Tip:
Highlight text to annotate it
X
आज यह लनडन मे बरसींला दिन है| लेकिन ये एस्से बुरा भी हो सकता था ||
मै सोऊदी अरेबीया मे हो सकता था | जहां आदमी को आदमी और औरत को पशू समझा जाता है || क्या मै ऐसा केह सकता हूं ?
सोऊदी अरेबीया Human Rights Commission , क्या मजाक की बात है ||
लेकिन येह सच है | वहॉ ऐसी ऐक शाकहा है || और वह शकैयत करने लगे है |
ईस महीने के दोरान Copenhagen में , की मुसलमान लोगों को योरप में इनसानी हक नही मिलते ||
और आज़ादी से उनके विश्वास का अभ्यास करने के लिए अनुमति नहीं है. कैसा था? मानव अधिकारों में व्याख्यान
सऊदी अरब द्वारा.आगे कया था कोरियन से , पशु कल्याण? "यह ईस्से भी अधिक असली होसकता है?" तुम पूछो.
हाँ, वह जाहिर है, क्योंकि वे यह भी चाहते हें की हम इस्लाम को आतंकवाद के साथ ना जोड़ऍ ,
जो अजीब है इस्लाम के संरक्षक , और आतंकवाद के संरक्षक से आ रहा है.
एक स्वस्थ समाज में जो आदमी ऐसा कहने के लिये खडा होगा उसे लात मर कर दरवाजे से बाहर कर दीया जाएगा
जैसे ही वह इस मुँह खोलेगा .या वह ट्रेन से बाहर फेंक दिया जाएगा या एक नदी में
लेकिन यूरोप में, हम शायद वह क्या कहना चाहता है सुनेंगे , और शायद इसे सही करने की कोशिश करते हैं
और हमें काम करने के हमारे तरीके बदल देंगे |ब्रिटेन में इस सप्ताह हमे बताया गया है कि एक प्रसिद्ध
सुपरमार्केट चैन ने मुसलमानों काम करने वालो को कहा की अगर वे न चाहते शराब संभालna की अनुमति है