा हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं है,
सब इमारतें वहॉं पर होंगी।
सिर्फ इतना ही होगा कि वे सब बिकाऊ होगी।
मुसीबत यह है कि
जब निवेश को बेचना हो तो उसे कोई खरीदने वाला नही होता है,
और निवेश की किंमते बढ़ने पर वे उनका पीछा करते है।
सोना और चांदी जैसे-जैसे उपर जाने
लगते है गर्म होते जाते है और जैसे ही उनके नीचे जाना का पता लगता है
अधिकांशतः बत्ती की तरह उसकी विक्री बंद हो जाती है,
और मैं नहीं चाहता हूँ कि किसी का
मृत्यु घंट बजे।
मैं नहीं चाहता हूँ कि ऐसा खराब किसी के साथ हो, मैं यह सोचता हूँ कि
सभी तथ्य मौजुद है।
हमारे नेताओं ने अर्थ व्यवस्था के लिए जो कुछ भी किया है
उससे यह होने ही वाला है, यह अपरिहार्य है
और में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जितना जल्दी हो सके,
चेतावनी दे रहा हूँ। मेरी कंपनी का एक मकसद यह है कि
जितना हो सके सोना और चांदी मध्यवर्गीय घरो मे जाने दे।
जितना जल्दी हो सके उतना, क्योंकी
जब बडी आर्थिक उथल–पुथल होगी, बडा राजकीय बदलाव आयेगा।
और सामान्यत: यह साथ–साथ होता है।
वेमर के जर्मनी में, 1923 में, तीव्र मुद्रा स्फीति थी
और 15 नवंबर 1923 को इस का अंत आया।
नवंबर 8 को तीव्र मुद्रा स्फीति के अंत के
एक सप्ताह पहले,
हिटलर की तुफानी सेना
बर्गरबाऊकलर के उस मुख्य दरवाजें पर मशीन गन ले के खडी थी़ जहां
एक राजकीय सभा चल रही थी, इस बड़े हाल मे
जहां लगभग 3000 लोग राजनीतिक भाषण सुन रहे थे,
और उस रात उसने वह सभा
बंदुक की नोक पर की
और वशीभूत दर्शकों के सामने भाषण दिया जिनसे दुनिया बदल गई।
किसी को हिटलर के नाम का पता नही था, कोई नहीं जानता था कि वह कौन था,
जब तक उसने निर्बल हो गए मध्य वर्गीय
जनता के सामने भाषण नहीं दिया।
लोग जो डरे हुए थे और किसी के नेतृत्व की प्रतीक्षा मे थे
और यहाँ एक प्रभावशाली बंदे ने अगुवाई ली, उन्हे राहत दिलाई
और बोला‘मुझे इससे बाहर निकलने का रास्ता पता है।
अगले दिन, उस ब्युरो हॉल मे मौजूद लोग
उसके पीछे चल दिये, सरकार को पलटने
एक सैनिक विप्लव के लिए,
लेकिन वह नाकामयाब हुआ
उसे बंदी बनाया गया, उस पर
राजद्रोह का जुर्म लगाया गया,
उसका मुकदमा पूरा एक महिना चला,
और उस दरम्यान राष्ट्र के कान उसकी तरफ लग गए।
सभी अखबारों मे चारो तरफ जर्मनी मे
वह छापा गया,
और न्यायाधीश उसकी बातों के प्रति सहानुभूति पूर्ण थे।
इसलिये उन्होने उसे अंत तक घंटो भाषण देने दिया,
और यह तब हुआ जब मध्यमवर्गीय डरा हुआ था उसे ताकत मिल गयी।
लोग अपने मतोंसे अपने देश का निर्माण करते है।
मध्यमवर्गीय जो राह पकड़ता है़, वहाँ देश चल पड़ता है
और
मै जिस बात से चिंतित हूँ
वह मेरे आथिॅक नुकसान के बारे मे नहीं
पर पूंजीवाद के नुकसान के बारे मे है।
हमारे जीवन की गुणवत्ता के बारे मे है, यह हमारे हको की स्वतन्त्रता का नुकसान है,
और मु़झे इसी की चिंता है।
और मैं जानता हूँ कि ऐसे लोग है जिन तक में नही पहुँच सकता
जो-सिक्स-पेक, मैं उस बंदे के बारे में बोल रहा हूँ
जो बीयर और फुटबॉल प्रेरित कोमा से बाहर निकलता है,
तेजी के अंत मे शिखर पर ख़रीदारी करता है,
में उनके लिये कुछ नही कर सकता,
मै आशा रखता हूँ कि मै आप सब के लिए कुछ न कुछ कर सकु।
यह संपत्ति का चक्र है।अगर आपके पास संपत्ति के ऐसे दो प्रकार है जो बढ रहे है,
उदाहरण के लिए, समझो आपके पास अचल संपति है जो निम्न स्तर पर है
और उपर है बहुमुल्य धातु,
इस आखरी दशक में
बहुमुल्य धातु ने अचल संपति और स्टॉक से अच्छा प्रर्दशन किया,
लेकिन सब कुछ बढ़ गया।
स्टॉक, बॉंड, अचल संपति, वस्तूएं और बहूमुल्य धातु भी बढ़ गये।
क्या यह संभव है?
क्या सब कुछ उपर जा सकता है? इसके बारे मे एक मिनट सोचिए।
अगर हमारे समाज मे इतना सब कुछ है और अगर आपके पास इनमे से
3–4 संपति के प्रकार है
और सभी लोग किसी एक के ही पीछे भाग रहे है बुलबुले होने तक
क्या तब वह मुद्रा को अन्य से दूर नहीं रखेगा? क्या तब बाकी नीचे नहीं जाएँगे?
लेकिन वे पिछले दशक में नीचे नही गऐ।
और यहॉं क्या हो रहा है अगर आपके पास ऐसी दो चीजे है जो उपर जा रही है,
आप जो नीचे है अगर उसमें निवेशित है,
तब आप उनको बेचकर उतना खरीद नही सकतें।
अगर आप इसमे निवेशित है आप जब बेचेंगे आप उससे ज्यादा आप खरीद सकोगे।
किमतों मे दोनो बढ़ रहे है़,
यह मुल्य में गिर रहा है,
जब इसे आप बेचते हो तो आप उतना सोना, अनाज या तेल नही ले सकते,
तेल के मुल्य मे आपका घर आधी कीमत का है जब 1999 मे, तेल
प्रति बेरल 10 डॉलर था।
इसलिए तेल के परिपेक्ष्य में आपके घर का मूल्य गिर गया और स्टॉक मार्केट
भी तेल के परिपेक्ष्य में गिर गया।
अगर आप अपने घर की तरफ देखे या फिर अपनी सभी संपति पर
और उन्हे किसी अन्य से विभाजीत करते है, जैसे आप उन्हे मापते है
गेहू की किंमत में
एक पाऊंड तांबे या फिर एक टन लोहे के रूप में,
डाउ के शेयर में या सोने के औंस मे,
आप कुछ नया जान पाएंगे
यह दो चीजे जो अंततः उपर जा रही है,
और जिन लोंगोने इसमें निवेश किया है उन निवेश कर्ताओंको,
अक्लवान निवेश कर्ताओं को, यह समझ में आ जाता है कि यह एक बुलबुला है और वह बेचने लगते है।
वे कम किमत वाली संपत्ती खरीदते है़,
और तब दौर पलटता है, यह हमेशा नही चल सकता और यदि ऐसा हुआ,
अगर सोने का प्रदर्शन अचल संपति से अच्छा रहा तो एक दिन ऐसा आयेगा जब
एक औंस सोने से पूरा ब्रम्हांड खरीदा जाएगा और हम सब जानते है कि
ऐसा कभी नही हो सकता। बराबर?
तो़
अंत में एक अधिक मुल्य का और दूसरा कम मुल्य का हो जाता है।
और चक्र पलटता है।
और चक्र पुनः उल्टा घुमता है
और हो यह रहा है कि वे इस दर से नोट छाप रहे है,
और इसकी वजह से आप उसे देख नही सकते है।लोग कहेंगे
मेरे घर का मुल्य 100,000 डॉलर्स से बढ़ गया,
उसके मुक़ाबले जो सन 2000 मे था या फिर
वह 20 फिसदी से बढ़ गया है,
लेकिन वास्तव मे अगर महगाईं 40 फिसदी थी तो असल में वह मूल्य में नीचे गया है।
वे यही बोलेंगे
आप जानते हो, उन्होने शेयर बजार देखा
और डाउ अभी मुश्किल से, अपने 2000 के स्तर के उपर है।
पिछले दशक मे स्टॉक्स एक तरफ़ी रहे है
तब हम मुद्रास्फीति मे थे, उन्होने मुद्रा का काफी विस्तार किया था
तो,
यदि आप एक चीज़ का मापन दूसरी चीज़ से करते है तो आप बीना मुद्रा के
एक वस्तु को दूसरी वस्तु से नापते है, आपको पता चलेगा कि
सबकुछ मुल्यांकन के जाल में फसा है,
जो अधिक मुल्य से कम मूल्य की ओर और फिर कम मुल्य से अधिक की तरफ जाता है,
और जिस चीज़ से आप नाप रहे है
वह बराबर उलटा आईने की तरह काम कर रहा है।
तरकीब यह है कि
अधिक मुल्य वाली संपति को
शिखर पर बेच दो और अगर मुमकीन है
कम मुल्य वाली संपति को पकड़ो, और मै इसे संपति-चक्र कहता हूँ।
और अगर आप ऐसा कर सको
तो संपति बढ़ाने का यह एक सच्चा मार्ग है, और आप झूठे मुल्यांकन से बाहर निकल रहे हो।
यह रहा एक असली उदाहरण। यह अंको मे नापा हुआ
डाउ है और अंक क्या है?
अंक आधारभुत स्टॉक के
डॉलर मुल्य से निकाले जाते है तो मुलत:
उसके अंक डॉलर्स है।
और अनेक सामान्य कारणो में से एक कारण उसे अंको मे नापना ऐसा है जैसे कि
आप लास वेगास जाते हो वह आपसे पैसे लेते है और आपको सिक्के देते है
वह प्लास्टिक के टूकडे होते है तो आप परवाह नही करते है आप सिर्फ मजा लेते है।
तो उसे अंको में बदलो,
और वह इतना बुरा भी नही जितना की “अरे! आप काफी कुछ डॉलर्स हार गए”
“वह इतने सारे अंक नीचे चला गया”
तो इस तरह डाउ को अंको में नापा जाता है लेकिन
आप 1900 से प्रति माह का, अब तक का,
ग्राफ देखे
और प्रत्येक दिन का डाऊ अंक आप लो और सोने की कीमत से उसे विभाजीत करो
तो आपको पता चलेगा कि
डाऊ का एक शेयर सोने के कितने औंस के बराबर है
और इस प्रकार वह सोने में मापित होता हुआ दिखेगा।
यह कहीं नही जा रहा है़।
यह सिर्फ 4 औंस सोने के मूल्य का मध्य है, इसका मतलब
है, सोने की किंमत डाऊ के अंको के एक चौथाई अंक पर होनी चाहिये और फिर चीजे
एक प्रकार से संतुलन में होगी
इसका उचित मुल्य तब है जब
डाऊ सोने की किंमत से सिर्फ चार गुना ज्यादा है।
लेकिन आप यहां यह देखते है कि
यह उचित मुल्य से 18 औंस सोने के खतरनाक मूल्य तक जाता है
बाद मे यह 2 औंस तक गिर जाता है, दुसरा बुलबुला 28 औंस सोने के मूल्य तक जाता है,
क्योंकी बुलबुला बड़ा था
क्योंकि उन्होने बीचमें बहुत नोट छापी, जब वह गिरा
तो वह सोने के 1 औंस मूल्य तक नीचे चला गया एक समय था 1980 में जब सोना 850 था
और डाऊ भी 850 अंको पर था,
डाऊ एक औंस सोना खरीद सकता था, मतलब कि आप
डाऊ बेचकर नगदी से खरीदे तो सिर्फ एक औंस सोना खरीद सकते थे।
और फिर हम इतिहास के एक बडे बुलबुले की तरफ जा रहे थे।
इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ, केवल 1999–2000 के समय में
जब सोना अप्रिय और उपेक्षित किया गया,
वैसा कभी नही हुआ। वह किसी राष्ट्र की संपति नही थी।
और पूरे 20 साल तक वह उपेक्षित रहा वह सबसे खराब निवेश था जिसे कोई नहीं चाहता था।
इसे देखिये,
यहाँ डाऊ की कीमत सोने में नापी है। इसे पलट दो
और आपको मिलेगी सोने की किंमत डाऊ में
इन दोनो चीजों को एक साथ रखो,
और आप पाएंगे कि यहां एक चक्र है
अगर आप 1929 तक स्टॉक्स के साथ रहे
और फिर आपने अपने स्टॉक्स बेच डाले और सोना खरीदा
और फिर 1932 तक सोने मे रहे,
और फिर, मेरा मतलब है, स्टॉक्स में वापस चले गए,
और फिर 1980 तक सोने में पुनः चले गए,
और इस तरह
अरे!
यह धन कमाने का सच्चा रास्ता है मेरा मतलब है आप यहा
बडे पैमाने पर लाभ कमा रहे हो ।
मैं अपनी किताब मे दो काल्पनिक चित्र दिखाता हूँ
उसी समय अंतराल में एक तो 35 डॉलर सें 11000 डॉलर तक जाता है
और दुसरा 35 डॉलर से 11 मिलियन डॉलर तक
और इस फर्क से बनता है एक वंश परंपरा का निर्माण
दूसरे मे व्यक्ति
अपना खर्च भी मुश्किल से निकाल पाता है।
यह
सोना-डाऊ अनुपात है बजाय कि डाऊ-सोना अनुपात
तो आप प्रत्येक औंस सोने की किंमत नाप रहे हो डाऊ शेयर के प्रतिशत से
जो वह खरीद सकता है,
और पता चल रहा है कि
कि सोना बुलबुले के कहीं भी करीब नही है, जो काफी कम मुल्य पर है और अभी उसको उपर जाना है़
औसतन 25 प्रतिशत या फिर उससे ज्यादा
और
इतिहास में प्रत्येक बुलबुले में और कुदरत मे भी, वास्तव मे
मैं एक इलेक्ट्रॉनिक इंजिनिअर था
भौतिकशास्त्र में,
जब कुछ विचित्र हो रहा हो, जब वह औसत की तरफ वापस आ रहा हो
तब वह सीमा लांघ कर आगे चला जाता है,
तो मैं एक ऐसे दिन की अपेक्षा कर रहा हूं
जब सोने की कीमत दुगनी हो या डाऊ के अंको से अधिक
यही चांदी-डाऊ अनुपात है।
चांदी
जैसे
अभी मैने बोला, यहां लाभ मिनटो में होना चाहीये।
यहाँ सिर्फ सोना है पिछले दशक का।
में किसी को भी चुनौती देता हूँ कि कोई स्टॉक या इंडेक्स या कुछ भी ऐसा खोज निकाले
जो पिछले 10 साल से उतना अच्छा लग रहा हो।
यह पक्का चार्ट है़। यह पूरी तेजी मे है।
यहाँ सोने के बारे मे कुछ भी नहीं कहा गया है,
यह सब जानकारी जो आप देख रहे है वह एक तकनीकि विश्लेषक देखता है
जब वे यह पता लगाने की
कोशिश कर रहे होते है, इस नतीजे पर पहुँचने के लिए कि कौनसी संपति खरीदनी है या फिर बेचनी है
और यह सब निर्देश दे रहा है कि
सोना संभवतः इसी तरह बढता रहेगा। यहाँ पर
कुछ भी मंदी का संकेत नही है
यह SP 500 है पिछले दशक का
जो अमेरिका के 500 बडे कंपनीयों के स्टॉक्स का प्रतिनिधित्व करता है और साथ मे वहॉं सोना है,
आह...
यहां है हमारे
पास चांदी और...
मैं हालही में आठवे वार्षिक बॅंक संमेलन
सोकी, रूस में बोला था
यह बहुत बडा बेंकिंग संमेलन है, पुरे युरोप और रशिया के लिए।
और मैं उन्हे दिखा रहा था अंत तक, उन्होने मुझे रोका 323 00:17:08,429 --> 00:17:09,380 वह काफी दिलचस्प था
में अपने समय से बाहर जा रहा था,
और यह आवाज लाऊड स्पीकर पर सुनाई दे रेही थी
और यह उनके संसद के वित्तीय मंत्री थे,
मुझे कह रहे थे, “मि॰ मेलोनी, मि॰ मेलोनी आपको अब रूकना होगा मि॰ मेलोनी”
वे मुझे बीचमें रोकने की कोशीश कर रहे थे जब मैं यह जानकारी दे रहा था,
जो वह इस संमेलन मे नही होने देना चाहते थे,
और तब
वह बाद में मेरे पास आए, उनके पास मेरे किताब की खरीदी हुई कॉपी थी,
उन्हे उसमें मेरे हस्ताक्षर चाहिए थे।
ओह,“वैसे हमारे मेज पर बाद मे आईए, हम दे रहे है
यहाँ 100 ट्रिलीयन डॉलर्स के बिल, यह वास्तविक है, यह झिम्बाब्वे से है”
200 ट्रिलीयन डोलर्स उनकी मेज पर दे रहे थे,
तो ओह...
आओ और आपके 100 ट्रिलीयन ले लो
ठीक है, तो...
मै दिखा रहा था कि यहाँ उल्टा हेड और सोल्डर बन रहा है
और यह उसी तरहसे उलटा भी काम करता है जैसे यह सही साइड में ऊपर की तरफ।
आप देख सकते है कि हेड लटक रहा है उसी तरह से जैसे आदमी अपने पैर पर लटका हो।
यह जो नीले रंग में हेड और सोल्डर मैं बना रहा हूँ
और तब,
आप
आप खींचते हो नेक लाइन के आर पार और आप हेड को उलटा कर के देखते हो
और आप पाते हो... अगर आप गूगल
पर ‘10 डॉलर ऑइल’ देखो तो आप देखोगे वीडियो पर
जब वह मुझे रोक रहे है और मैं इसे थोडा छाक रहा हूँ
मुझे यह विश्लेषीत करने का मौका नही मिल रहा है, लेकिन मै एक अनुमान कर रहा था की चांदी में एक बडी हलचल आएगी
और सोचिए क्या?
और चांदी मैं ऐसा ही हुआ।
यह दोगुना हो गया
वहाँ से जहां पर यह था।
यह चांदी की स्पॉट किंमत है।
यह चांदी के IOUs की किमत है, सोने और चांदी की किंमत
लोग तय करते है। मैं 5000 औंस चांदी का ऋणी हूँ, मैं
5000 औंस चांदी का ऋणी हूँ, में 5000 औंस चांदी का ऋणी हूँ और
इन सबको समर्पित करता हूँ,
इन IOUs का व्यापार कोमोडिटी एक्सेंज पर हो रहा है
और इससे वैश्विक स्पॉट किंमत तय होती है।
आप इसे खुला रख कर भी कर सकते हो... जिसे खुला शॉट कहते है, अगर आपके पास
चांदी नही है, अगर आप चांदी के ढेर पर नही बैंठे हो और यदि आप IOUs लिख रहे हो़
आप उन्हे फिर भी बेच सकते हो।
और कुछ बड़ी बेंक ऐसा करती है, जैसे कि J.P.Morgan और वह बाजार को नीचे ले जाते है
और तब
वे आकर पहले की गयी शॉर्ट-बिक्री को पूरा करते है वे IOUs को वापिस कम कीमत मे खरीदते है
उसकी तुलना में जब उन्होने बेचा था और वह इस तरफ फर्क का लाभ उठाते है।
वह लोगो को और फंडो को निचोड़ लेते है जिन्हों ने चाँदी मे निवेश किया
सेकडो मिलीयन डॉलर्स के रूप में
वे यह हमेशा करते है, लगातार वे ऐसा करते रहे है।
चांदी इस बार काफी नीचे चली गयी और सोना भी,
और निवेशक जो देख रहे थे उन्हे पता चला कि यह काफी सस्ता है,
और सभी को कुछ न कुछ चाहिए जिससे उसमे कमी आ गयी और,
पूरे भारत, युरोप, और उत्तरी अमेरिका
में कपबोर्ड्स खाली थे।
सिर्फ 3 महिने थे जब एक समय पर हमे
चांदी का केवल एक उत्पाद मिलता था और हमारे पास कोई सोना नही था।
और मैने दुनिया के 4 बडे थोक व्यापारीयोंसे सौदा किया और वह हमारे लिए सोना
नही पा सके ।
लोगोको यह समझ नही आता है कि दुनिया में कितना सोना और चांदी है।
दुनिया में 6.6 बिलीयन लेाग है,
और केवल 2.2 बीलीयन औंस सोना है
प्रति व्यक्ति के लिए एक तिहाई औंस। चांदी उससे भी दुर्लभ है। प्रति व्यक्ति वह
सिर्फ एक औस का 14 वा भाग है।
इसका मतलब हुआ, 14 लोगो को एक औंस चांदी बांटनी होगी।
और अभी़
आप अपने पैसे से़ बहुत सारी
खरीद सकते हो।
उफ...
यहां में एक छोटा सा
विषयांतर लुंगा
मैने मुद्रा और पैसे के बीच का फर्क स्पष्ट नही किया,
और आप मुझे कहते हुए सुनेंगे मुद्रा, मुद्रा, मुद्रा, बार-बार
प्रथम विश्व युद्ध से पहले,
उफ...
एक डॉलर के सामने अमरीका में
प्रत्येक नोट जो प्रकट होती थी, प्रत्येक डॉलर जो अस्तित्व मे है
बताती है कि यूनाइटेड स्टेट्स कोषागार मे
20 डॉलर्स सोने के सिक्को के रूप में जमा हो रहे है और मांगे जाने पर वाहक को दिए जाएंगे.
धन कोष में था,
मुद्रा एक पर्ची की तरह था जो आप को दी गई, वह एक‘क्लेम चेक’ था,
सिर्फ एक ‘क्लेम चेक’ उसी तरह से
जैसे आप धोबी के पास जाते हो और उसे अपना शर्ट देते हो
और वह आपकी कमीज के लिए पर्चीनुमा क्लेम चेक देते है।
किंमत है शर्ट जो धोबी के पास है, कोई कागज का टुकड़ा नहीं
जो कहता है की वह कमीज़ आपकी है.
तो जो मुद्रा प्रसारित हो रही थी,
वह डॉलर के पर्चे थे और थे क्लेम चेक्स,
और लोंगोको यह समझमें नही आता था, पैसे की एक संचित किंमत होनी चाहीए।
सोना और चांदी ही पैसे के रूप में मान्यता पाते है
आपको चाहिये वे सब विशेषताएं उसमें है। वह टिकाऊ है, और वहनीय है।
विभाज्य है, और फिर लंबे समय के लिए
पैसे की एक कीमत होती है।
बहुत सारी चीजों में से एक चीज़ जिनसे मैं हमेशा शुरुआत करता हूँ,
वह यह है कि मुद्रा कैसे निर्माण की जाती है क्योंकी अगर आपको यह पता है कि विश्व की वित्तीय प्रणाली कैसे काम करती है
तो आपको यह पता है की आप कौनसा खेल खेल रहे है
और अगर आपको खेल और उनके नियमों का पता नहीं है
तो आप मरने वाले है,
आप मरने वाले है।
तो,
यह जानकारी आपके सफल होने की संभावनाओं को
सौ गुना बढ़ाती है।
तो उफ...
जब आप और मै कभी कोई चेक लिखते है तब खातें मे पर्याप्त धन होना चाहीये,
उस चेक के भुगतान के लिये।
जब फेडरल रिझर्व चेक लिखती है,
बैक मे आवश्यक पैसा नही है जिस पर वह चेक लिखा जाता है।
जब फेडरल रिझर्व
चेक लिखती है
तो वह धन का निर्माण कर रही है।
और वह
बोस्टन फेडरल रिझर्व के वेबसाईट के जरिये आसानीसे पेश कर रही है।
मूल रूप से,
यह इस तरह से काम करता है: जैसे अमरीका का व्यापारी US कोषागार है।
उफ...परंतु हर देश के पास हमारा जैसा कोषागार है
इसलिए दुनियाभर के कोषागार
ऋणपत्र निर्माण करते है और ऋणपत्र क्या है? ऋणपत्र सिर्फ IOU है
मुझे एक ट्रिलीयन डॉलर दो और मैं वादा करता हूँ कि अगले 30 सालों मे
आपको 2 ट्रिलीयन डॉलर वापस दूंगा
मुलत: यह ऋणपत्र है, एक IOU
और वहां बीच में कुछ खुले बाजार ऑपरेशन है,
मै आप को जल्दी से बताने वाला हूँ
खुले बाजार ऑपरेशन सिर्फ एक खेल है
जो चित्र को अस्पष्ट बनाता है वास्तव में जो चल रहा है उसके विषय में।
तो बेंक्स, कोषागार निलामी मे हिस्सा लेते है जिन्हे प्राथमिक डीलर भी
कहा जाता है,
और फिर फेडरल बेंक आता है और खूले बाजार ऑपरेशन के तहत
वह बेंक के नाम पर चेक लिखते है और वह उस बेंक से ऋणपत्र खरीदते है,
तो फेडरल रिझर्व
ऋणपत्र लेते है,
लेकिन तब
अगले महिने वह बेंक कोषागार निलामी में फिर से भाग लेते है,
अब कोषागार के पास डॉलर्स है
और फेडरल रिझर्व के पास ऋणपत्र और यह प्रक्रिया फिर से और
फिर से दोहराई जाती है।
और वहां कोषागार में डॉलर्स जमा होते है
और फेडरल रिझर्व के पास ऋणपत्र,
तो,
हम IOU के जरिये मुद्रा उधार लेते है, वह ऋणपत्र
और फेडरल रिझर्व बडा चेक बुक खोलते है
जिसमें एक भी पैसा नही होता
और एक कल्पित चेक लिखते है और
वह कोषागार को देते है,
डॉलर अस्तित्व में आता है
फिर कोषागार सरकार के विविध विभागो में वह जमा करता है
और सरकार घाटा करके कुछ खर्च करती है,
सामाजिक कार्यो पर। लोगो पर ओर युद्ध पर
और अदा करती है
उह...
सरकारी कर्मचारीयों को, ठेंकेदारो को, और सैनिकों को देती है.
और वह सब लोग अपने निजी खातें मे जमा करते है,
“बेंक्स लोगो के धंधो के निजी और वैयक्तीक ऋण का मुद्रीकरण कर पैसा पैदा करती है”,
और
फेडरल रिझर्व बेंक ऑफ न्युयॉर्क
तो अब आंशिक रीझर्व लेंडिंग का चमत्कार खेल में आता है।.
आंशिक रीझर्व लेंडिंग का अर्थ यही है कि
वे जो पाते है उनका एक अंश सुरक्षित करते है,
अगर आप बॅक जाते है और 100 डॉलर्स जमा करते है,
तो बेंक 10 डॉलर्स आपके चेकिंग खाते में रखती है अगर आप को
उस 100 डॉलर्स मे से कुछ जरूरत पड़ जाएँ
और आपको बताए बिना उन्हे 90 डॉलर्स लेने के लिए मिल जाते है
आपके चेकिंग खातें में वे जितना बोलते है उतनी राशि कभी नही रहती।
उसमे से उन्होने बहुत सारी राशि उधार ले ली है,
और वह इसे अन्य लोगो को व्याज पर देने वाले है।
जब लोग उनके ऋणपर दस्तखत करते है, मुद्रा वास्तव में निर्मीत हो जाती है क्योंकि
आपके 100 डॉलर्स जमा है,
और उनके पास 90 यानि कि कुल मिलाकर 190,
फिर
वह जाते है और कुछ खरीदते है यही कारण है की वह कर्ज लेते है।
वह घर लेते है या गाडी,
या ऐसा ही कुछ,
और जब वह खरीदते है
विक्रेता फिर उसको अपने बॅक मे जमा करता है मतलब 90 डॉलर्स
जमा होते है और फिर वह 90 फीसदी उसमेसे उठाते है।
मतलब 81 डॉलर्स,
मतलब अब जमा करने के लिए 271 डॉलर्स है। आपने देखा
कैसे यहाँ बॅक के द्वारा मुद्रा का प्रसार होता है?
और वह प्रक्रीया बार–बार होती है,
और 10 फिसदी रीझर्व-रेसीओ के तहत,
हर जमा डॉलर 10 डॉलर्स निर्माण कर सकता है।
तो अगर आपने मूल पैसे में एक ट्रीलीयन जमा किए तो आप 10 ट्रिलीयन पैदा करते है,
उफ... और
मूलतः यही है। और कुछ नही। हमारी पूरी मुद्रा आपूर्ती
या तो IOUs है
या IOUs की प्राप्तीयां।
बस यही है।
यह सब एक काल्पनिक समझोता है और यह कीमत पैदा कर रहा है
जैसा कि आपने कल अनुभव किया कि डॉलर से आपने कुछ लिया
आप यह उम्मीद करते है कि कल भी वही होगा।
तो आपके पास यह समझोता है जो,
मूलतः
आपको पता है, पूरी मुद्रा प्रणाली
काल्पनिक है।
यह सचमें अस्तित्व में नही है ,बस हम सब कुछ एक कल्पना चित्र है।
अगर कोई जागने की कोशीश करे तो
वह सब खत्म हो जाता है
तो बस यह कुछ डोलर्स है, जो दौड़ते है
इधर उधर की योजना में डाले जाते है जहां कोषागार
और फेडरल रिझर्व एक दुसरे के लिए IOUs लिखते है,
चेक एक IOU है ऋणपत्र एक IOU है
और वह IOUs की अदला बदली करते है। डॉलर्स अस्तित्व में आते है।
डॉलर्स एक प्राप्ती है या फिर क्लेम चेक है
एक IOU
फिर बाकी मुद्रा आपुर्ती
सिर्फ अंक होती है, जो बॅक अपने कॉम्पुटर में डालती है।.
वह अस्तित्व में नही होती।
मेरी किताब में,
मैं उन चीजों को
धन कहता हूँ जहां धन क्या है, यह मैं स्पष्ट कर सकू।
और मुद्रा और धन में फर्क और ठीक वहाँ से आगे
मैं केवल सोना और चांदी को धन मानता हूँ
और बाकी सब को मैं मुद्रा बोलता हूँ
लेकीन मूल पाण्डूलिपी मे,
जब मैं महाकाय मुद्रा निर्माण के बारे में कि जो चालू है, बोलना चालू करता हूँ
और कैसे
बेंक्स दुनियाभर में मुद्रा का दूषण फैला रहे है
और कैसे यह जादुई तंत्र काम करता है,
मे इसे अंको की आपुर्ती के रूप में बोलूँगा
M3 अंक आपुर्ती,
उफ...मूल आपुर्ती क्योकि
वह सिर्फ अंक है जो किसी ने बनाए है, मैं अंक लिख सकता हूँ
और इस तरह किसी को दे सकता हूँ
वह बनाते है, कंप्यूटर मे लिखते है यह
सिर्फ अंको की आपुर्ती है। कुल कितने अंक है ?
अगणीत
तो यह सिर्फ अंक की आपुर्ती है।.
लेकीन यह सत्य बन जाती है
जब आप उनमें से कुछ मुद्रा आपुर्ती के लिए
काम करते है, वह अंक आपुर्ती
और उस मुद्दे पर,
आपका रक्त, पसीना, श्रम, कल्पना ओर होशीयारी दिखाता है।.
आप ही हो जो मुद्रा आपुर्ती को कीमत देते हो।
आपके बिना उसकी कुछ कीमत नही होती.
और जिस तरह से वह कीमत लागू हुई है वह एक भयानक काम है।
समझ लो आप मुद्रा आपुर्ती का कुछ भाग बचा कर रखते है तो आप
अमरीका मे कर अधिकारी को कर अदा कर सकते है जिसे IRS कहा जाता है।
तो वे वह कोषागार को दे सकते है और कोषागार
मूल रकम और व्याज,
उस ऋणपत्र पर,
जो एक चेक के द्वारा कुछ न होने पर भी दिया गया था
तो आप यह देख सकते है, बराबर
सभी जानते है यह कैसे काम करता है?
यहाँ एक और मजाक है
उस ऋण पत्र पर ब्याज बाकी था।
मुझे आपसे पुछना है अगर आप उपलब्ध डॉलर लेते है और वह
एक मात्र पृथ्वी पर उपलब्ध डॉलर है और आपने 2 डॉलर वापस करने का
वादा किया है।
आपको दूसरा डॉलर कहां मिलेगा?
किसीके पास इसका जवाब है?
आपने उपलब्ध मे से उसे उधार लिया है।
जब लोग बोलते है कि वे मुद्रा छाप रहे है,
वह गलत है।
पहले तो वह मुद्रा छाप रहे है लेकिन फिर मुद्रा उधार ले रहे है
जो उपलब्ध है ।
फेडरल केवल मुद्रा छापती नही,
वह हमे भविष्य में कर्जे मे डालती है।
प्रत्येक ऋण जो हमने बेंक से लिया
जिसने हमारी बडी मुद्रा आपूर्ती का निर्माण किया मुद्रा आपुर्ती का 95 फिसदी,
करीब-करीब,
बॅकॉ द्वारा निर्मित है
उफ...मुझे लगता है यह अब 93 फिसदी है
और फेडरल रिझर्व ने 7 फिसदी निर्माण किया
लेकिन उफ...
आर्थिक संकट के पहले
वास्तविक पेपर डोलर्स जो फेडरल रिझर्व और कोषागार सच में निर्माण करते है
वह मूल डॉलर्स है मै इसे मूल मुद्रा कहता हूँ ।
उफ...और तब हम
बाकी मुद्रा बेंक जाकर
तैयार करते है
घर के लिए उधार लेकर, खाद्य-सामग्री खरीद कर या फिर ऐसे ही कुछ और
क्रेडीट कार्ड इस्तमाल कर हम मुद्रा आपुर्ती का निर्माण करते है।
जब आप क्रेडीट कार्ड की पर्ची पर दस्तखत करते हो आप मुद्रा आपुर्ती इस धरती पर
बढ़ाते हो।
इस प्रणाली का दोष यह है कि
हर महिने ऋणपत्र पर
मुल राशि और व्याज की रकम
देय है
और आप के घर के लिए हफ्ता देय होता है और आप की गाडी के लिए भी और हर महिना
आपके क्रेडीट कार्ड पर
आपको भुगतान देना है,
उस मुद्रा के लिए जो आपने उधार लिया था।
और वह भुगतान उस मुद्रा को मिटाता है कि जो आपने ली थी
तो मुद्रा आपुर्ती गिरना चालू होती है।
यह प्रणाली
चाहती है कि
हम हर महिना पिछले महिने के मुकाबले ऋण मे डूबते जाए
हमे हमेशा उससे ज्यादा मुद्रा उधार लेनी है
जितना कि हम उसे हर महीने खतम करते है
अन्यथा पूरी प्रणाली गिरना चालू हो जाती है,
और
मै आपको यह गिरावट क्या है यह एक मिनट में दिखाता हूँ
लेकिन पहले मै आपको मूल मुद्रा दिखाऊॅंगा यह वास्तविक
डॉलर्स है। उफ... यह मूलतः रोकड़ है जो संचार में है।
साथ में बड़े कोमर्सियल बेंकों की फेडरल रिझर्व के पास जमा राशि है
उह...सभी बॅंको का फेडरल रिझर्व के पास चेकिंग खाता रहता है
और उनकी जमा राशि डॉलर्स मे देय रहती है तो यह एक माप है इस बात का कि
कितने पेपर डॉलर्स अस्तित्व में है.
कुल 200 साल लग गए शुन्य से
625 बिलीयन
डॉलर्स तक जाने के लिये
और तब आया 2008 का आर्थिक संकट।
और उसे तीन गुना बनाने के लिए सिर्फ ढाई साल लगे.
अभी लगभग उफ...
दो साल पहले 825
से 2.4 ट्रीलीयन डोलर्स की मूल मुद्रा
का विस्तार था,
तो यह समझ आता है कि मुद्रा आपुर्ती इस विश्व मे बढ़ रही है
ओर जब इस तरफ आप देखे 630 00:33:13,539 --> 00:33:16,950 सभी अर्थशास्त्री और समाचारपत्र लेखक मुद्रास्फीती मुद्रास्फीति, के बारे में बोल रहे है
मुद्रास्फीती कायम है और यह रहने वाली है।
मुझे लगता है यह होने वाला है। मैने अपनी किताब मे
लिखा था कि हमे अपस्फीति का खतरा रहेगा
ओर उसके बाद बडी तीव्र मुद्रास्फीती
जो पहले से ही थी, और
वास्तविक मुद्रा अपस्फीति उसके पीछे-पीछे रहेगी जो मुद्रा संचार को
खतम कर देगी: मुद्रास्फीती, अपस्फीति
मुद्रा विस्तार या मुद्रा संकोचन को माना जाता है
मूल्य बढ्ने लगते है लेकिन थोड़ी देर के बाद
उफ... और तब उफ... ग्राहक मुद्रा आंक
आपकी आंख को दूर रखता है
अगर आप देख सके कि मुद्रा आपुर्ती मे क्या हो रहा है,
आप भविष्य मे देख रहे है।
और मुझे लगता है की पहले अपस्फीति होगी
ओर फिर दुनिया के सभी केंद्रीय बेंक्स
उस अपस्फीति से बाहर आने के लिए पागलों की तरह नोट छापना चालु करेंगे
और बेन बेरनांक उसका नेतृत्व करेंगे,
और तब
पीछे
मार्च 2006 में
उफ...फेडरल रिझर्व ने
मुद्रा आपुर्ती का बडा माप-दंड छिपाया
मुद्रा आपुर्ती जो M1, M2 और M3 है
उह... M1 उह...
रोकड़ जो संचार मे है
उफ...
और चेकिग,
चेकिग खाते
उफ... M3
जो एक बड़े से बड़ा माप था, जिसमे
सभी प्रकार की बेंक डिपोजिट्स शामिल थी
पूरी मुद्रा आपुर्ती नही, पूरी मुद्रा आपुर्ती
तो कुल क्रेडिट है
तो आज लगभग 53 ट्रिलीयन ओर यह उफ...
ठहरने और सिकुड़ने लगी।
लेकीन M3, वह हर महिने प्रकाशित किया करते थे।
वह एक उफ...मुद्रा आपुर्ती का नाप था जो लगभग सभी
समाचारपत्र लेखक उफ... इस खबर को देने वाले थे
और मार्च 2006 मे, फेडरल ने हमसे यह कहते हुए छुपाया कि
पूरी जानकारी को संकलित करना काफी खर्चीला था
और वह अर्थहीन भी था कि जो
आप M2 से प्राप्त न कर सके।
अब यहा असली बात है.
एक
उफ...M3 फेडरल द्वारा प्रकाशित सभी
मुद्रा राशि को ले
ओर उन्हे जोड़े ओर आपको M3 मिलेगा.
एक मात्र जो वह प्रकाशित नही करते वह है
युरो डॉलर्स।
मुझे याद नही हाँ, मुझे लगता है वह युरो डॉलर्स है
वह M3 का 0.6 प्रतिशत था।
तो आप अभी भी फिर से M3 बना सकते है
0.6 प्रतिशत त्रुटि के साथ
ओर काफी कंपनीया ऐसा करती है। शेडो स्टेट्स, शेडो सरकारी आंकड़े,
या फिर shadowstats.com
उनमें से एक है, यह जॉन विलियम्स की देन है। वह उन लोंगो मे से है जो यह सब
करते है ओर वो सभी लोग जो अपने आंकड़े निकालते है उनसे सहमत है
तो मे करीब-करीब 99.4 प्रतिशत तक
क्योंकि 0.6 प्रतिशत इधर-उधर होने की वजह से,
मैं 99.4 प्रतिशत
तक सही हूँ कि
यह जानकारी सही है।
और जो आप यहाँ देखते हो, मुद्रा आपुर्ती मे
थोडी गिरावट
जारी है,
और यह बहुत बड़ी नही है जो हुई है। कोई 15 या करीब
14॰7 ट्रीलीयन डोलर्स से थोड़ा नीचे 14 ट्रिलीयन
डॉलर्स तक
M3 मे,
लेकीन मूल मुद्रा
M3 का एक भाग है। जो नीचे का लाल भाग उसका एक हिस्सा है,
और वह उसको पागलों की तरह उपर ढकेल रहे है।
क्यों? क्योंकि उधारी का मामला अभी कम होता जा रहा है।
जब आप M3 के इस
क्रेडिट भाग मे से मूल रकम
निकाल लेते है तो
जो भाग बचता है वह हमारा उधार लिया हिस्सा है
वह यह दिखाता है कि अतिगिरावट हो रही है। यह M3
ऋण मूल रकम है
ओर मुद्रा आपूर्ति मे 1.7 ट्रीलीयन डॉलर्स
की गिरावट है। यह लगभग 13 प्रतिशत है,
अब इतिहास मे ऐसा कभी नही हुआ, यह पीछे
1960 मे हुआ
सिवाय ग्रेट डिप्रेसन की शुरुआत मे
वह अंतिम बार हुआ था जब मुद्रा के संकोचन के कारण,
ग्रेट डिप्रेसन की शुरुआत हुई थी।
सामान्यतः इस तरह की घटना मे होने और जनता द्वारा महसूस होने के बीच
एक समय का अंतराल रहता है।
इसलिये फेडरल रिझर्व
पागलों की तरह मुद्रा उधार ले रही है
और वह अब ऋणपत्र सीधे खरीद रहे है
वह अब खुले बाजार की कार्य प्रणाली मे भी नही जाते,
इस तरह जो चल रहा है वह आपको दिखाई नहीं देता,
वह कोषागार से सीधे ऋणपत्र खरीद रहे है , उसे यह मात्रात्मक सुविधा
कहते है
और इसका मतलब यह है कि वहां आपात स्थिति चल रही है।
वह हमें बता रहे है कि सब कुछ ठीक है,
आपको पता है,
उनके सब आपातकालीन उपायों ने सब कुछ ठीक कर दिया और अर्थव्यवस्था ठीक है।
यहाँ इस नर्क मे क्या कुछ ठीक चल रहा है?
पिछले कुछ महिनों से यह मात्रात्मक सुविधा का भाग क्यो है,
मुद्रा का प्रसार क्यो हो रहा है ?
उफ...
2 ट्रिलीयन से
2.4 ट्रिलीयन तक?
यदि सब कुछ ठीक होता,
तो फेडरल रिझर्व ऐसा सब कुछ नहीं करता
वे डरे हुए है और इसलिए सब कुछ कर रहे है
वे जो कुछ भी कर सकते है कर रहे है ताकि इस अपस्फीति से बचा जा सके
जिसकी मैने अपनी किताब मे घोषणा की थी
उह... आपको पता है
मैने सोना पहले खरीदना शुरू तब किया जब वह 325 डॉलर
प्रति औंस था।
वास्तव मे वह 315 पर था।
उफ...
326 गोल्डेन इगल्स के लिये
उफ...वह ऑक्टोंबर 2002 था,
अप्रैल 2003 तक मैने चांदी भी खोज ली थी
और मैं उसमे था।
मैं देख सकता हूँ, मैं 2001 और 2002 मे पढ रहा था,
वैश्विक अर्थव्यवस्था मे क्या चल रहा है इसका मैं हर दिन अभ्यास कर रहा था,
मुझे इसकी आदत लग गई थी।
और अक्तूबर 2002 तक मैं समर्पित हो चुका था
और अप्रैल 2003 तक मै इसमे था़। सन 2004 मे
मैने इस पर बोलना शुरू किया।
सन 2005 मे मैने goldsilver.com की स्थापना की और
बहुमूल्य धातु का व्यापारी बन गया और मेरी किताब लिखना शुरू की ओर वह सन 2008 मे प्रकाशीत हुई,
तो मैने न केवल अपना पोर्टफोलियो इस पर बनाया अपनी पूरी जिंदगी इस पर लगा दी।
मै देख सकता हूँ कि
इतिहास मे जहां तक अर्थ का संबंध है इतनी पक्की संभावना कभी नहीं रही,
निश्चित तौर पर
सोने और चांदी का उपयोग सीधे फियाट मुद्रा-प्रसार के रूप मे
सोने और चांदी का नामांकन
इस मूल करेंसी के रूप मे हुआ, ये डिजिटल अंक कि जो वह कॉम्प्युटर मे डालते है
और कागदी नोट ताकि छपाईखाने की जरूरत न रहे और यह सब उधार
मे लिया गया।
समय समय पर, इतिहास मे पिछले 2400 सालों मे,
उन्होने यह किया है।
यह है...
नीची रेखा कोषागार मे रखे सोने का मुल्य है
उफ...
तो सोने की कीमत औंस और उसके मूल्य के गुणनफल के आधार पर
उपर की रेखा
संचार मे होनेवाली मुद्रा है, मूल मुद्रा,
और यह सन 1918 से है और
सन 1929 मे लोगो ने शेयर बाजार को टूटते हुए देखा और
सन 1930 मे सोने के लिये पूछ-तांछ करते हुए देखा
लेकिन उन्होने सोने के लिए बहुत ज्यादा प्राप्तियाँ छाप दी। अगर आप प्रथम विश्व युद्ध
के पीछे जाएं तो यह दो रेखाए मिलती दिखाई देगी।
वे वहॉं भिन्न हो जाती है और हमने यह रेखा वहां
निकाली है जहॉं हम सोने की सारी प्राप्तियाँ निकाल रहे थे, सोने के सारे क्लेमचेक्स
जो अस्तित्व मे नही थे।
जब लोगो को वह चाहिये था,
रूज़वेल्ट ने व्यक्तिगत मालिकी को गैरकानुनी घोषित कर दिया था क्योंकि तब सोने की
काफी मांग थी,
ओर अमेरिका मे लोग सोना नही ले सकते थे।
उससे एक साल बाद, डोलर्स को सोने से अलग कर दिया
ओर डॉलर्स की कीमत
गिर गयी।
तो ऐसा हुआ कि, एक ओंस सोना खरीदने
के लिए 20 डॉलर्स लगने लगे
उफ... बाद मे खरीदने मे 35 डॉलर्स लगने लगे, तो उन्होने इसे सोने की कीमत मे बदलाव कहा,
वे सोने की कीमत नही बदल सकते है जब पूरा विश्व सोने को मानक के रूप मे देखता हो,
ओर सोना, आपको पता है, एक आंतरिक मुल्य रखता है।
डॉलर गिरा.
और तब...
आश्चर्यजनक यह है कि
वह मुद्रा आपुर्ती के लिये जिम्मेदार ठहराया गया।
यह मुक्त बाजार है जो लोगो की मर्जी से चलता है, जो सरकार को बाध्य करता है,
नियम को बदलने पर मजबूर करता है, यहां फिर से वही ग्राफ है,
उफ...लेकीन अब मैने तारीख का और विस्तार किया है ताकि आप देख सके
उफ...द्वितीय विश्वयुद्ध, फिर से मुद्रा आपूर्ति में विस्तार, 59 मे
उफ...चार्ल्स दे गल, फ्रांस के राष्ट्रपति
उफ...कहते है, हमे हमारा सोना चहिये, बाकी राष्ट्र ने भी मांग दोहराई और
सोना वॉल्ट से बाहर निकलने लगा।
मैं इसे और आगे ले जा रहा हूँ क्योंकि यह सीधा 1971 मे जाता है।
सन 1971 मे हम सोने से बाहर निकल गए लिकिन यहाँ एक और रेखा है,
एक नीली रेखा।
कितने लोग यहाँ कहेंगे कि क्रेडिट कार्ड मुद्रा-संचार मे करेंसी की जगह ले रहा है?
क्रेडिट कार्ड मुद्रा-संचार मे करेंसी की जगह ले रहा है?
मुझे लगता है ले रहे है, और जब आप क्रेडीट कार्ड प्राप्ती पर दस्तखत करते हो, और आपने व्यापारी
को भुगतान दिया, व्यापारी का चेकिंग खाता आपके
द्वारा दी गयी क्रेडिट कार्ड करेंसी और
फेडरल द्वारा उत्पन्न केश पर फर्क महसूस नहीं करता
वह फर्क नही बता सकता और जो मुद्रा आपने निर्माण की हे वह संचारित होती रहती है।
जब तक कोई उसे बचाता नही ओर क्रेडीट कार्ड ऋण को चुकाता नही।
और तब उफ...
मै उसे
मुद्रा आपूर्ति मे जोडता हॅूं।
एक बार निक्सन ने हमे सोने से बहार निकाला था और सोना एक
अलग व्यापार योग्य वस्तू/मुद्रा बन गई
उफ... लोगोकी इच्छा और मुक्त बाजार ने सोने की किमत तब तक बढ़ाई
जब तक फिर से
कोषागार मे रक्खे सोने की कीमत
मुद्रा आपुर्ती से ज्यादा न हो गयी और एक साल ऐसा भी आया जब हम
सोने के मानक पर वापिस जा सकते थे
और
उसने पूरे महीने की बाकी घूमती क्रेडीट को अपने मे समा लिया
तो वही सब हो रहा था जो सन 1934 मे हुआ
ओर वेमर के जर्मनी मे और सेंकड़ों-सेंकड़ों बार
साल 407 BC के वक्त से, एथेंस के प्रथम श्रेणी की मुद्रास्फीती से लेकर,
यह फिर से वही ग्राफ है
लेकीन यह दिखाता है कि बेन बरनांक भय से ग्रस्त है और यह
मूल मुद्रा मे वृद्धि है।
यह वह प्रथम ग्राफ है जो मैने आपको दिखाया था, प्रथम नहीं
लेकिन वह जिसमे नीचे के भाग पर
एक लाल रेखा खींची थी
तो यह मूल पैसे मे वृद्धि दर्शाती थी।
और वहाँ पर उसके ऊपर जमा हुई है, बची हुई घूमती क्रेडीट
उफ...यहाँ सोना है
और इसका क्या यह अर्थ है कि
सोने को यहाँ से बढ़ कर
वहाँ तक जाना है और वही लेखा-जोखा करना है जो
उसने अमेरिका मे पहले भी
दो बार किया है और सेकड़ों-सेकड़ों बार इतिहास मे।
यह एक नैसर्गिक बात है। यह अपने आप होता है। लोगो की इच्छा और
खुला बाजार इसे होने के लिए मजबूर करती है। मेरा ऐसा मानना है कि
ऐसी कोई संभावना नहीं कि ऐसा न हो।
हाल मे लगभग 1500-2000 डॉलर्स प्रति औस लगते है।
तो एक ही चीज को एक अलग तरीके से देखने का नजरिया है और यह एक महान नजरिया है
चाहे सोना अतिमूल्य हो या फिर निम्न मूल्य
यदि आप सिर्फ पेपर डॉलर ले तो, वह मूल मुद्रा
और आप पुछते हो पेपर डॉलर्ज़ के मुक़ाबले कितना सोना हमारे पास है
पेपर डॉलर्स का कितना प्रतिशत सोना है?
ओर इसलिए सोना महंगा है,
जब हमारे पास बहुत सारा सोना हो पेपर डॉलर्स से भी ज्यादा
और वह सस्ता होता है,
जब हमारे पास ज्यादा नही होता तो यह बहुत सस्ता होता है।
उफ...जब
वह यहां पर होता है।
अर्थात, हम जहां तक पेपर डॉलर्ज़ है, वहाँ तक है, यहाँ पर आप
घूमती क्रेडीट जोडते है।
इस प्रकार
ऋण गिरावट या मुद्रा गिरावट दिखाई देती है।
हम दो इकाई उपलब्ध मुद्रा से
उधार लेते है,
उफ... और
उफ... यह करने के लिए
हम वापस देने का वादा करते है, ऋणपत्र के साथ हम यह उपलब्ध मुद्रा मे से जुटाते है
ऋणपत्र यहाँ खत्म हुआ
उफ...ऋण के दो यूनिट और ब्याज,
तो आप उससे ज्यादा चुकाते हो,
जितना आप उपलब्ध मे से उधार लेते हो। लेकिन प्रत्येक महिना आप
चुकाते रहते हो
उस ऋण का एक छोटा हिस्सा
और अगले महीने उपलब्ध मे से और ऋण लेते हो।
हर महिने
जितना हम चुकाते है उससे अधिक हमे हमेशा उपलब्ध मे से उधार लेना पडता है
लेकिन ध्यान दीजिये,
आप देखा किस तीव्रता से ऋण बढ़ रहा है? वह एक समय सिर्फ पचास प्रतिशत ज्यादा था
लेकिन अब यह दुगना है, यह अब सौ प्रतिशत है।
यह मुद्रा आपूर्ति से भी
ज्यादा तेजी से बढ़ता है।
एक दिन ऐसा आता है जब यह असह्य हो जाता है।
यदि लोग डर जाते है और वह मुद्रा उधार लेना बंद कर देते है,
सभी बचा कर अपना बकाया अदा कर देते है,
तो यह सब कुछ अपस्फीति मे परिवर्तित हो जाता है।
यही है जिसका मैं अंदाजा लगा रहा था और अब यही हो रहा है।
धन्यवाद
उह...यह है कुल ऋण जो हम अपनी अर्थव्यवस्था के मुकाबले वहन कर रहे है
अगर आप के पास पचास सेंटस है और अगर आपकी अर्थव्यवस्था डॉलर है,
और आप के पास अर्थव्यवस्था का पचास प्रतिशत तक बकाया है।
यदि आपका ऋण पाचसो बीलीयन डॉलर है और आपकी अर्थव्यवस्था एक ट्रिलियन डॉलर है तो आपका ऋण आपकी अर्थव्यवस्था का
पचास
प्रतिशत है।
दूसरे तरीके से यह वही है, उह...यह ग्राफ यही दिखाता है,
यह है अमरीका का ऋण
राष्टीय ऋण,
उसके अर्थव्यवस्था के मुकाबले,
और यह 1792 मे जाता है जब अमरीका का मूल सिक्का-रूपी
कायदा बना था,
और तब क्रांतिकारी युद्ध की वजह से
ऋण था तो यह ऋण
इस ग्राफ की शुरुआत से है।
ठीक वहाँ
और आप देख सकते है कि यह कभी पचास प्रतिशत से ऊपर नही गया,
कम से कम द्वितीय विश्वयुद्ध तक,
इसमे सिविल युद्ध,
प्रथम विश्वयुद्ध और फेडरल रीझर्व भी शामिल है,
उह...महान अपस्फीति
आप देख सकते हे कि बीसवे दशक मे हमारी अर्थ व्यवस्था ऋण के मुकाबले ज्यादा तेजी से बढ रही थी।
इसलिये, अर्थव्यवस्था के मुकाबले, ऋण कम और कम
होता चला गया।
क्योंकि बीसवे दशक मे हम गर्जना कर रहे थे, अर्थव्यवस्था बढ़ रही थी
और उस मुकाबले ऋण नही बढ़ रहा था,
तो इस ग्राफ मे, बीसवे दसक मे, ऋण सिकुड़ रहा है लेकिन फिर
1930 मे अचानक यह उपर चला जाता है, क्यों?
इस वजह से नही कि हम बहुत सारी मुद्रा उधार ले रहे थे और कर्ज़
मे जा रहे थे,
यह हो रहा था क्योंकि अर्थव्यवस्था सिकुड़ रही थी
और हमारा ऋण वही पर था,
तो वह पिछली महान अपस्फीति थी जिसने हमे गहरे ऋण मे डाल दिया
क्योंकि हम अपने ऋण की अदायगी मे सक्षम नही थे,
उह...अर्थव्यवस्था सिकुड़ी
तेजी से
फिर हमने दूसरे विश्वयुद्ध मे घाटा उठाकर खर्च किया और अब हम
पचास प्रतिशत के स्तर से आगे जा सकते है क्योंकि अब हमारे पास फियाट मुद्रा प्रणाली है
जहां हम उपलब्ध मुद्रा मे से उधार ले सकते है
लेकिन जब आप ऐसा करे
ऋणपत्र, जो एक महीने से दूर भविष्य मे तीस साल तक का हो सकता है,
जिनको आप वापिस अदा करते हो
इसका मतलब है हम भविष्य मे से आनंद उधार ले रहे है। याद है, मैने आपसे कहा था
कि कैसे आप मुद्रा आपूर्ति से थोडा बचाते है और आप कर के भुगतान के साथ
मूल रकम ओर ब्याज भी दे सकते है।
तो समृद्धि जिनका हम, इस क्षण, आनंद उठा रहे है
वह भविष्य मे
वापस दी जाती है।
इस क्षण मुद्रा लेने के लाभ को हमे मूल रकम और ब्याज देकर चुकाना है।
शीर्ष से, यह रास्ता है
शीर्ष से दूर महंगाई के जरिये,
ऐसे लोग है जो इस तरह बिना
कोई काम किए अमीर हो जाते है और
अपना मूल्य प्रणाली मे लगाकर
अपनी खरीद शक्ति को मुद्रास्फीती के खिलाफ कायम रखते है
लेकिन हर एक उपलब्ध डॉलर जो हम उधार लेते है वह हमे भविष्य मे ऋण की तरफ धकेलता है,
तो हम प्रत्येक वर्ष भविष्य से समृद्धि उधार ले रहे है,
और आज खर्च रहे है।
औसत ऋणपत्र का रोल-ओवर समय साडे चार साल है,
तो जिस समृद्धि का आनंद हम आज ले रहे है
हम वापिस देते है,
उह... हमे अब से कोई साड़े चार साल के बाद उसे देना होगा।
और अभी जो कर आप दे रहे हो,
वह बुश प्रशासन के दरम्यान ली गयी समृद्धि का है
हमने इसे पहले ही खर्च कर दिया है, वह अब गया।
तो हमने अर्थव्यवस्था को और तेजी से बढ़ाना शुरू कर दिया जो हम घाटे के बजट से
करते थे।
तो हमारा ऋण वियतनाम मे, कोरीअन युद्ध के दौरान, अर्थव्यवस्था के मुकाबले
कम हो गया
ओर तब सोने के मानक का अंत आ गया ओर तब रीगन साहब कहते है:
‘घाटा कोई मायने नही रखता’
हम आगे जा सकते है और जितना चाहे उतना खर्च कर सकते है।
उह...ऋण बढ़ रहा है। इस आर्थिक संकट के शुरू होने के ठीक पहले
यहाँ एक छोटी
ढलान है, जहां यह नीचे जाना शुरू करती है, वह क्लिंटन यूग है।
वह बोले: हमारे पास अतिरीक्त धन राशि है,
उफ...एक मजाक।
अगर आप देखो... मैं सरकारी आंकड़े को नही देखता कि
वो क्या कहते है आधिक्य या फिर घाटा, मैं देखता हूँ
राष्ट्रीय ऋण
क्या वह उपर गया? अगर वह उपर गया तो अर्थ है हमने उससे अधिक खर्च किया जितना हमारे पास था। अगर वह नीचे गया
तो अर्थ है हमारे पास अधिक था, हमारी आय हमारे खर्च से अधिक थी
और क्लिंटन यूग मे एक साल भी ऐसा नही था
जब राष्ट्रीय ऋण वास्तव मे नीचे गया
मुझे यूनाइटेड स्टेट्स के लोगो के बारे मे पता नही, यहाँ यूनाइटेड स्टेट्स से,
याद रहे जब गोर और बुश एक दुसरे के खिलाफ जा रहे थे,
वे दोनों हमे यह बता रहे थे कि वे कैसे इस धन राशि को खर्च करेंगे
जो उनकी तरफ बह रही थी।
आप जानते हो, वे दोनों इस बात पर
स्पर्धा कर रहे थे कि
वे भविष्य मे हमे क्या-कुछ मुफ्त देने वाले है।
और उह...
आप जानते हो, इस प्रकार से
उह...असल मे कैसे, इस प्रकार से बुश नहीं जीते,
लेकिन वह एक अलग कहानी है। ठीक है,
यह आंकड़े कॉंग्रेस की बजेट ऑफिस से है, यह सब
हमारी सरकार हमे बताने वाली है, कि जो भविष्य मे होने वाला है,
और यह अच्छा नही।
यह पूर्णतया अग्राह्य है, यह असंभव है।
यह नही हो सकता, आपके पास
अर्थव्यवस्था से दस गुना अधिक ऋण नही हो सकता
यह असंभव है। सब कुछ पहले तो आक्रंद करके रुक जाएगा।
तो तुरत कुछ बदलना चाहिये।
अभी,
उह...मुझे पता नही वह गुजर गया या नहीं लेकिन सरकार
मैं खबरों पर नही जाता, यह सब थोड़े समय का शोरबकोर है।
यह आपको वास्तविकता से हटाता है, तो मैं निश्चित नही,
उह...क्या कोई बजेट पर उन्होने सेटल किया है? और क्या सरकार इस प्रकार से
चलती रहने वाली है?
क्या कोई यह जानता है?
हाँ, उन्हे पता था?
क्या रिपब्लीकन्स, जो यह सब पारित कराना चाहते थे,
ऋण की अदायगी कौन करेगा अगर वे जीत जाते है?
यहाँ कुछ समझोता है।
आप देखे, यह अपस्फीति कारक है।
ऋण अदायगी या इस प्रकार के प्रयत्न का परिणाम आर्थिक गिरावट लाएगा, आपको मसले पर गहरे जाना होगा...
यह
स्तर और समृद्धि जो हमे प्राप्त हुआ है, बनाए रखने के लिए
ओबामा को करना होगा...
ओबामा को अपने शाशन में उनके आने और जाने के बीच ऋण को दुगना करके जाना होगा।
नही तो पूरी व्यवस्था गिरनी शुरू हो जाएगी
उह...तो
और सबूत है कि हम पहले अपस्फीति की तरफ जाएँगे।
यानि ‘डेड केट बाउंस’ होने की संभावना है।
यह शेयर बाजार है। स्टॉक बढ़ते है
उह...शिखर पर जाते है, थेाडा नीचे उतरते है
निवेशक आते है यह सोचते हुए कि वह खबरों का फायदा उठा रहे है और
फिर वह खरीदारी शुरू करते है, बाजार फिर बढ़ता है और फिर से गिरावट शुरू होती है क्योंकि
जब उन्होने ख़रीदारी शुरू की थी तब वह उचित मूल्य पर नही पहुंचा था। केवल एक रोल-ओवर के रूप में
उसने थोड़ी छलांग लगाई थी और वह अभी भी
उचित मुल्य को खोज रहा है तो जैसे होता है ‘डेड-केट-बाउंस’
वहाँ नासडेक है,
तो वह है उह...
तो क्या
‘डेड-केट-बाउंस’ कैसा प्रतीत होता है
शुरुआती गिरावट नासडेक में 38 प्रतिशत थी। कुल गिरावट
78 प्रतिशत थी।
ऐसा ही डाऊ के साथ
1929 मे हुआ था और केट बाउंस हुआ
उह...गिरावट का शुरुआती हिस्सा 48 प्रतिशत था,
और कुल गिरावट 90 प्रतिशत थी,
तो प्रथम उदाहरण मे 38 प्रतिशत, 78 प्रतिशत
48 प्रतिशत, 90 प्रतिशत तो यदि शुरुआती गिरावट ज्यादा है, तो
बाकी गिरावट ज्यादा होगी।
हम 1929 जैसी बड़ी गिरावट के दौर से गुजरने वाले है या
फिर नासडेक गिरावट। हमने अभी दुनिया के इतिहास की सबसे बडी गिरावट देखी: डाऊ
जो सबसे अधिक, सुरक्षित, और विश्वशनीय होना चाहिए था, अमरीका की
सबसे बडी 30 कंपनीयॉ
उह... 56 प्रतिशत तक
गिर गयी और हम‘डेड-केट-बाउंस’ में है, अर्थात
अंततः
कुल गिरावट उसके उच्चतम बिन्दु से 90 प्रतिशत से ज्यादा होनी चाहिए.
स्टॉक के मूल्यांकन का यह
सबसे बहतरीन तरीका है। मैं माफ़ी चाहता हूँ, अगर मैं जल्दी जा रहा हूँ। यह डूब नही रहा। यहाँ मेरे पास
बहुत सारी चीजे है जिन पर मुझे बोलना है,
केवल 20 मिनट बचे है,
मुझे यह दिखाना है कि विश्व के शेयर बाजार और अचल संपति के बुलबुले
धराशायी होते रहेंगे, क्योंकि
ऐसा है कि
बाजार अपना उचित मूल्य ढूंढ रहा है,
अपना एक संतुलन ढूंढ रहा है,
बाजार यही करता है,
यह उनका काम है।
SP 500, यह PE अनुपात है। कितने लोगो को यहां पर यह पता है कि
PE अनुपात क्या है?
ठीक है, कितने लोगो को पता नही है?
ठीक है, अपने हाथ उपर कीजिये और बताईये कि आप को पता नही, ठीक है।
यह मिलती है स्टॉक की शेयर किमत को
कंपनी की कमाई से विभाजीत करने से
तो मूलतः यह स्टॉक मुझे कितने मे प्राप्त है, इस चीज की
तुलना मे कि कंपनी कितना कमाती है।
और बेहतरीन तरीको मे से एक
सभी स्टॉक उद्योग मे, आर्थिक उद्योग मे, सभी यह
मानते है कि यह स्टॉक की
सही कीमत करने का बेहतरीन तरीका है, चाहे वह अधिक किंमत हो या कम किमत का हो
जब आप उसे खरीद रहे हो
SP साल 1950 तक जाता है। लेकिन येल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर
रॉर्बट
शिलर ने
उफ...SP का पुर्ननिर्माण किया और अमरीका की 500 शिखर कंपनिया
ली औेर
सन 1880 तक पीछे चले गए।
तो आप के पास
कोई एक सो
बीस साल है या फिर दो सौ इक्किस साल का
आंकड़ा है।
उचित कीमत
तब है जब PE अनुपात लगबग 12 है, मतलब आप
स्टॉक की कमाई का 12 गुना दे रहे हो,
तो अगर आप स्टॉक खरीदते हो तो वह, अगर कुछ नही बदला और
कंपनी प्रति साल उसी रफ्तार से कमा रही है, तो आपको आपका
निवेश वापस मिलने मे और मुनाफा मे आने मे
उह...12 साल लग जाएँगे।
कम कीमत का अर्थ है जो 10 के नीचे है, ऊंची कीमत का अर्थ 15 से 18 है,
18 के उपर है तो फिर वह बुलबुला है़
और यहाँ पर आंकड़े है जो सन 1880 तक जाएंगे
और आप देखोगे कि
इतिहास मे ऐसा कोई समय नही जब हम उचित कीमत से
ऊंची कीमत पर न गए हो,
और ऊंची कीमत पर पहुँचने पर वहाँ से वापस नीचे छलांग लगाई न हो,
और बार-बार कम कीमत, ऊंची कीमत, कम कीमत, ऊंची कीमत, कम कीमत
ऊंची कीमत, कम कीमत को छुता है।
इतिहास का सबसे बडा बुलबुला,
सन 2000 का
PE लगभग 45 है,
पूरा पागलपन स्टॉक मार्केट मे निवेश का,
और मुनाफे मे आने के लिए 45 साल तक का इंतजार करना
अजीब पागलपन था और लोग पागलों की तरह स्टॉक के पीछे पड़े थे। यह टेक्नोलोजी
उछाल था और ये सब जारी था
लेकिन सन 2008 की गिरावट के दौरान यह उचित कीमत से नीचे आ गया।
और बुलबुले के रूप मे उछाल लगायी,
अभी PE लगभग 23 से 24 है।
शेयर बाजार संतुलन ढूँढता है, उन्हे सालो से उचित मुल्य चाहिये, यह
उनका काम है, यही वे करते है।
एक प्रसिद्ध व्यापारी है, बनॉर्ड बरूक
उसका मानना है कि अल्प अवधि मे स्टॉक बाजार एक वोटिंग मशीन जैसा है
जैसे एक स्टॉक मशीन, मेरा मतलब एक स्लॉट मशीन या वोटिंग मशीन
यह वही करती है
जो लोग चाहते है।
लोग जिनका पीछा करते है वह बुलबुले मे तब्दील हो जाता है,
लेकिन लंबे समय अंतराल मे यह वजन मापने का यंत्र है,
वह संतुलित करता है,
इसके पलड़े एक दुसरे को संतुलित करते है।
यही है जो शेयर बाजार हमेशा करने की कोशिश करता है: उचित मूल्य खोजना
वह वहां इतिहास मे सिर्फ कुछ क्षणों के लिए है,
लेकीन मुद्दा यह है की हर समय हम बुलबुले मे होते है,
यह तीव्रता से कम कीमत को छुता है, और जितना बडा बुलबुला
उतना आप उचित मुल्य के
उपर जाते हो।
उह...यह स्टॉक की कीमत आँकने का दुसरा सर्वोत्तम पर्याय है:
लाभांश कमाई। अगर आप एक डॉलर के लिए एक स्टॉक लेते हो
और वह कंपनी आपको आपके खाते में प्रतिसाल छ सेंटस देती है,
आपको छ प्रतिशत कमाई हो रही है।
मैने यह ग्राफ उल्टा किया है क्योंकि
उह... जितनी ज्यादा कमाई उतना वह कम कीमत का स्टॉक जितनी कम कमाई उतना
वह अधिक कीमत का।
इसलिए मैने इसे उल्टा कर दिया है ताकि बुलबुले उपर दिखे
और कम कीमत के शेयर नीचे
उह...अर्थात उचित मुल्य है
उह... साडे चार से लगभग छ
उह...
तो यहाँ आप पहले जैसा प्रकार देखते हो।
लेकिन यहां खतरा है।
अर्थ है, 118 साल के आंकड़ो में ऐसा कोई समय नहीं
जब इतना बडा बुलबुला देखा हो।
यह पूरा पागलपन है और यह ठहर नही सकता
दो तरीके है जिससे बाजार संतुलन खोज निकालता है, एक:
बाजार एक दशक के लिए साइडवेज मे चला जाए जब की हमारे यहाँ भारी मुद्रास्फीति हो
यह पूरा संतुलन कायम करेगा। लाभांश कमाई और PE अनुपात को अपनी सही जगह ले आयेगा
दो: वह टूट जाए
बाजार नीचे चला जाए
मुद्रा आपूर्ती गिर रही है,
इसलिए अपस्फीति से प्रेरित यह गिरावट होगी, यह मुद्रास्फीति
से उत्पन्न स्थिति नही हो सकती जिसे वे अदृश्य गिरावट बोलते है।
उह...यह दुनिया के शेयर बाजार है,
यहा अमरीका का शेयर बाजार है, इंगलेंड का शेयर बाजार है़, जर्मनी
का शेयर बाजार,
सिंगापुर और जापान
जानिए कि
सन 2000 के पहले
सिंगापुर और जापान, अमरीका से अलग दिशा मे व्यापार करते थे.
अमरीका उपर जा सकता था, जब उनका शेयर बाजार नीचे की तरफ
लेकिन सन 2000 के पहले
दुनिया के महत्त्वपुर्ण बाजार
अर्थव्यवस्थाए
एक समय पर एक ही दिशा में व्यापार करती है
यहाँ ब्राज़िल है
और यहाँ पर रशिया
और सन 2003 के वर्ष से
उन्होने एक ही दिशा मे व्यापार करना शुरू किया और
सन 2008 की बाजार गिरावट के वक्त से, दुनिया के सभी बाजार
एक समय पर एक ही दिशा मे जाते है।
SP, डाऊ, इस बुलबुले मे बहुत ज्यादा ऊंची किमत मे है,
हमारे पास मुद्रा आपुर्ती की अपस्फीति गिरावट है,
बाजार को नीचे जाना है,
जब वह जाते है, दुनिया के बाकी बाजार… जिस तरफ अमरीकन बाजार जाते है,
दुनिया के बाकी बाजार जाएँगे।
इन सभी बाजारो को
गिरना है।
हम अभी कुछ अचल संपति के बुलबुले देख रहे है। अमरीका के अचल संपति बाजार
उह...बुलबुले हुए
मूलतः सन 2007-8 मे,
और वह गिरते जा रहे है
लेकिन मैं ऐसा कुछ मापता हूँ जिसे मोर्टगेज-किराया अनुपात कहते है,
उह...घर का उचित मूल्य तब कहलाएगा जब आप
एक डॉलर किराये के सामने पाँच डॉलर तक
मोर्टगेज पर खर्च कर रहे हो, चाहे मासिक मोर्टगेज या फिर तीस साल का मोर्टगेज
साथ मे जोड़ ले अन्य खर्च जैसे बीमा इत्यादि ,
प्रत्येक डॉलर जिससे आप घर किराए पर दे सको, अगर आप वह किराए पर देने वाले है।
और हम 1989-90 मे 25 के बुलबुले पर थे
उचित मुल्य 5 डॉलर है,
उसके बाद मंदी आ गयी और तब वह राष्ट्रीय औसत मे,
सन 1995 में नब्बे सेंटस तक गिर गया।
उह...अचल संपति नकदी प्रवाह था दस प्रतिशत। अमरीका में मध्यमवर्गीय
अकेला परिवार,
तब आपको घर के लिए लोन नहीं मिलता था क्रेडीट-स्थिति कसी हुई थी,
अर्थव्यवस्था खराब थी,
और तब हम अचल संपति के बुलबुले मे आ फसे और यह दुनिया के इतिहास का़
सबसे बडा बुलबुला था,
जहां लोग पच्चासी डॉलर या नब्बे डॉलर दे रहे थे, लगभग दो डॉलर
प्रति डॉलर जिसमे वह घर भाडे पर दे सकते थे।
उह...और
तब वह बुलबुला टूट पड़ा।
और तब वह नीचे उचित मूल्य पर नहीं लेकिन पच्चीस डॉलर पर और फिर उछला,
तो वह वापिस पिछले बुलबुले की
ऊंचाई तक गया,
वह उछला़,
और अभी हम पच्चीस डॉलर पर है, तो अचल संपति की कीमत
अभी भी
उतनी ऊंचाई पर है जितनी वह 1989 के बुलबुले के दरम्यान थी.
उन्हे नीचे आना होगा
यह सब अपस्फीति युक्त है, मतलब है किराए उपर जाने वाले है
अचल संपति नीचे आने वाली है।
यह सब एक साथ यात्रा करते है, जैसा मैने बोला।
जब विश्व शेयर बाजार गिरता है,
क्या कोई जानता है कि कितने बुलबुले चल रहे है, अचल संपति के बुलबुले
जो बाकी दुनिया मे चल रहे है?
आप मे से कितने लोग विडीयोज देखते है जो हम हर सप्ताह यू-टयुब पर
या इसी तरह रखते है?
क्या आप उन विडीयोज का मजा लेते है?
हाँ, अच्छा। क्या वे जानकारीयुक्त है। हाँ।
क्या हम आपको कुछ बेचने की कोशिश करते है? नहीं।
हम सिर्फ आपको शिक्षित करते है।
तो यहा एक विडीयो है, जो हमने लास वेगास मे बनाया था। उह...यह हमारा ड्राईवर है
पूरी जानकारी रखने वाला व्यक्ति, पूरा शिक्षित
उह...विश्व के वित्तीय विषय पर उसे पूरी जानकारी थी, शेयर बाजार, अचल संपति।
उसको पूरा पता था कि लास वेगास मे क्या चल रहा है
और उसके पीछे उह... बड़ी केसीनो योजना
मुझे उसका नाम याद नही,
उह... वहाँ
पृष्ठभूमि मे वेनेसियन होटल है और उसके सामने एक बड़ी इमारत खड़ी हो रही है.
यह
विकसित है, केसीनो योजना जो वह विकसित कर रहे थे
उह...वह उसका दूसरा अंग है।
पीछे एक ऊंची इमारत देखे
वह एक हॉटेल है, फाऊंटन ब्ल्यु
यदि आप फाऊंटन ब्ल्यु की दूसरी तरफ जाएँ
तो आप पाओगे कि वहाँ काफी खिड़कीया चढ़ी हुई है।
इसको बाहर से तैयार किया गया है, वह अंदर से तैयार नही है,
उनके पास डेढ़ बीलीयन है, और इसको तैयार करने के लिए कोई तीन बीलीयन
डॉलर्स चाहिए
और ऐसा कुछ लास वेगास मे सब जगह है, लास वेगास में ही नही, दुनियाभर मे है।
यह मॉस्को मे है,
यह मॉस्को का विकसित सिटी सेंटर है
यहाँ
एक योजना है, अगर आपको रशियन नही आती है तो आप उसे पढ़ नही सकते,
उह... लेकिन इन सब सुंदर इमारतों मे से, वहाँ नौ इमारते है
उनमे से एक पुर्णत फ्रेमिंग की स्थिति मे थी, दूसरी उह...
आधी तैयार थी
बाकी बची हुई मे से दो व्यस्त है और एक का एक-तिहाई
हिस्सा अधिकृत है,
बाकी सब केवल बाहर से,
और वे अंदर से तैयार नही है।
योजना रुकी हुई है,
उह...और
इस योजना के सामने, जमीन पर एक बहुत बडा छेद है जहां पर
मध्यवर्ती टुकड़ा होना चाहिए था.
यह रशिया का‘ब्रेगिंग-राइट’ था,
यह युरोप की सबसे बडी इमारत होने वाली थी,
फेडरेशन टॉवर और जमीन मे एक छेद
और वह छेद जमीन मे बना रहेगा,
वह कभी नही मिटेगा।
क्या कोई जानता है सिंगापुर फ्लायर क्या है? मेरे पास केवल दस मिनट है।
और मैं यह बात खत्म नही कर सकता,
सिंगापुर मे यह बड़ा फेरीझ व्हील है, दुनिया के सबसे लंबे मे से एक, सबसे लंबा नही तो,
मुझे लगता है सबसे लंबा,
और मैं यहाँ उनके अचल संपति के बुलबुले को देख रहा हूँ।
और अगर आप देखे
इन सभी इमारतों के ऊपर क्रेन्स है,
उह... सब जगह क्रेन्स है, इन सब बनाई जा रही इमारतों की तरफ देखिये
उह...सभी तरफ बुलबुले फुट रहे है, हम वैश्विक क्रेडीट बुलबुले मे है,
ये बडे अचल संपति बुलबुले
बाजार मे घुमते रहते है।
वे उपर जाते थे, फिर थोडी सांस लेते थे, जब हमारे
बाजार गिर रहे थे।
उनके बुलबुले विराम के बाद चलने लगे, जब हमारे अचल संपति बुलबुले
उह... टूटे और उचित कीमत पाने की ओर चलने लगे।
बाजार केवल उचित कीमत चाहता है, वे यही कर रहे है।
लेकिन लोग और दुनिया के केंद्रीय बेंक्स बोलते है: “हे भगवान”
हर समय जब एक छोटी
गिरावट होती है,
“हमे इसके लिए कुछ करना होगा!"।
मंदी मे होना उसे अच्छा नही लगता, इसलिए वे सब कुछ चलाते और ढकेलते है।
लेकिन उन्हे यह समझ मे नही आता कि बाद मे वे सब और खराब करने वाले है।
जो कुछ वे कर रहे है वह वापिस आकर उन्हे और तंग करेगा।
मुद्रास्फीति जैसे
उह...या
यह अपस्फीति जिसके बारेमे मैं बोल रहा हूँ वह क्रेडिट के संकुचन मे
विस्तार है।
यहाँ एक और चीज है, जो चल रही है
इसका कुल अर्थ इतना है कि यह दशक अलग है उससे जो आपने अब तक
जाना है।
उह...लोगो को यह समझ मे नही आता कि हर 30-40 साल मे
दुनिया के पास बिलकुल नई वित्त व्यवस्था आ जाती है।
वह हर 30-40 साल मे बदल जाती है।
1873 मे जर्मनी ने, क्लासिकल सोना-मानक शुरू किया
उह... 1990 तक
विश्व के सभी विकसित देश एक ऐसे मानक पर थे
जहा संचार मे आने वाली हर करेंसी नोट जो उनके कोषागार से आती थी
वह बराबर मूल्य के सोने से समर्थित रहती थी,
इसलिए यह सौ प्रतिशत समर्थन था,
उह... फिर प्रथम विश्व युद्ध हुआ
युरोप के सभी लड़ने वाले देश क्लासिकल सोने के मानक से हट गये
और नोट छापना चालू कर दिया।
और युद्ध के दौरान
हमारे पास एक ‘सोना विनीमय मानक’था जो एक प्रकार का मिश्रण था
ऋण और
सोने से सर्मर्थित करेंसी का
उह...यह मानव-निर्मीत एक खराब प्रणाली थी,
ओर मानव निर्मीत कुछ भी ठहर नही सकता,
मूलतः वहाँ
फेडरल रिझर्व था, फेडरल रिझर्व कानुन के तहत 40 प्रतिशत
रीझर्व-रेसीओ था
और उनको यह अनुमति थी कि
उह...प्रत्येक बीस डॉलर के सोने के मूल्य के सामने
पचास डॉलर के बिल्स प्रसार मे रख सके।
तो वह सोने की कीमत से ज्यादा के क्लेमचेक
प्रसार मे रख रहे थे।
जब से फेडरल रिझर्व अस्तित्व मे आया, हम एक झूठ मे जी रह रहे है
और अगर लोग कहते है कि अमरीका मे खुले बाजार है,
तो वह गलत है। आपके पास खुली मुद्रा के बिना खुले बाजार नहीं हो सकते।
आपकी मुद्रा हर लेन-देन का पचास प्रतिशत है,
सभी लेन-देन खुले बाजार है।
अगर वहां लोगो का एक समूह है जो तय करे कि मुद्रा क्या हो
और मुद्रा की कीमत कितनी होगी, ब्याज की दर, तो
यह खुला बाजार नही है.
हमारे पास खुले बाजार नही है, सन 1913 से नही है,
फिर हमारे पास है उह... ब्रेटन वुडस प्रणाली, क्लासिक गोल्ड मानक
खत्म हो गया,
सन 1944 से ब्रेटन वुडस प्रणाली थी जहां
उह... दुनिया की सभी
उह... मुद्राएं प्रति औस 35 डॉलर्स के हिसाब से समर्थित थी।
ओर विदेशी केंद्रीय बेंक्स इन
डॉलर्स को न्युयॉर्क फेड के साथ सोने से बदल सकते है,
प्रति औस 35 डॉलर्स के हिसाब से
इसलिए दुनिया की सभी मुद्राए सोने से समर्थित थी लेकिन
डॉलर के माध्यम से।
उह... इसलिए सभी राष्ट्र डॉलर्स की पूछ-तांछ करते रहे और
सोना वॉल्टस से बाहर आ गया और निक्सन ने हमे 1971 मे सोने के मापदंड से बाहर निकाला।
तो आपके पास 30 से 40 साल, 30 साल़, 28 साल, 39 साल
और आगे क्या?
इस दशक मे जो G7 देशो की आपात बैठक होने वाली है
जो G20 देशो मे से है,
और वे नई वित्तीय प्रणाली को ईजाद करने वाले है और वे
पहले से ही इस पर काम कर रहे है,
वे यह जताने की कोशिश कर रहे हैं कि
जब डॉलर टूटेगा तो वे क्या करेगे।
उह...
यह फर्क है,
सत्तर के दशक की तेजी और आज इसलिए मै कहता हूँ कि आप
असल मे तुलना नही कर सकते,
और याद रखिए
आठ साल मे
सोना अपनी किमत मे 24 बार उपर गया और चांदी 36 बार, यह छोटे समय मे
एक भारी जीत थी।
उह...सत्तर के दशक मे मूलतः उतर अमेरिका और पश्चिम युरोप थे
जिन्होने इन बहुमूल्य धातु की कीमत बढ़ाई,
लंदन मेटल एक्सचेंज,
और अमरीका के कोमोडिटी एक्सचेंज
जहां पर सोने और चांदी की कीमत तय होती है।
पूरा USSR
हिस्सा नही ले सका, वहाँ कोई एक्सचेज नही था
वहाँ सोने और चांदी का कोई बाजार नही था,
और अगर आप कुछ खरीद सके तो वह सिर्फ काले बाजार मे से, तो आपका निवेश पूरे विश्व के मूल्य पर
असर नही करता था वे लोग इस तेजी के बाजार मे
निवेश करने और सोने की कीमत आगे बढाने से वंचित थे।
माओ के शाशन मे चीन,
वैसा ही कुछ,
प्रथम तो सभी लोग मुश्किल से निर्वाह कर रहे थे बहुत कम लोगो
के पास बिजली थी।
सोना लेने की बात तो बिलकुल अलग ही थी
भारत, मॅक्सीको, दक्षिण अमरीका उस समय काफी गरीब थे,
दुनिया का सबसे अमीर आदमी कार्लोस स्लिम है,
और वह मेकसीको शहर मे रहता है,
उह...अब इन राष्ट्रो मे बहुत सारे निवेशक है और शांघाई मे
तो निवेश एक खेल है,
लोग कमरे मे इस तरह बैठेंगे, टिकर्स देखते जाएँगे और अपनी शर्त लगाते जाएंगे।
उह...बाकी विश्व, अफ्रिका, मेरा मतलब
बचा हुआ सारा ही विश्व पहले इस तेजी से वंचित था और फिर भी सोना 24 बार
और चांदी 36 बार उपर गया।
तो क्या... और उस समय तो,
समाचार भी बहुत धीरे से पहुँचते थे,
पुराना वेकयुम ट्यूब TV सेट चालू होने मे पूरे 60 सेकेंड्स लेता था
और फिर वॉल्टर क्रोंकिट आता था और मुझे सोने के भाव मिल पाते थे
या फिर
आप अगले दिन समाचार पत्र खोलते थे
और उह...आपको समाचार मिलने मे 24 घंटो का समय लगता था,
फिर आप फोन उठाते थे और आपके दलाल को फोन करते थे ओर अगर आप भाग्यशाली हो तो
आपका ऑर्डर उसी दिन एक्सचेंज फ्लोर पर पहुँच पाता था। लेकिन
अधिकतर अगले दिन ही ।
तो समाचार और प्रतिक्रिया समय काफी धीमा था।
उह...निवेशको के विचारो का बनना भी।
RS कानुन और निक्सन ने हमे सोने से निकाला उसके पहले,
1971 के पहले, जब निक्सन ने हमे सोने से निकाला,
अगर आप अपनी किशोरावस्था या अपनी बीसवी के मध्य मे काम करने जाते,
इस बात पर कि आप कॉलेज गए या नहीं, आप आशा रख सकते थे कि
यदि आपने प्रत्येक महिना अपनी कमाई मे से 10 प्रतिशत तक बचाया
तो आपके साठ साल के होने पर आप सेवा निवृत्त होकर अपनी बचत के
ब्याज पर जीवन यापन कर सकते थे।
क्या आप यह आज कर सकते है? कोई भी अपने बचत खाते के
ब्याज पर जिंदा नही रह सकता अगर उसके पास बीस मिलीयन डोलर्स,
पचास मिलीयन डोलर्स न हो, तो यही एक रास्ता था आपके आगे जाने के लिए
क्योंकि आप
महंगाई के कारण खो रहे है
आपकी मूल रकम मुद्रास्फीती की वजह से
खत्म हो रही है।
उह...
तो,
मेरे पिता की पीढ़ी के लोग
बचत करते थे।
सटोडिए या निवेशक नही थे।
उह... आज क्या फर्क है?
आज, पूरी दुनिया शामिल हो रही है।
लगभग 10 गुना अधिक लोग आज
तेजी के बाजार मे भाग ले सकते है।
समाचार बिजली की गति से कई माध्यमों के द्वारा लोगो तक पहुँचते है।
आपको आपके
मोबाईल पर समाचार मिल सकते है,
आपके लेपटोप पर,
उह...
औेर
निवेशक जो सहारा रेगिस्तान पार कर रहा है़,
हम पिरामिड के सामने शुटींग कर रहे है,
और वहाँ एक व्यक्ति मैदान मे बैठा है और उसके पास कुछ तिलिया है और वह चाय बनाने के लिए
कुछ जला रहा है,
और वह अपने सेलफोन पर है।
यह व्यक्ति जो रेगिस्तान पार कर रहा है अपना एपल आयफोन उठाता है, सोने का भाव देखता है
और अपना सौदा डालता है।
यह एक अलग दुनिया है या नही?
हाँ? 1421 01:13:37,019 --> 01:13:38,599 ठीक है?
उह...
फिर आपके पास एक निवेशक का विकाशशील मन है। उसके साथ आता है
टेक्नोलोजी बुलबुला
ओर नासडेक और सभी को सौदे करने का एक प्लेटफॉर्म प्राप्त हो गया और डे-ट्रेडर बन गए।
उह... और फिर उन्हे शिक्षा प्राप्त होती है जब बाजार टूटता है।
तब आपके पास अचल संपति का बुलबुला है जो होता है और हर कोई
अचल-संपति के पीछे भागता है।
और फिर ‘फोरक्लोझर’होता है, स्थावर संपत्ति का बुलबुला,
बुलबुला टूटता है, कम से कम यहाँ अमरीका और इंगलेंड मे,
बुलबुले अभी चल रहे है चाइना, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलेण्ड मे
ये बडे बुलबुले है ओर कभीभी टूट सकते है।
उह...और उन्हे सजा मिली,
किसी को भी पिछले 30 सालो मे बहुमूल्य धातु मे निवेश के लिए शिक्षा नही मिली है।
हमारी याददाश्त इतनी तेज नही है
तो अगला बडा बुलबुला अवश्य संभावी रूप से बहुमूल्य धातु से संबन्धित होगा।
कोई इस मे अभी तक जला नही है, आपको पता है कोई भी
निवेश के बाद उसका पीछा नहीं करता।
अपनी निवृत्ति को सुरक्षित करने या फिर नयी गाड़ी खरीदने
उह...
ओर तब
इस तरह निवेशक के मन का विकास, यह बड़ा मुश्किल है बता पाना
और नापना।
दुनियाभर मे से किस मात्रा मे धन इस छोटे से सोने और चाँदी के भंडार का पीछा करता हुआ आयेगा
जो अब 1980 के मुक़ाबले केवल
पांचवा हिस्सा रह गया है।
उह... अभी लोग दस गुना है और उन सब के पास कम से कम
दस गुना मुद्रा है,
और आपको पता है जैसा कि मै इसके बारे मे सोचता हूँ यह शायद उन आकडों से भी ज्यादा है।
मै कह रहा था, यहाँ कोई
दस और सौ गुने के बीच ज्यादा निवेशक थे। लेकिन इसके बारे मे सोचो:
पूरे USSR और चाइना मे, पूरी दुनिया की आधी से भी ज्यादा जनसंख्या मे
वहा एक भी
निवेशक नही था,
एक भी
और आज शांधाई मे यह एक खेल है।
तो मैं समझता हूँ कि यह शायद एक सौ से भी अधिक होंगे, शायद हजार भी हो, मुझे
पता नही।
तो आप ये आंकड़े ले सकते है और उनमे शुन्य जोड़ सकते है
ओर यह मुद्रा की मात्रा जो पीछा करती हुई आ सकती है।
मेरा मतलब है तब हमारे पास 2 बिलीयन औंस का सोना था,
उफ...मार्केट मे और आज यहाँ 2.2 है, तो यह 10 प्रतिशत अधिक सोना है,
लेकिन चाँदी, एक्सचेंज मे केवल 600 मिलियन औंस चांदी है
500 मिलियन औंस, 600 मिलियन औंस
उह...यहां 747 है,
और यहाँ एक छोटा आदमी बहुत मजबूत पैरो वाला जो अभी आसमान से टपका है,
यह माप के लिए है,
और अगर आप सारी चांदी ले जो इतिहास मे खनन करके निकाली गयी है
वह कांटे पर उस साइज़ के क्यूब मे आ जाएगी और सारा सोना जो कभी पीछे इतिहास मे
खान से निकाला गया
उस साइज़ के क्यूब मे आ जाएगा, परंतु सोने के दो प्राथमिक कार्य है:
पैसा और आभूषण,
और यह काफी है। केवल पाच प्रतिशत उत्पादित सोना
उद्योग मे लगता है।
चांदी दूसरी सबसे खास चीज है जिसके बारे मे इन्सान को पता है, तेल प्रथम है
लगभग 30,000 उपयोग,
चांदी दूसरी है लगभग 10,000 उपयोग लेकीन हम इसका बहुत कम पैमाने
पर उपयोग करते है।
जब आप कीबोर्ड पर टाईप करते हो, आप चांदी पर टाईप कर रहे हो। जब आप DVD या
CD की तरफ देखते हो आप चाँदी की तरफ देख रहे हो जब आप आईने मे देखते हो, आप चांदी को देख रहे हो।
जब आप एक थर्मल कांचनुमा खिडकी से देखते हो, आप चांदी को देख रहे हो।
यह सब जगह है। यह जीव-जन्तु नाशक है, यह सुपरकंडक्टर्स मे जाता है,
यह RFID चीप्स मे जाता है,
लेकिन आपको पता है? इसमे से कुछ भी महत्वपूर्ण नही।
चांदी का मूल्य जो बढ़ाने वाला है वह है निवेशको की मांग,
लोग जो इसके पीछे भागेंगे और जब सोना लोगो के लिए बहुत महंगा हो जाएगा,
वह अपनी पसंद चांदी की तरफ ले जाते है। यही पीछे
1979 मे हुआ और 1980 की शुरुआत मे,
चांदी सोने के पीछे-पीछे चलती है और उफ...चाँदी फिर उछली क्योंकि
सोना बहुत महंगा हो गया
लेकिन चांदी पहले से ही सोने से अच्छा प्रदर्शन कर रही है,
और एक दिन ऐसा आएगा जब वहाँ MSNBC, Fox News, CNN पर हाल सुनाने वाले होंगे,
वे सब दिखा रहे होंगे...
जब भी आप बुलबुले मे होंगे, बुलबुले मे कुछ भी हो और
लोग पीछा कर रहे है, उनको उसके बारे मे सुनना है और समाचार उन्हे बताता है,
जो कुछ आप सुनना चाहते है, वे देते है। वे यह नही बताते
जो उन्हे बताना चाहिए।
जो आप सुनना चाहतें है वही वे कहते है।
और दूसरी तरफ मेरे जैसे लोग होंगे
ग्राफ दिखा रहे होते और कह रहे होते: “अवश्य, चांदी सोने से अच्छा प्रदर्शन कर रही है,
और वह कम है”।
चांदी के मुकाबले, निवेशको के खरीदने के लिए सोना पाँच गुना ज्यादा मौजूद है
इसलिए वह सोने से अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, तो क्या यह संभव है कि
वास्तव मे
चांदी की कीमत सोने से ज्यादा हो जाये ?
निश्चय ही, ऐसा हो सकता है। आपको सिर्फ इन बहके हुए बुलबूलो की तरफ देखना है
जो कभी भूतकाल में नही हुए जैसे 1637 का तुलीप पागलपन
मै नहीं जानता हूँ कि ऐसा होगा, मैं ऐसी संभावना नहीं देखता हूँ,
लेकिन यह सच मे हो सकता है, क्योंकि यह असाधारण है और बाजार
ऐसा कुछ करते है जिसे कीमत खोजने की तरकीब कहते है, जहां वे यह पता लगाने की
कोशिश करते है। उफ... वे संतुलन के हिसाब से मूल्य निर्धारित करते है जो दो चीजों के
दुर्लभ होने पर निश्चित की जाती है।
उह...सदियों से यह होता चला आया है,
कीमत खोजने की तकनीक, यह अभी खत्म नहीं हुई। अभी भी चल रही है,
उह...और यह होने की मैं उम्मीद रखता हूँ, तो हम चांदी का उपयोग करते है, तो परिणाम है
यही तो आज दिख रहा है।
अब, क्यूब्स धोखा दे रहे है जैसे सोने का क्यूब्स चाँदी के क्यूब्स से लगभग चार, पाच
गुना बड़ा है।
यदि आप एक धनफूट लेते है यानि कि एक फूट गुना एक फुट गुना एक फुट।
और अगर आपने उसे 2 फूट गुना 2 फूट गुना 2 फूट बनाया तो वह दुगना नही हुआ
वह अब 8 घनफीट है।
तो,
उह...जैसे ही आप घन के माप को दुगना करते हो, उसकी क्षमता 8 गुना बढती है,
वास्तव मे, सोना चाँदी के मुक़ाबले बाजार मे चार से पाँच गुना ज्यादा है,
जो निवेशकार खरीद सकते है।
तो जब लोग इस पर टूट पडते है, मै ऐसी अपेक्षा करता हॅू...इस समय चाँदी की
कीमत सोने से 1/35 है।
और सोने के मुक़ाबले इसे मैं कम से कम 3.5 के आंकड़े से बेहतर होने की उम्मीद रखता हूँ।
कम से कम मैं 10/1 के अनुपात की आशा रखता हूँ।
उफ...चांदी की सोने के मुकाबले 1/5 कीमत होना बड़ा तर्कसंगत है
अगर वह धीरे धीरे उपर जाती हुई सोने की किमत को छूती है तब सभी उद्योगगण
सोने की तरफ झुकेंगे, क्योंकि यह अकेली ऐसी धातू है जो
इन सभी जगह इस्तेमाल मे लाई जा सकती है। वे प्लेटिनम, रोहडियम पेलेडियम और सोना इस्तेमाल कर सकते है
लेकिन वे केवल 5 मिलीयन औंस ही प्लेटिनम, रोहडियम, और पेलेडियम का खनन कर पाते है।
वे 900 मिलीयन चांदी का इस्तेमाल करते है
तो अन्य घातु आवश्यकतानुसार उपलब्ध नहीं है, अन्य उपयोग
जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स मे की-बोर्ड वगैरे मे चाँदी का पर्याय सिर्फ सोना है
उह...अगर वह धीरे-धीरे उपर जा रही थी और अगर उसने सोने की किमत छु ली, सोना अपने
मार्ग मे रूक सकता है, अगर वहां भीड है तो आप सोने मे जा सकते है, हालांकि
चांदी का खनन सोने से काफी सस्ता है और वह वहां नही ठहरेगा।
उह...हम हमेशा हमारी कंपनी मे इन चीजों को समझाने की कोशिश करते है, कोशिश करते है
उसे नापने की और देखने की कि कब उसे खरीदना है या फिर कब बेचना।
अब...
क्या आप उसे घुमा सकते है...यह
हमारे YouTube विडीयोज मे से एक क्लीप है, और यह एक अंतरंग विडीयो है
उह... हमारे Goldsilver.com के ग्राहकगण, उन्होने इसे दो महिने पहले देखा था
और फिर हमने इसे विमोचन के लिए प्रदान किया,
और इस प्रकार की जानकारी आपको मिलती रहती है,
और जब हम शिखर के नजदीक होंगे, इसकी जानकारी हमारे ग्राहकोको मिलती रहेगी कि
हम क्या कर रहे है,
तो आप वह विडीयोज, कृपया घुमा सकते हो?
और आप क्या देखते हो कि जब आप बुलबुले में से बाहर निकलते हो, जब वह अधिक मूल्य पर है
जो 130 साल मे कभी नही हुआ,
अभी उचित मुल्य पर गया और उपर जाकर फिर बुलबुला की तरफ, यह मंदी मे नीचे की तरफ,
जब तक यह अच्छा-खासा निम्न मूल्य न हो जाए
और तब फिर एक नया तेजी का दौर शुरू होता है और आगे बढ़ता रहता है।
वैसे हम बुलबुले मे है, उसे संतुलन ढूढंना है, वह शायद अपने स्तर को तोड़ेगा
और निम्न मूल्य पर जाएगा,
इस प्रकार से हमेशा
पिछले 130 सालो से हो रहा है।
तो अचल संपति और स्टॉक एक साथ यह कर रहे है
जब कि हम बहुमूल्य घातु के तेजी के बाजार मे है और वहाँ मुद्रा
के साथ मुश्किले है,
तो यह सब हम बडी सावधानी से नापने वाले है।
कुछ ऐसे संकेतो का उपयोग कर जो हमे सूचित करे कि
कब बेचने के लिए तैयार हो जाना है और हम आपको भी जानने देंगे
इसलिये बहुत-बहुत धन्यवाद, मैं आशा करता हूँ कि आपके अवकाश के दिन अच्छे जाएँ। मै आपको बाद मे मिलुंगा।
मैं एक हरे स्क्रीन के सामने था सिर्फ अपनी स्मृति से इन ग्राफ को बना रहा था
और हमारे एनिमेटर एडम को वो ग्राफ्स मेरे सामने लाने थे और घुमाते हुए
मेरी उंगलियो के साथ मिलाने थे,
लेकिन उह...
एक ग्राहक होने के नाते आपको यह सब मिलता है,
यह यूटयुब चॅनल“सोना और चाँदी ही क्यों”? पर है तो अगर आप
“चांदी बेचो माईक मेलोनी” के नाम से खेाजते है
क्योकी यह‘सोना और चांदी कब बेचना’ के बारे मे है तो “चांदी बेचो माईक मेलोनी” पर
आपको सम्पूर्ण विडीयो मिलेगा और वहाँ एक डज़न विडिओस है
“सोना और चाँदी ही क्यों”
“सोनामाईकमेलोनी"
और“संपतिचक्र”
तो यहाँ 3 यू-ट्यूब चेनल्स है
चेनल्स है
जहा आप जा सकते है।
और प्रत्येक पर एक डज़न विडीयोज है।
उह...
यह 1948 मे, शांघाई मे, सोने मे खलबली के बारे मे है,
अगर आप थोड़ा रुके
अंतिम मिनट तक
मे शपथ मे बहुत अच्छा नही हूँ, रॉबर्ट कीयोस्की इसमे उस्ताद है
शपथ नहीं करता
तो मै समान्यतः
लेकिन अगर आप अंतिम मिनट तक नहीं रुकते हो तो आप अपने नसीब से वंचित रहोगे,
इस बदलते हुए माहौल मे आप बर्बाद हो सकते हो।
धन्यवाद। द्वितीय से आखरी फ्रेम सरीखे से नहीं
एक ऐसी चीज़ जो लोगो की समझ मे नही आती।
ऐसा नहीं है कि
गुमनामी मे खोने के लिए बेन बर्नाक सोने की एवज मे नोट छापते चले जाए
और सोना 10,000 डोलर्स प्रति़ औंस, 50,000 डोलर्स प्रति औंस
100,000 डोलर्स प्रति औंस पहुँच जाए
हकीकत यह है कि केवल
कुछ बहुत धनी निवेशक इसकी कोशिश करे
इससे पहले कि सामान्यगण जाग जाए और लोग झुंड मे आना शुरू हो
लेकिन यह लोग है, जो अपने ‘फुटबॉल और शराबयुक्त’ कोमा
मे से जाग रहे है,
आखिरी समय मे आ रहे है, और यह एक अलग अवस्था है,
क्योंकि उनकी मुद्रा की शक्ति युद्ध के कारण शुन्य हो गयी है,
लेकीन मूलतः
आपको इसमे ट्रेंड के शुरू होने से पहले घुसना होगा
और बाहर निकल आना पड़ेगा जब अन्य लोग दहशत मे आ गए हो।
जेसा मैने बोला, यह दुनिया का सबसे बड़ा संपति हस्तांतरण है,
लेकीन आपको इसके माप का अंदाजा नही जब तक आप उसके बारे मे सोचते नही।
यदि हमारी वित्त व्यवस्था मे कुछ फेरबदल होता है
और यदि हमे कुछ संपति समर्पित मुद्रा के पास वापस जाना पड़ता है
इसका मतलब है कि जो लोग बिना संपति समर्पित मुद्रा रख रहे है,
जो कि आज दुनिया की सभी मुद्राए कर रही है,
उनकी संपति बहुमूल्य घातु धारण करने वालो को हस्तांतरीत हो रही है.
यह दुनिया के इतिहास का सबसे बडा संपति हस्तांतरण है इसलिए
यह इतिहास का सबसे बडा मौका है,
फिर भी, क्या स्टीफेनी विंग यहाँ पर है ?
स्टीफेनी, कृपया एक सेकंड के लिए खडे हो जाइए। स्टीफेनी के दादाजी की बहन
बीसवीं सदी में सचिव थी ओर
शेयर बाजार की गिरावट के वक्त और तब तीव्र मंदी मे
उन्होंने स्टॉक्स खरीदने शुरू किये जब
सब लोग बेच रहे थे ओर जब स्टॉक्स बूरी अवस्था मे थे
और विषैले निवेश मे गिने जाते थे जिसमे आप कभी जाना नही चाहते थे।
स्टीफेनी के दादाजी की बहन ने इन स्टॉक्स को खरीदना कायम रखा,
वह एक संपति प्रक्रिया का उदाहरण है,
वह इन स्टॉक्स पर सवारी करती रही और मुझे स्पष्ट पता नही, उसने यह कब किया
लेकिन उसके पास जरूर कोई नैसर्गिक सूझ रही होगी जो उसे यह बताती होगी कि स्टॉक्स अधिक कीमत के है
उसने स्टॉक्स बेच डाले और अचल संपति खरीद ली। अगर आप वॉशींगटन DC मे, फ्रेंच एम्बेसी मे जाए
वह उसका होटल था,
धन्यवाद, स्टीफेनी।
तो बहुत बहुत धन्यवाद, हम लोबी मे मिलेगे
जहा आपको हमसे 300 ट्रिलीयन डॉलर्ज़ मिलेंगे, धन्यवाद!
तो मैं अभी मंच के कार्यक्रम से बाहर निकला
और पता है,
बहुत अच्छा, कार्यक्रम बहुत अच्छा रहा
लोगो ने पूरी जानकारी अच्छी तरह से प्राप्त की,
बहुत अच्छे श्रोता थे,
लेकीन आपको पता है?
भले ही
इतने लोगो के सामने प्रत्यक्ष बोलना और उनकी प्रतिक्रीया सुनना लाभपूर्ण है
यह कुछ सौ या
फिर एक समय पर कुछ हजार लोगों के साथ हो पाया
यह पर्याप्त नही है, हम सचमे मुश्किल मे है
और हमे एक साथ लाखो लोगो तक पहुँचना है,
और इसलिए मैं
विडीयो पर ज्यादा निर्भर हो रहा हूँ
और दुनियाभर मे घूमने की कोशिश, जैसा कि मैं देश-विदेश जाकर कर रहा हॅू,
400 से 4000 लोगो को
एक ही समय पर यह सब कह रहा हूँ
तो आपको पता है, शायद
मै आशा रखता हूँ कि मुझे बहुत ज्यादा
व्यक्तिगत रूप से प्रकट न होना पड़े।
मै
केवल वीडियोज़ बना सकता हूँ, किताबे लिख सकता हॅूं, और सूचनाए एकत्र कर सकता हूँ
जितना जल्दी हो सके उतना, और फिर
हजारो ही नहीं लाखो तक पहुँच सकु.
अभी हम एक डॉक्यूमेंटरी पर काम कर रहे है और
दुनिया भर घूम आए है, ताइवान, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलेण्ड
कोलंबिया, पेरु,
इकवेडोर
लंडन, सेंट पीटर्सबर्ग (रशिया), मॉस्को,
जर्मनी, रोम
पेरिस,
एथेंस(ग्रीस),
और हमने इजिप्त मे पिरामिड के सामने शूट किया है। यह एक यादगार सफर था,
हम इस
डॉक्युमेंटरी को एक साथ बिठाने की कोशिश कर रहे है और मुझे
लगता है वह लोगो के लिये बड़ा मज़ेदार होगा, और बडा ही शिक्षाप्रद।
कोई भी उम्मीद नही कि ऐसा होगा कि
पूरे विश्व मे एक मुद्रा हो, जो हर कोई उपयोग मे लाए।
लेकिन आप यहाँ जो देख रहे है कि XAU मे
अस्सी के दशक से,
औसतन,
सोने और चांदी ने स्टॉक्स से ज्यादा अच्छा प्रदर्शन किया
आपको शूरू करना है, इसलिये... खुले बाजार हमेशा चालबाजी को उल्टा देते है है,
यह डूबने का खेल है,
समय रहते वह खत्म होगा,
लेकिन, उनको स्थान लेना होगा, इस तरह उनको तैयार रहना होगा, आप इंतजार नही कर सकते...
क्योंकि आप देख सकते है…
मूलतः आपको पता है, एक चीज़ जो आपने जान ली वह
कि अन्तः सभी फियाट मुद्राए अपने अन्तरिम मूल्य को पा लेती है,
क्योंकि वे उन्हे खत्म कर देते है। केवल ऊर्जा जो आप उनमे से खींच सकते है।
BTUs मे
दहन से, जब आप इसे जलाते हो और यह आपने वेमर मुद्रास्फीति के दौरान देखा।
लोगो ने घर मे गर्मी लाने के लिए इंधन के रूप मे नोट जलाए थे। मुद्राए हमेशा तेल, सोना, चाँदी,
जमीन से समर्थीत रही है। लेकिन जैसे ही आप कुछ हटाते हो जो कि आप नही कर सकते,
कुछ चीजे जो आर्थिक रूप से बाधित करती है, जहां आप चाहे उतनी मुद्रा नही छाप सकते,
तो मुद्रा खत्म हो जाती है।
यह आश्चर्य से परे है...यदि यह डरावने प्रभाव पैदा नहीं करता।
यह बेतुका होता, वास्तव मे यह मज़ाकिया होता़ जहां हम जा सकते और कुछ मजा ले सकते,
और यह सच मे डरावना है, अगर आप पिछले 3000 साल का
इतिहास देखे। इस पागलपन का प्रत्येक प्रसंग रहा है
बुरा, बुरा, बुरा