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[गपशप]
[वक्ता] हम में से बहुत से लोग सोच रहे होंगे कि यह सारी प्रौद्योगिकी हमारे दिमागों को क्या कर रही है?
[फोन बज रहा है; बीप की आवाज]
मेरा मतलब है, हम जानते हैं कि अनुभवों के आधार पर दिमाग जिन्दगी भर बदलता रहता है।
असल में, इस फिल्म को देखना भी इस समय आपके दिमाग में कनेक्शनों को नया रूप प्रदान कर रहा है।
[♪ संगीत ♪]
लेकिन क्योंकि हम मानव हैं जो इस प्रौद्योगिकी का निर्माण कर रहे और इसका इस्तेमाल कर रहे हैं,
शायद पूछने के लिए एक बेहतर सवाल यह होगा कि
कि हम अपने दिमागों को कैसा रूप दे रहे हैं?
[दिमाग की ताकत]
दिमाग के बारे में ऐसा बहुत कुछ है जिसका हमें पता नहीं है,
पर कुछ ऐसी बातें भी हैं जो हम जानते हैं।
आप जानते हैं, कि मानव ने जब सोचना शुरू किया उसके कुछ ही समय बाद,
हमने अपने दिमागों को समझने के लिये तरीकों के बारे में सोचना शुरू कर दिया था।
विचारकों की एक रणनीति यह रही है कि उन्होंने इतिहास के पूरे समय के दौरान
दिमाग की तुलना अपने समय की सबसे नई प्रौद्योगिकी के साथ की है।
दिमाग की तुलना एक घड़ी, एक स्विचबोर्ड,
एक भाप वाले इंजन,
एक मशीन,
एक कम्प्यूटर के साथ की गई है।
और हमें सोचते है कि किस प्रकार आज की प्रौद्योगिकी ने हमें
दिमाग को को एक नये रूप में समझने में मदद की है?
इसलिए हमने उस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल सारी दुनिया भर के लोगों से पूछने के लिए किया,
"आप दिमाग की कल्पना किस रूप में करते हैं?"
यह आश्चर्यजनक था, दुनिया भर से ये सभी न्यूरॉन्स विचारों और तस्वीरों के रूप में
हम पर फायरिंग कर रहे थे।
[♪ संगीत ♫]
और यह सब काफी स्पष्ट था।
इंटरनेट, दुनिया में सबसे उन्नत प्रौद्योगिकी प्रणाली,
मानव के दिमाग को समझने में मदद करने के लिए एक ताकतवर ढांचा है,
दुनिया में सबसे उन्नत जैविक प्रणाली है।
लेकिन फिर हमने इस पर थोड़ा और विचार किया,
और क्योंकि इंटरनेट अभी एक
तेजी से बढ़ता हुआ, लगातार बदलता हुआ,
दुनिया भर में कई करोड़ों नये कनेक्शन बनाता हुआ इतनी युवा, विकासशील अवस्था में है,
फिर एक बेहतर ढांचा यह होगा कि इसकी तुलना
एक बच्चे के दिमाग से की जाए,
जो कि विकास के उसी स्तर में है,
तेजी से बढ़ता हुआ, लगातार बदलता हुआ,
और दिमाग के अलग-अलग हिस्सों के बीच
कई करोड़ों नये कनेक्शन बना रहा है।
तो सवाल यह है कि:
यदि हम कहते हैं कि इंटरनेट भी उसी समान विकासशील अवस्था में है जिसमें कि एक बच्चे का दिमाग होता है,
तो हम इन दोनों की तुलना करके क्या सीख सकते हैं?
आईये आकार के साथ शुरुआत करें।
निस्संदेह इंटरनेट एक बच्चे के दिमाग की तुलना में एक बड़ी इकाई नजर आता है,
पर इसका हमारे उदाहरण के तौर पर क्या अर्थ है?
हम कह सकते हैं कि दिमाग में एक न्यूरॉन
इंटरनेट में एक वेबपेज़ की तरह होगा।
तो आईये इंटरनेट पर उपलब्ध वेब पेज़ों की तुलना में
एक बच्चे के दिमाग में न्यूरॉन की संख्या को देखें।
तो, किसी भी उम्र के एक इंसान के दिमाग में लगभग 100 बिलियन न्यूरॉन होते हैं,
लेकिन इंटरनेट पर उसके 10 गुना, अर्थात--
1 ट्रिलियन वेब पेज़।
तो इस तुलना के साथ, इंटरनेट बड़ा है।
तो फिर इनमें से कौन सा नेटव्र्क अधिक जटिल है?
हम कह सकते हैं कि दिमाग में सूत्रयुग्मन को -- दो न्यूरॉनों के बीच के जोड़ का बिन्दु--
एक हाइपरलिंक की तरह है-- दो वेब पेज़ों के बीच का जोड़ का बिन्दु।
तो क्या बच्चे के दिमाग में ज़्यादा कनेक्शन हैं या इंटरनेट पर?
[♫ संगीत ♪]
अच्छा, इंटरनेट में 100 ट्रिलियन से भी अधिक लिंक हैं,
और एक बालिग व्यक्ति के दिमाग में 300 ट्रिलियन लिंक होते हैं।
पर यह जानिये: एक बच्चे के दिमाग में अरबों-खरबों कनेक्शन होते हैं--
पूरे इंटरनेट के कनेक्शनों की संख्या से 10 गुना अधिक।
एक बच्चे के दिमाग में पूरे इंटरनेट की तुलना में अधिक कनेक्शन हैं।
हाँ, इसने हमारे दिमागों को भी आश्चर्यचकित कर दिया था।
यह कैसे संभव हो सकता है? आईये इसे समझें।
जैसा कि हमने कहा, एक बच्चा 100 बिलियन न्यूरॉनों के साथ पैदा होता है,
पर वे अरबों-खरबों कनेक्शन,
अभी बने नहीं हैं।
वे कनेक्शन जिन्दगी के पहले 5 वर्षों में
बड़ी ही तेज़ गति से बनते हैं,
700-1000 नये सूत्रयुग्मन प्रति सेकेंड के हिसाब से।
ये कनेक्शन बच्चे की हरेक बातचीत के माध्यम से बनते हैं
और महत्वपूर्ण है क्योंकि ये दिमाग की बनावट को बनाते हैं।
तो इसलिए हर बार जब आप बच्चे से बात करते हैं और उससे सम्पर्क करते हैं,
आप पूरी तरह से एक दिमाग को विकसित कर रहे हैं,
दिमाग के विभिन्न हिस्सों को आपस में जोड़ते हुए,
जो नये विचारों, अंतर्दृष्टि, और रचनात्मक सोच को बनाता है।
इसलिए आखों से सम्पर्क का प्रत्येक पल, हर कहे गये नये शब्द के साथ,
हर बार जब आप बच्चे को हँसाते हैं,
आप उन कनेक्शनों को मजबूत बना रहे हैं।
और क्योंकि ऐसा करने के कई अलग-अलग तरीके हैं,
हमने दुनिया भर के लोगों से पूछा,
"हमें अपने जीवन में बच्चों के साथ संलग्न होने के अपने पसंदीदा तरीकों के वीडियो भेजें।"
[पियानो संगीत ♫]
उन शुरुआती वर्षों के दौरान, एक बच्चे का दिमाग जितने संभव हों उतने कनेक्शन बनाता है,
और फिर उनकी छँटाई शुरू कर देता है जिनका इस्तेमाल नहीं हो रहा
और उन्हें मजबूत बनाना शुरू कर देता है जिनका इस्तेमाल हो रहा है।
जीवन भर चलने वाली एक गतिशील प्रक्रिया।
लेकिन क्योंकि एक बच्चे का दिमाग उसके सम्पर्क में आने वाली हर चीज़ से सक्रिय होता है,
यह अभिभूत भी हो सकता है,
जिससे तनाव उत्पन्न होता है।
जब दिमाग को तनाव का सामना करना पड़ता है तो शरीर की चेतावनी प्रणाली सक्रिय हो जाती है।
यदि तनाव जल्दी ही समाप्त हो जाता है तो यह प्रणाली आसानी से सामान्य हो जाती है।
और हालांकि तनाव के साथ निपटना विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है,
गंभीर हालातों, जैसे कि लगातार चलने वाला दुरुपयोग या उपेक्षा,
जहाँ इस तनाव को कम करने के लिए कोई देखभाल करने वाला बालिग व्यक्ति मौजूद न हो,
तो वहाँ शरीर की यह चेतावनी प्रणाली सक्रिय हो जाती है,
जिसके बच्चे के लिए जिन्दगी भर चलने वाले गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
इसे विषाक्त तनाव के रूप में जाना जाता है।
विषाक्त तनाव एक ऐसी शरीर की प्रणाली बना सकता है जो स्थायी तौर पर हाई अलर्ट पर रहती है।
यह हमारे द्वारा सीखने और आत्म नियंत्रण करने वाले सूत्रयुग्मनों की
छँटाई का कारण बन जाता है, जबकि डर और उग्र व्यवहार वाले कनेक्शन मजबूत बन जाते हैं।
[गाना गाना ♫]
जबकि दिमाग बाकी की जिन्दगी भर में बदल सकता है,
ये शुरुआती साल जिज्ञासा, रचनात्मकता और अनुकूलनशीलता के लिए
एक मजबूत नींव बनाने में प्रमुख होते हैं।
[♪ संगीत ♪]
और यदि हम कहते हैं कि इंटरनेट भी शुरुआती विकास के उसी महत्वपूर्ण अवस्था पर है,
जितने हो सके उतने कनेक्शन बनाता हुआ,
तो हमें यह ध्यान रखने की जरूरत है कि हम इसकी नींव का निर्माण कैसे कर रहे हैं।
बिलकुल वैसे ही जैसे कि प्रत्येक बातचीत बच्चे के दिमाग में नये कनेक्शन बनाती है,
वैसे ही प्रत्येक ई-मेल, ट्वीट, सर्च या पोस्ट
हमारे वैश्विक दिमाग में कनेक्शनों को बना एवं मजबूत कर रहा है,
वस्तुत: इंटरनेट के आकार को बदलता हुआ
जो कि हम, दुनिया भर के बिलियनों व्यक्ति, इकठ्ठे मिलकर कर रहे हैं।
और जैसे कि बच्चे के दिमाग के विभिन्न
हिस्सों का आपस में जुड़ा होना ज़रूरी है
ताकि वह व्यावहारिक और रचनात्मक विचारों के लिए तैयार हो
वैसे ही दुनिया भर में सहानुभूति, नवाचार, और मानव अभिव्यक्ति की नींव रखने के लिए
दुनिया भर के विभिन्न
हिस्सों का आपस में जुड़े रहना ज़रूरी है।
और क्योंकि अब तक हमें प्रौद्योगिकी के उन सभी तरीकों के बारे में नहीं पता है जिनसे वह हमारे दिमागों को पुन: आकार दे रही है,
पर हम जानते हैं कि हर बार जब हम इसमें जुड़ते हैं, हरेक व्यक्ति जिसका हम पीछा करते हैं,
ई-मेल लिखते हैं, या जुड़ते है, हम जानते हैं कि वह हमें प्रभावित कर रहा है,
तो हमें, हमेशा, ध्यान रखना चाहिए कि हम अपने दिमागों में क्या आने देते हैं,
जिसका कई बार अर्थ होता है कि यह जानना कि कब संबंध तोड़ना है।
जैसे कि एक बच्चे के दिमाग के लिए यह अच्छा नहीं है कि वह लगातार अधिक या बहुत कम उत्तेजित रहे,
वैसे ही यह किसी बालिग व्यक्ति के दिमाग के लिए भी अच्छा नहीं है।
[♫ संगीत ♪]
इंटरनेट और एक बच्चे के दिमाग दोनों के लिए,
वे कनेक्शन जिन पर हम सबसे अधिक ध्यान देते हैं वे मजबूत बन जाएँगे,
जबकि जिनका हम कम इस्तेमाल करते हैं उनकी छँटाई हो जाएगी।
[♪ संगीत ♪]
तो हम किस प्रकार एक बेहतर भविष्य के लिए एक सिलसिला निर्धारित करने के लिए
इन दोनों विकासशील, आपस में जुड़े नेटवर्कों को पोषण देंगे।
इस बात पर ध्यान देकर कि हम किस चीज़ पर ध्यान दे रहे हैं।
ध्यान देना दिमाग का सबसे अधिक मूल्यवान संसाधन है।
प्रत्येक बातचीत से फर्क पड़ता है।
हम सबके पास दुनिया के भविष्य,
और अपने भविष्य को आकार देने का मौका
यहाँ शुरू होता है।
[♪ संगीत ♪]
"दुनिया में सबसे अच्छा आविष्कार एक बच्चे का दिमाग है।" -थॉमस एडीसन]
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