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"गैरी यूरोफस्की: न्याय का सिपाही"
"चार फर विरोधी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया"
"पशु अधिकार कार्यकर्ता अपने सिद्धांतों के लिए जीने/मरने की प्रतिज्ञा करता है"'
"पशु सर्कस के दास हैं"
"सर्कस के बाहर कार्यकर्ता का विरोध प्रदर्शन "
"न्याय के लिए उत्साह से प्रेरित"
"एक बात पर अटल है और अकेला खड़ा है"
"कार्यकर्ता श्राइन सर्कस में जंजीर के द्वारा कार से बंधा हुआ "
"यूरोफस्की फर की दुकान पर जंजीर के द्वारा कार से बंधा हुआ"
"पशु अधिकार कार्यकर्ता क्रूरता को बर्दाश्त नहीं करेगा"
"चैंपियन या अपराधी?"
"कार्यकर्ता फर की दुकान पर काम रोक रहा है "
"पशु अधिकार के लिए कार्यकर्ता अपना जीवन समर्पित कर रहा है"
"मैं जेल जाने के लिए तैयार हूँ"
''कानून को चुनौती, यीशु मसीह से नेल्सन मंडेला तक''
''रोजा पार्क्स से मार्टिन लूथर किंग तक''
''सामाजिक परिवर्तन के लिये लोग कानून को हमेशा से चुनौती देते रहे हैं''
''आज के वक्ता ऑकलैंड विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में बीए की डिग्री ले चुके हैं''
''और प्रसारण आर्ट्स की डिग्री स्पेच्क्स हॉवर्ड स्कूल से ले चुके हैं''
''गैरी यूरोफस्की ने काफी अनुभव प्राप्त किये हैं और कई लोग शायद उन अनुभवों से अनभिज्ञ रहना चाहेंगे''
''उन्हें दस से भी ज्यादा बार गिरफ्तार किया गया है,
और उन्होंने एक अधिकतम सुरक्षा जेल में ७७ दिन बिताये हैं',
ये सब उन्होंने पशु अधिकारों के समर्थन मैं झेला है.
गैरी ने राष्ट्रव्यापी स्कूलों में सैकड़ों व्याख्यान दिए हैं,
कनेक्टिकट, मिशिगन राज्य और बॉलिंग ग्रीन के विश्वविद्यालय इस का हिस्सा हैं,
लेखक चारलोट मोंटगोमरी ने अपनी किताब, "खून के रिश्ते (Blood Relations)" में गैरी का एक अध्याय शामिल किया है.
कृपया राष्ट्रीय प्रवक्ता, गैरी यूरोफस्की का स्वागत करें.
आप सब को नमस्कार!
मेरा नाम गैरी यूरोफस्की है.
यह रहा मेरा ईमेल एड्रेस और मेरी वेबसाइट. आप चाहें तो मुझ से संपर्क कर सकते हैं
आज हम दुनिया के द्वारा भुलाये गए पीड़ितों के बारे में बात करने जा रहे हैं:
पशु.
और दुनिया की सबसे पुरानी और सबसे शक्तिशाली आदत के बारे में भी बात करेंगे
मांस.
आज मैं आपकी सोच को चुनौती दूंगा, और मेरी कुछ बातों मैं गहराई होगी
परन्तु मैं एक बात का खंडन करना उचित समझता हूँ
मैं आपका दुश्मन नहीं हूँ
आज व्यक्त विचार, किसी प्रोफेसर के या इस संस्था के विचारों को प्रतिबिंबित नहीं करते.
मैं आपको किसी धर्म से दूर ले जाने की कोशिश नहीं कर रहा हूँ.
कोई धर्म ये आदेश नहीं देता है की गोश्त खाना जरूरी है!
बाइबिल में एक सुनेहरा नियम ये कहता है की "दूसरों के साथ वैसा ही व्यव्हार करना चाहिए जैसा हम अपने साथ करवाना चाहते हैं"
और जानवर उन ''दूसरों या अन्य'' में आते हैं
सुनेहरा नियम ये भी कहता है "तुम हत्या नहीं करोगे!"
सभी धर्मों के चार सबसे महत्वपूर्ण लेकिन सबसे अधिक उपेक्षित शब्द इस प्रकार हैं.
इस वाक्य के लिए कोई अपवाद नहीं है.
''अगर आप चार पैरों पर नहीं चलते और आपके पास फर, पंख, सींग, चोंच इत्यादि नहीं हैं, तो आप''
आप अपने दोस्तों, राजनीति और देशभक्ति को अपने पास रख सकते हैं,
अपने पसंदीदा टीवी शो देख सकते हैं और अपना पसंदीदा संगीत सुन सकते हैं,
भले ही वह टेड नुजेंट है.
मैं भाषण के दौरान कुछ व्यंग्यात्मक पर सच्ची टिप्पणी करूंगा.
आप बेशक हसना चाहें तो हंसें जब भी आपका जी चाहे
बस गंभीर भागों के दौरान नहीं हंसें.
और मैं लगभग ६५ से ७० मिनट तक बोलूँगा,
उसके बाद लगभग आधे घंटे आप मुझसे सवाल जवाब कर सकते हैं
इस बीच, मैं आपसे कुछ प्रश्न पूछुंगा.
क्या गुलामी, स्वामित्व, लाभ, प्रभुत्व सिर्फ इंसानों मैं पाए जाते हैं?
क्या सिर्फ अश्वेत, यहूदी, औरतें और बच्चे ही क्रूरता के शिकार हैं?
क्या गाय गुलामी की शिकार नहीं है?
सूअर, मुर्गी, मछली और बकरी - क्या यह गुलामी के शिकार नहीं हैं?
अगर यह सब गुलाम नहीं हैं तो और क्या हैं? आजाद??
क्या इंसान या जानवरों के अलावा कोई और चीज़ गुलामी की शिकार हो सकती है?
क्या समुद्र, जंगल और धरती सभी स्वामित्व के शिकार नहीं हैं?
और क़साईख़ाना?
हत्या का घर: कसाईखाना!!!
क्या आपके विचार में किसी की हत्या दयापूर्वक करना संभव है?
इस सन्दर्भ में दया या मानवीय जैसे शब्दों का क्या अर्थ है?
मनोवैज्ञानिक और शारीरिक शोषण, यातना, बहिष्कार और हत्या के अलावा,
बूचड़खानों में पशुओं के साथ क्या होता है?
वहां क्या पशुओं की सेवा या मालिश होती है?
और अगर आपको लगता है कि वहाँ "मानवीय या दयापूर्ण वध" होता है ..
तो मैं आपसे ये पूछना चाहता हूँ - क्या आपको लगता है कि "मानवीय या दयापूर्ण" बलात्कार संभव है?
दयापूर्ण बाल शोषण?
इंसानियत/दया से भरपूर गुलामी?
दया से भरी हुई प्रलय या सर्वनाश?
वास्तव में प्रलय की आप क्या परिभाषा देंगे?
इसे आप इंसानों का संहार कहेंगे या फिर निर्दोष जीवों का संहार मानेंगे?
मेरे विचार मैं प्रलय निर्दोष जीवों के संहार को कहते हैं ....
अब सुनिए संसार के सबसे बड़े संहार के बारे में
अमेरिका में हर वर्ष क्रूरतापूर्वक,
हम दस अरब जानवरों और 18 अरब समुद्री जानवरों की हत्या करते हैं.
और ये हत्या स्वास्थ्य, अस्तित्व, जीविका या आत्म रक्षा के लिए नहीं की जाती है .....
लोग चार कारणों से वशीभूत हो कर मांस, पनीर, दूध और अंडे खाते हैं:
आदत
परंपरा
सुविधा
स्वाद
मैं एक शब्द की परिभाषा देता हूँ जो कुछ लोगों के लिए नया हो सकता है -'वीगन'
यह वहाँ है, स्क्रीन पर: V-E-G-A-N (वीगन).
वीगन लोग, शाकाहारियों की तरह, किसी भी थल या समुद्री जानवरों के मांस का उपभोग नहीं करते.
वीगन लोग, हालांकि, शाकाहारियों के विपरीत ,
पनीर, दूध, अंडे, शहद या किसी भी पशु उत्पाद का भी उपभोग नहीं करते है.
हम जानवरों की खाल,फर, ऊन, चमड़ा रेशम इत्यादि का प्रयोग भी नहीं करते हैं
अब मैं आपको ये बता दूं की मेरी परवरिश वीगन परिवार मैं नहीं हुई थी.
मैं मांस, पनीर, दूध, अंडे लगभग २५ वर्षों तक खाता था.
औरों की तरह मैं चमड़े के जूते, बेल्ट और जैकेट भी इस्तेमाल करता था.
वास्तव में, लगभग 20 साल पहले मेरे पास एक फर कोट भी था.
इस बात को कहने यही प्रयोजन है की मैं आपकी जीवन शैली को समझता हूँ क्योंकि मेरी भी यही जीवन शैली हुआ करती थी.
और जो लोग राजनीति में लिप्त हैं...
उन्हें मैं अभी से आगाह कर रहा हूँ ...
मैं एक डेमोक्रेट, अराजकतावादी या हिप्पी नहीं हूं.
मैं रिपब्लिकन, समाजवादी या फासिस्ट भी नहीं हूँ.
मैं एक सक्रिय कार्यकर्ता हूँ,
मूल शब्द है 'सक्रिय'.
मैं ५ देशों से निष्काषित किया गया हूं, और अब तक १३ बार गिरफ्तार हो चूका हूं,
वो इसलिए क्योंकि मैं अपने पशु भाई बहनों के प्रति दया के काम करता हूं,
आप चाहें तो मेरी वेबसाइट पर ये खबरें पढ़ने के लिए उपलब्ध है.
और आज, मैं आपको वास्तव में कुछ करने और सम्मिलित होने का अवसर देना चाहता हूँ!
क्योंकि मैं इस बात को समझता हूँ की बहुत सारे लोग इस काम मैं शामिल होना चाहते हैं!
लेकिन अपनी गाडी पर ''जियो और जीने दो'' का स्टिक्कर लगा कर,
"ईशु इस मामले में क्या करेंगे?" का कडा पहनकर
या एक "शांति और प्यार और सनशाइन" वाली टी शर्ट पहनना :
ये साबित नहीं करता की आप इस काम में भागीदार हैं !
मैं मानता हूँ की हम सब जीवन की यात्रा में लगे हुए हैं
हम सबकी पसंद और नापसंद अलग अलग हैं
देश और धर्म भी विभिन्न हैं,
लेकिन हम सबको शांति की आवश्यकता है - ये हमें एक दुसरे के साथ जोडती है!
इस धरती पर रहने वाले साथियों के प्रति सच्ची दया और शांति की आवश्यकता है!
राजनैतिक और धार्मिक रुढियों के विपरीत, पशु हमारी निजी संपत्ति नहीं हैं.
पशु सामान, संपत्ति या फिर निर्जीव, बेवकूफ चीज़ें नहीं हैं जो की कुछ सोचते या महसूस न करते हों!
यह डेसकार्टेस का ''जानवरों के प्रति द्रष्टिकोण'',
की पशु मशीन की तरह होते हैं
यह बहुत पुराना है, और १०० प्रति शत अनर्गल है.
क्योंकि अगर हम मानते हैं की जानवरों के पास देखने के लिए आँखें हैं,
सुनने के लिए कान हैं,
सूंघने के लिए नाक है,
खाने के लिए मुंह है,
चलने के लिए पैर हैं,
पंख उड़ान भरने के लिए,
तैरने के लिए अंग हैं ,
बच्चे पैदा करने के लिए जननांग हैं
मलत्याग के लिए आंतें हैं,
मैं हमेशा से उलझन में हूँ कि ज्यादातर लोगों को विश्वास नहीं है कि वे भी अपने दिमाग का उपयोग सोचने के लिए कर सकते हैं,
दुःख सुख महसूस कर सकते हैं,
तर्कसंगत, जागरूक या आत्म-जागरूक हो सकते हैं!
क्या मैं यह मान लूं की जानवरों के सभी अंग सही रूप में काम करते हैं,
मस्तिष्क को छोड़कर?
यह तो बहुत बड़ा झूठ है.
जानवरों पर अत्याचार करने वाले काफी भ्रांतिपूर्ण प्रचार करते हैं!
याद करने की कोशिश करें की आपने टीवी पर मशरूम्स खाने के बारे में प्रचार पहले देखा है क्या?
क्या आपने लोगों को मशरूम्स खा कर नाचते गाते देखा है?
या फिर अल्फाल्फा के लिए ऐसा करते देखा है?
कीनुआ? (यह एक बीज है)
मूली?
रास्पबेरी?
टोफू?
आप इन चीजों के विज्ञापन टीवी पर नहीं देखते हैं . इनके स्थान पर आप क्या देखते हैं?
आओ थोडा मांस खा लो, पनीर खा लो!
अपने मांस पर कुछ और पनीर लो! मांस, पनीर, डबल पनीर, अतिरिक्त पनीर,
अपने गोश्त पर और थोडा पनीर ले लो?
गाय का और दूध पी लो, कुछ अंडे और खा लो!
इन विज्ञापनों के बीच मैं आप और क्या देख रहे हैं???
क्यों? क्या आप कुछ अच्छा नहीं महसूस कर रहे हैं?
क्या कैंसर विशेषज्ञ या दिल के डॉक्टर से मिलना चाहते हैं?
क्या लिपितौर? ज़ोकोउर? क्रेस्तौर? प्लाविक्स? की जरूरत है? कुछ आहार गोलियों की जरूरत है?
किसी उर्जा दायक पेय पदार्थ की आवशयकता है क्या आपको? केयोपेकतैट ? टस्म !
पेपटो बिस्मोल ..
आपको बेवकूफ बनाया जा रहा है.
वे तुम्हें मार रहे हैं, वे जानवरों को मार रहे हैं, और वे इस ग्रह को मार रहे हैं.
और आपकी आँखों पर कस कर पट्टी बंधी हुई है,
पर आज आपसे बस यही प्रार्थना है की खुले दिमाग से मेरी बात सुनिए,
मैं आपकी आँखों पर पड़ी पट्टी को हटा दूंगा!
मेरा एक ही लक्ष्य है. मैं इंसानों को जानवरों के साथ फिर से जोड़ना चाहता हूँ.
मैं उन भावनाओं और तर्कों को जाग्रत करना चाहता हूँ जिन्हें हमारे समाज ने जान बूझ कर दबाया या धरती के नीचे दफ़न कर दिया है.
मैंने 'जोड़ना' शब्द इसलिए चुना है क्योंकि एक दिन ऐसा था जब इस कमरे में बैठा हर व्यक्ति
पशु अधिकारों का समर्थक हुआ करता था,
हम सब जानवरों से प्रेम करते थे और उनके सच्चे मित्र थे.
बचपन मैं हम ऐसे ही थे.
जब हम छोटे थे, बच्चे थे, यार हम जानवरों से प्रभावित रहते थे.
जानवर हमें हंसाते थे, हम उनके साथ मुस्कुराते थे.
वो हमें बहुत आनंद देते थे!
और एक समय ऐसा था जब हम भी उन्हें खुश देखने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते थे.
उन्हें क्रूरता से बचाने के लिए!
या कम से कम उन पर होने वाले अत्याचार को हम स्वीकार करते थे, नकारते नहीं थे.
मेरा मतलब है जब हम बच्चे थे अगर हमारे सामने कोई किसी जानवर को तंग करता था,
तो हम चीखते या रोते थे.
क्योंकि तब हम जानवरों के प्रति सही और गलत व्यव्हार के बीच का अंतर समझते थे.
उसके बाद हमें कुछ और सिखाया गया.
आप इस बात को मानिये की किसी ने आपको सिखाया होगा जानवरों की पीड़ा को अनदेखा करना चाहिए!
उनका जीवन, दर्द और तकलीफ मजाक का विषय हैं.
उनका अस्तित्व एक मजाक है.
आज आप इस बात पर अपना ध्यान केन्द्रित कीजिये - आज, कल और भविष्य में......
हम इतना कैसे बदल गए बचपन से आज तक?
हमें किसने सिखाया इतना नीच, बुरा और घृणास्पद होना?
और जानवर जो हमारे दोस्त हुआ करते थे उनसे उदासीन कैसे हो गए हम?
वो तो निर्दोष प्राणी हैं जिन्होंने हमारा कुछ भी नहीं बिगाड़ा है!!
मुझे यकीन है की एक बात पर तो हम सब अभी सहमत हो सकते हैं ...
घृणा, एक सीखा हुआ व्यवहार है. कोई अपने दिल मैं इसे ले कर पैदा नहीं होता.
नस्लवाद. लींगवाद. समलैंगिकवाद. यहूदियों से नफरत, जाति से द्वेष ...
ये सब हमें सिखाया जाता है! जब बच्चे दो, तीन, चार वर्ष के होते हैं, मैदान में खेल रहे होते हैं,
तो उन्हें अपने मित्रों के धर्म या उनकी त्वचा के रंग से कोई मतलब नहीं होता
मुझे इस बात में कोई संदेह नहीं है की नफ़रत करना हमें सिखाया जाता है
प्रजाति वाद भी ऐसी ही चीज़ है.
बहुत से लोगों के लिए ये एक नया शब्द है, यह यहाँ स्क्रीन पर शब्द "वीगन" से नीचे है,
यहाँ ''प्रजाति'' शब्द के साथ ''वाद'' को जोड़ा गया है,
और मैं इस शब्द का ''अनैतिकता से सम्पूर्ण सोच'' की परिभाषा के रूप मैं प्रयोग करूंगा ,
अनैतिक सोच के अनुसार मनुष्य को अन्य प्रजातियों की हत्या करने और उनका फायदा लेने का पूरा अधिकार है.
और वो इसलिए की हम अपनी प्रजाति को बहुत ख़ास मानते हैं,
मनुष्य अन्य प्रजातियों की तुलना मैं अपने को अत्यंत श्रेष्ट समझता है,
और ये सोचता है की बस हम ही हैं जो किसी गिनती मैं आते हैं - ''एको अहम् द्वितीयो नास्ति''.
आप ही बताइए क्या मैं गलत कह रहा हूँ?
इस प्रकार की सोच,
भेदभाव के सभी रूपों का आधार है.
एक ग्रुप का यह कहता की वो सबसे बढ़ कर है या विशेष है,
उसके उपरांत औरों का शोषण करना, उन पर अत्याचार करना और उनकी स्वंतन्त्रता को नष्ट करना.
अक्सर उन्हें संपत्ति समझना और अपना गुलाम बना कर रखना,
उनकी जान बूझ कर हत्या करना और इसके लिए कोई दंड नहीं भुगतना.
भेदभाव के बारे में एक बात समझना आवश्यक है!
किसी भी प्रकार का भेदभाव गलत है और ये सोचना ठीक नहीं की किस प्रकार के भेदभाव का विरोध करना चाहिए और किसका नहीं .....
और किस प्रकार का भेदभाव बुरा होता है - नस्लवाद...
और किस प्रकार का भेदभाव सही है - प्रजाति वाद.
भेदभाव की तो नींव ही या तो गलत है या फिर सही है.
इसमें दो मत नहीं हो सकते हैं ...
अब मैं आपसे सहानुभूति की प्रार्थना करता हूँ.
और जब मैं सहानुभूति मांगता हूँ तो यह कहता हूँ: ''आप अपने आप को जानवरों की जगह रख कर देखिये'',
''और इस मुद्दे को उनकी नज़रों से देखिये''.
पीड़ितों की नज़र से देखिये.
जब आप किसी भी अन्याय की जांच करते हैं - चाहे वो इंसानों के खिलाफ हो या जानवरों के .. पीड़ित कोई भी हो,
तब आप पीड़ित की नज़र से देखिये
यदि आप स्वयं अन्याय के शिकार नहीं हैं, तो किसी भी बात की पूरी तरह जांच नहीं करते - जब खुद पर बीते तभी समझ में आता है
जब आप खुद अन्याय का शिकार नहीं होते तो उस अन्याय को युक्तिसंगत ठहराना या क्रूरता को माफ़ करना बहुत आसान होता है,
चाहे वो अन्याय, असमानता, गुलामी, और हत्या...में से कुछ भी हो .
लेकिन जब तुम शिकार हो,
तो सब कुछ अलग द्रष्टि से दीखता है.
अब मैं आपको चार मिनट का एक विडियो दिखाता हूँ,
आप देखिये की कसाईखाने के अन्दर क्या होता है.
आपसे प्रार्थना है की इस विडियो के दौरान नज़रें न चुराएँ और न ही अपनी आँखें बंद करें.
यह इसलिए कि, अगर आप मांस, पनीर, दूध और अंडे खाते हैं,
तो कम से कम आप जिस पीड़ा को बढ़ावा देते हैं उसे देखना बनता है.
लेकिन अगर आप इस विडियो के दौरान नज़रें चुराने या आँखें बंद करने की जरूरत महसूस करते हैं,
तो अपने आप से एक प्रश्न पूछिए:
अगर यह मेरी आँखों के लिए अच्छा नहीं है, फिर क्यों यह मेरे पेट के लिए अच्छा है?
कष्ट! तकलीफ! कष्ट! पीड़ा!
अगर तुम उन्हें कष्ट देना चाहते हो ..तो और कष्ट दो!
सूअर के बच्चे को धरती पर पटकना
क्योंकि वो तेजी से नहीं बढ़ रहे हैं
डॉल्फिन की हत्या (फूटो, जापान)
आयोवा में कोषेर क़साईख़ाना
गिलोटिन मशीन
चोंच तोड़ना
अंडकोष निकालना
चेत्नाशुन्य करे बिना
यकृत (liver pate) के लिए हंस को जबरन खिलाना
मुर्गी के नर चूजे को जिन्दा पीस डालना
लोहदंड के साथ कलहंस की हत्या
क्योंकि वो तेजी से नहीं बढ़ रहे हैं
साशा फार्म पशु अभयारण्य
'बिग रेड "
"लोरेंजो "
खुश गायें
ये कैलिफोर्निया से नहीं आते हैं!!!
सींग उखाड़ देना
साशा फार्म पशु अभयारण्य
प्रेम को एक मौका दे कर देखिये
क्या आपने कभी सोचा की क्यों मैकडॉनल्ड्स, बर्गर किंग और वेन्डी अपने टीवी विज्ञापन में उन छवियों को नहीं दिखाते हैं?
इसके स्थान पर वे आपको नाचते, गाते, मुस्कुराते हुए पशुओं के कार्टून दिखाते हैं.
आपसे झूठ बोलते हैं,
आपको बहकाते हैं.
आपकी प्रोग्रामिंग करते हैं
वो चाहते हैं की आप इन बातों के बारे में नहीं सोचें.
ये वो चीज़ें हैं जिनकी आप परवाह करते थे.
अभी, इस क्षण में अमेरिकी राजमार्गों पर,
कोई 5,000 से अधिक कन्सेंट्रेशन कैंप ट्रक हैं.
ट्रक जिनका हमने निर्माण किया है.
इनमें जीवित, निर्दोष, डरे हुए प्राणी हैं.
गाय और सूअर और मुर्गी ...
इन ट्रकों को कन्सेंट्रेशन कैंप क़साईख़ाना ले जाया जा रहा है
हमने बड़े ध्यान से अमेरिका भर में इन क़साईखानों का निर्माण किया है.
जब ट्रक आते है तो ये जानवर इतने भयभीत होते हैं.
की वे ट्रक से उतरना नहीं चाहते.
वे मूर्ख नहीं हैं !
वे जानते हैं कि आगे क्या होनेवाला है.
इसलिये लोग बिजली के रॉड लेकर ट्रकों पर जाते हैं
और उन्हें नीचे उतर कर अपनी मौत की तरफ जाने के लिए मजबूर करते हैं.
यदि जानवर छोटा है, जैसे मुर्गी,
तो उन्हें ट्रक से उठा कर अन्दर पटक दिया जाता है
अंदर, इन मासूम, जीवित प्राणियों उल्टा लटका दिया जाता है,
पूरी तरह सचेत.
दूसरे शब्दों में,
वे अपनी इच्छा के विरुद्ध जीवित रूप में अन्दर जाते हैं,
और सैंकड़ों टुकड़ों में कटे हुए वापस आते हैं.
लेकिन तुम्हें पता है इसमें सबसे बड़ा पागलपन क्या है?
मांस भक्षण करने वाले.
ऐसा दिखाना जैसे उनकी जीवन शैली किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाती है
जैसे कि यह हिंसा और हत्या सामान्य और स्वाभाविक है.
आपको कैसा महसूस होता अगर जिस दिन आप पैदा हुए थे,
उस दिन कोई और आपकी हत्या की योजना पहले से ही बना चुका था? हत्या का दिन भी निर्धारित कर चुका था?
यही होता है यदि आप इस धरती पर गाय, सुअर, चिकन या टर्की के रूप में पैदा होते हैं .
मुझे लगता है कि इस प्रकार का व्यवहार अक्षम्य है,
और जो प्रजाति यह दावा करती है की उसे सही और गलत की समझ है उसके लिए यह और भी अनुपयुक्त है!
उन जानवरों ने हमारा कुछ भी तो नहीं बिगाड़ा है जिन पर हम क्रोध और क्रूरता बरसाते हैं ...
और मुझे आशा है आप सब समझते हैं कि मैं आज आपके सामने क्या प्रस्तुत कर रहा हूँ..
आज मेरी बातें सुनने के बाद जब आप इस दरवाजे से बाहर निकलेंगे
क्या आप जानते हैं, कि जीवन में पहली बार, अब आप एक नरसंहार को समाप्त करने में भाग ले सकते हैं?
दुनिया में होने वाली बुराइयों और नरसंहार के बारे में सिर्फ बातें करने की जगह?
मुझे निराशा होती है जब मैं इस देश की यात्रा करता हूँ, और
करीब २५० लेक्चर, लगभग ७५०० छात्रों को प्रति वर्ष देता हूँ,
तो हर कोई बातें करने में बहुत चतुर मालूम होता है.
मैंने देखा है कि लोग शांति और करुणा के बारे में काफी चिकनी चुपड़ी बातें करते हैं
मुझे लोग हमेशा बताते हैं की वो शांतिपूर्ण हैं
मुझे दिखाते कभी नहीं !,
की वे लोग कर्मों से कैसे ''शांतिपूर्ण'' हैं
वो जिस चीज़ मैं विश्वास रखते हैं
या जिस बात से उन्हें दुःख पहूँचता है
लोग कहते हैं "अरे, गैरी, मैं भगवान में विश्वास करता हूँ और हर समय पूजा पाठ करता हूँ"
"और वोह जो भूकंप ... चिली में और हैती ...में आये वो कितने दुखदायी हैं!"
इसमें कोई शक नहीं की वो बहुत दुख की बात है.
किसी घटना के बारे मैं दुखी होने से या किसी चीज़ पर ''विश्वास'' करने से,
क्या दुनिया एक बेहतर जगह बन सकती है या फिर वो मनुष्य एक अच्छा इंसान बन सकता है?
और सुनो मित्रों, मैं इस तरह से बात करके तुम्हारा अपमान करने की चेष्टा नहीं कर रहा हूँ.
मैं कोई राजनीतिज्ञ नहीं हूँ.
मुझे बकवास करने की आदत भी नहीं है.
मैं लोगों के साथ बेकार की गपबाज़ी नहीं करता हूँ
ये मेरे बस की बात नहीं है.
मुझे आशा है आप मेरी ईमानदारी और मेरी असलियत को आज समझेंगे और उसकी क़द्र करेंगे.
मैं कुछ भी बेचने नहीं आया हूँ.
अपने व्याख्यान के बाद कोई किताबें नहीं बेचूंगा.
न ही कोई विडियो या वृत्तचित्र बेचूंगा.
किसी तरह का चंदा भी नहीं मांगूंगा,
मुझे आपके धन की चाह नहीं है.
मैं आपके ईमेल एड्रेस लेना नहीं चाहता हूँ.
ना ही आपके घर का पता चाहता हूँ.
यह सब आप आपने पास रखें.
मैं इस धरती पर होने वाली सबसे क्रूर और हिंसक घटनाओं के विषय मैं बात करना चाहता हूँ.
हालांकि अधिकांश लोगों को इस बात की कोई चिंता नहीं है.
लेकिन जब आप अपने घर में आराम से बैठ कर कहीं और होने वाले अत्याचार की निंदा करते हैं...
तो वो सिर्फ जुबानी जमाखर्च होता है!
अंग्रेजी में इसे "होंठ सेवा" कहते हैं .
वीगनवाद हमें एक दयापूर्ण जीवन जीने को मौका देता है.
इसके द्वारा आप दूसरों को दिखा सकते हैं की आप वास्तव मैं शांतिपूर्ण हैं.
यह एक निजी क्रांति के लिए मौका है.
धरती पर अपनी निशानी छोड़ने का मौका है.
जितना कम नुकसान कर सकें
हमेशा
वीगन बन कर
अब देखें की नुकसान कम करने के विरुद्ध क्या तर्क है?
असुविधा?
उदासीनता?
उदासीनता?
स्वार्थ?
मैं आपको बता दूं की मैं सपनों की दुनिया मैं नहीं रहता हूँ
मुझे इस बात का ज्ञान है की हमारी वजह से जानवर पीड़ित हैं और मर रहे हैं.
हम उनके निवास स्थान पर अपने घर बनाते हैं.
उनके पर्यावरण को दूषित करते हैं.
उनके रहने के स्थान को नष्ट कर देते हैं.
क्या यह आवश्यक है की हम उन्हें अधिक से अधिक दुख दें?
उन्हें खा कर जो क्रूरता और मौत वो पहले ही झेल रहे हैं उसका और विस्तार करें?
ये तो जले पर नमक छिड़कने वाली बात है.
९८%
और मैं इस आंकड़ों को दोहराता हूँ - ९८%
जानवरों का ९८% दुरुपयोग और हत्या
मांस, दूध और अंडे के उद्योगों द्वारा होता है.
यहीं पर सबसे ज्यादा अनिष्ट हो रहा है.
अमेरिका मैं जन्म से मृत्यु तक.
प्रत्येक मांस खाने वाला लगभग ३००० भूमि पर रहनेवाले जानवरों और हजारों समुद्री जीवों का भक्षण करता है.
ये अमेरिकेन कृषि विभाग के आंकडें हैं.
और उन्हें लगता है कि बहुत से लोग जानवरों को इसलिए खाते हैं,
क्योंकि हम सभी से कहा गया है कि मनुष्य प्राकृतिक रूप से मांसाहारी होते हैं,
हम मांसाहारी हैं और हमें मांस खाना चाहिए.
क्या आप जानते हैं कि शारीरिक बनावट के अनुसार मानव शरीर १०० प्रतिशत शाकाहारी है?
पोधों को खाने वाले!
हमारी आंतों की लंबाई हमारे धड से लगभग ७ से १३ गुना ज्यादा है
धरती पर रहने वाले सभी शाकाहारी जीवों के आंतें इसी प्रकार होती हैं.
वे बहुत लम्बी होती हैं.
लेकिन असली मांसभक्षण करने वालों की आंतें,
लकड़बग्धा, भालू, बाघ और शेर,
उनके धड से केवल ३ से ६ गुना लम्बी होती हैं.
उनकी अंतड़ियाँ छोटी होती हैं ताकि सड़ता हुआ मांस जल्दी से शरीर के बहार जा सके.
पशु प्रोटीन, कोलेस्ट्रॉल, वसा, ट्रांस फैटी एसिड संतृप्त,
यही वजह है कि यह असंभव है.
मैं फिर से, कहता हूँ असंभव होगा,
की किसी प्राकृतिक मांसभक्षी की धमनियों में रूकावट आये.
प्राकृतिक मांसभक्षी के साथ ऐसा नहीं होता.
जो मनुष्य मांस, पनीर, दूध और अंडे खाते हैं उनका नंबर एक हत्यारा क्या है?
धमनियों में रूकावट आने से होने वाला हृदय रोग!
अठेरोस्क्लेरोसिस.
मानव और अन्य शाकाहारी,
हम अपने पसीने के माध्यम से अपने शरीर को ठंडा करते हैं.
हम कुत्तों, बिल्लियों और शेर की तरह गर्मी लगने पर हांफते नहीं हैं.
मनुष्य के शरीर पर पंजे नहीं होते हैं, पंजे मांस खाने वाले जीवों की ख़ास पहचान हैं
हमारी लार मैं कार्बोहाइड्रेट को पचाने वाले तत्त्व होते हैं,
ये शाकाहारी होने की पहचान है,
इसका अर्थ है की हमें फल और सब्जियों का प्रयोग अधिक करना चाहिए.
हमारे दांत,
चौड़े, छोटे और कुंद होते हैं
अन्य शाकाहारियों के दांतों की तरह
और जो पैने दांत हमारे मुख में हैं उनका क्या?
अधिकतर शाकाहारी जानवरों के पास चार ऐसे दांत होते है
इनसाईंसरस और मोलार्स
ये दांत सेब जेसे फल खाने में हमारी मदद करते है.
हमारा निचला जबड़ा खाने को पीसने और चबाने के लिए एक और से दूसरी तरफ जाता हैं
इस तरह से .....
हम अपने खाने को पीसते हैं और चबाते हैं
जो लोग अपने भोजन तो पीसते और चबाते हैं, आप सभी ये करते हैं.
तो आप शाकाहारी हैं.
मांसाहारी और सर्वाहारी के जबड़े सिर्फ ऊपर और नीचे जा सकते हैं,
वो खाने को चीर फाड़ कर निगल लेते हैं
चबाना, पीसना या जबड़े को एक तरफ से दूसरी तरफ ले जाना उन्हें नहीं आता
और मैं एक निष्पक्ष आदमी हूँ.
अगर आप सचमुच ये मानते हैं की मनुष्य मांसाहारी जीव है तो
तो मैं आपके सामने दो चुनौतियाँ प्रस्तुत करता हूँ
आप बाहर जा कर एक गिलहरी ढूँढिये
जब गिलहरी आपको दिख जाये
तो नंगे पाँव दौडिए
उसका पीछा कर के, झपट कर अपने मूंह में रख लीजिये
कोई उपकरण, कोई हथियार नहीं, किसी पिंजरे के बिना
किसी को बेईमानी करने या नकली मांसाहारी होने की इज़ाज़त नहीं है
और उस गिलहरी की अपने मूंह में हत्या करने के बाद
उसका भोजन करिए
आंख, नाक, चेहरे, पैर की उंगलियों, पूंछ, फर, गुदा, आंतरिक अंगों, रक्त
और दिमाग.
आप इन सब को खायेंगे
बगैर पकाए
अगर लोगों को वाकई मांस भक्षक होना है
मैं देखना चाहता हूँ लोग हड्डी से कच्चे मांस को खाते हैं , और हड्डियों के सिवाय कुछ भी नहीं छोड़ते
प्रतिदिन यही खाते हैं
और चुनौती नंबर दो,
एक दो साल के बच्चे को पालने मैं दाल दें,
पालने में एक खरगोश और एक सेब रख दें.
अगर बच्चा खरगोश को खाता है और सेब के साथ खेलता है,
तो मुझे फ़ौरन खबर करें
क्योंकि मैं वापस आकर इस कमरे में मौजूद लोगों को गाड़ियाँ खरीद कर दूंगा
बेन्ज़ेस और बीमर, चमड़े की इंटीरियर,
वास्तव में, अगली बार मैं सबके सामने एक स्टेक सैंडविच खाऊँगा
अतिरिक्त पनीर के साथ
आइसक्रीम और गोमांस भी खाऊँगा
गोमांस को आइसक्रीम में डुबो कर खाऊँगा
किन्तु मैं शायद ही इन वादों को पूरा कर सकूं,
इसलिए नहीं की मैं अपने वचन का पक्का नहीं हूँ.
क्योंकि ये चीज़ें होंगी ही नहीं,
क्योंकि मनुष्य के पास .....
शून्य मांसाहारी प्रवृत्ति होती है .
शून्य मांसभक्षी प्रवृत्ति है, जब हम पैदा होते हैं और हमारा विकास होता है
हम सब जन्म से वीगन होते हैं.
हम मांस, पनीर, दूध और अंडे का स्वाद सीख जाते हैं
क्योंकि बचपन में हमें इन्हें खाने पर मजबूर किया जाता है.
अब मैं आपको एक प्राक्रतिक और सामान्य कार्य करने को कहता हूँ.
पृथ्वी पर जो उगता है उसे ही खाइए.
हर विटामिन, खनिज और पोषक तत्व. प्रोटीन, कैल्शियम, पोटाशियम, लौह, सभी बी विटामिन इसमें मौजूद हैं,
आप के पास एक मूल स्रोत है, और यह जानवर नहीं है.
आप जानते हैं कि लोग जानवरों को खाते हैं, जानवर उनसे पहले धरती से खाते हैं.
गाय घास और मिटटी खाती है उसके बाद लोग गाय को खाते हैं.
हम गाय को चारा खिलते हैं.
हमारा अधिकतर गेंहूं और अन्य अनाज,
और भी काफी अनाज
हम सूअर, कलहंस और मुर्गियों को खिलाते हैं.
इन खनिजों को दूसरों के शरीर में उंडेलना बंद करो!
ये तर्कहीन है.
इन खाने की चीज़ों को खुद खाओ, जैसे फल, अनाज, सब्जियां.
ये चीज़ें न तो आपका नुक्सान करती हैं और न ही किसी बीमारी की वजह बनती है,
और सबसे महत्वपूर्ण बात है की इसमें किसी और का भी नुक्सान नहीं होता है!
लेकिन जब हम किसी उड़ने, चलने या तैरने वाले जीव को खाते हैं,
तो ये अप्राकृतिक है.
बीमारियाँ कहाँ से आती हैं?
ब्रोकोली?
पालक, गोभी, गाजर, अस्परागुस? केल, कोल्लार्ड ग्रीन्स, ब्लूबेर्री, रास्पबेर्री, स्तरोबेर्री, में से?
प्याज, संतरा, केले, नाशपतियों से?
और आप एक बीमारी के बारे में यदि सोच रहे हैं
ई. कोलाई, साल्मोनेला जो वनस्पतियों में पाया जाता है....
तो हमें याद रखना चाहिए की इसका एकमात्र स्रोत -
मल है, मनुष्य या जानवरों का मल!
पालक तो नहीं हगता है!
गोभी भी नहीं हगती है!
मूंगफली भी नहीं हगती है!
तो ई. कोलाई, साल्मोनेला संदूषण के लिए वनस्पतियों को दोष देना बंद करो.
इसके लिए मांसभक्षी समाज दोषी है!
क्यों? क्योंकि मांस खाने वाले समाज को अरबों जानवरों की आवश्यकता है,
इसलिए उनके खाने के लिए अनगिनत पशूओं को पाला जाता है.
ये याद रहे की इस बात का भगवान् या प्राकृतिक विकास से कोई सम्बन्ध नहीं है?
ये सिर्फ व्यापार है!
ये है स्मिथफील्ड, कोनाग्रा, परदु, तैसन, मेकदोनाल्ड्स, बर्गेर किंग, वेंदीस, केऍफ़सी.
इसलिए कॉलेज में पशु कृषि के बारे में पढाया जाता है.
जब हम अरबों धरती पर रहने वाले जानवरों का उत्पादन करते हैं,
तो उनका हज़ारों अरबों टन गोबर होता है.
ये हमारे जलमार्गों और खेतों में पहुँच जाता है,
ये लोग हमारे वनस्पतियों पर मलयुक्त गन्दा पानी डालते हैं.
हमारी अधिकतर बीमारियाँ जैसे दिल का दौरा, स्ट्रोक, कई तरह के कैंसर,
आँतों का कैंसर, छाती का कैंसर, बच्चादानी का कैंसर, प्रोस्टेट का कैंसर,
गुर्दे की बीमारी, मधुमेह, ओस्टोपोरोसिस, उच्च रक्तचाप, मोटापा,
इनके होने की चार वजह हैं.
मैं जानता हूँ की इनके और भी कारण हो सकते हैं
और भी कारणों से बीमारियाँ होती हैं.
धूम्रपान, मदिरा सेवन, चिंता, प्रदुषण, अधिक मीठा,
ये सब भी बीमारी पैदा करते हैं,
लेकिन बीमारी के चार मुख्य कारण हैं मांस, पनीर, दूध और अंडे.
कोलेस्ट्रॉल.
संतृप्त वसा (saturated fat).
ट्रांस फेटी एसीड.
पशु प्रोटीन.
मैं दोबारा पशु प्रोटीन का नाम लेता हूँ क्योंकि कोई उसके बारे में सुनना नहीं चाहता है.
लेकिन जब आप वीगन बन जाते हैं,
तो क्या आप जानते हैं की कोलेस्ट्रोल आपके खाने से बिलकुल बाहर हो जाता है.
कोलेस्ट्रोल सिर्फ मांस, अंडे, पनीर और दूध मैं ही पाया जाता है
आपका शरीर भी कोलेस्ट्रोल बनाता है पर ये अच्छा कोलेस्ट्रोल होता है
आप अपने शरीर में बाहर से कोलेस्ट्रोल लाते हैं तो वो हानिकारक होता है
वीगन खान पान में से ९५ प्रतिशत संतृप्त वसा (saturated fat) बाहर हो जाता है
ट्रांस फेटी एसीड भी आपके खान पान से बाहर हो जाते हैं.
आपको याद दिला दूं की २-९ प्रतिशत मांस और सभी दूध के उत्पाद ट्रांस फेटी एसीड से युक्त होते हैं.
और सभी पशु प्रोटीन बाहर हो जाते हैं.
पशु प्रोटीन हमारे शरीर के लिए अम्लीय (acidic) हैं
हम इन्हें ठीक से पचा नहीं सकते.
इसलिए तीन मैं से एक मांसभक्षी को कैंसर हो जाता है http://www.cancerproject.org/survival/cancer_facts/meat.php
ये ऑस्टियोपोरोसिस की भी एक ख़ास वजह है
आपको इस बात का ज्ञान होगा की जब पशु प्रोटीन आपके शरीर में प्रवेश करता है
ये हमारे खून को अम्लीय बनाता है?
यदि हमारा रक्त अधिक समय तक अम्लीय रहे तो हमारी मृत्यु हो सकती है.
इस लिए हमारा शरीर इस अम्ल (acid) को कम करने की कोशिश करता है.
यहाँ मैं आपको एक अच्छी और एक बुरी खबर सुनाता हूँ.
अच्छी खबर से शुरूआत करते हैं.
हमारे शरीर ने इस अम्ल को बेअसर करना सीख लिया है.
और बुरी खबर:
आज की तारिख में इसका एक ही उपाय है.
फॉस्फेट.
मनुष्य के शरीर में फॉस्फेट का एक ही स्रोत है,
हड्डियाँ!
हमारी हड्डियाँ दो चीज़ों से बनती हैं,
कैल्शियम और फॉस्फेट.
हमारा शरीर हड्डियों से कैल्सियम और फॉस्फेट प्राप्त करता है,
फॉस्फेट अम्ल कम करने के लिए इस्तेमाल करता है और कैल्सियम मूत्र के रस्ते से शरीर के बाहर हो जाता है
मानव शरीर के बारे में जो भी अध्ययन किया जाता है.
उससे ये पता चला है की जहाँ लोग अधिक मात्रा में पशु प्रोटीन खाते हैं
उन लोगों को ओस्टोपोरोसिस, कैंसर और हड्डियों के टूटने की बीमारियाँ अधिक होती हैं
जो लोग पशु प्रोटीन का कम उपयोग करते हैं
जैसे वीगन, शाकाहारी, हिंदू, बौद्ध, जैन, रास्ताफारियन, सेवेन डे अद्वेंतिस्ट्स, इत्यादि
उन्हें कैंसर, ओस्टोपोरोसिस और हड्डियों के टूटने की बीमारियाँ न के बराबर होती हैं.
आप भाषण के बाद मुझसे विवाद नहीं करें इसलिए बता देता हूँ.
कई बार लोगों को जब पता चलता है की मेरा भाषण होने वाला है...
तो वो काफी समय लगा कर चिकित्सा विज्ञानं के बारे में पढ़ते हैं,
कुछ लेख अपने साथ ले कर आते हैं,
और मुझसे कहते हैं की ''देखो, यहाँ लिखा है की जो कुछ तुम कह रहे हो वो झूठ है"
इसका क्या मतलब है?
इसका मतलब ये है की.....
मुझे चिकित्सा विज्ञानं की जरूरत नहीं है ये मालूम करने के लिए की लोग क्यों मर रहे हैं
लेकिन रेकार्ड के लिए आपको बता दूं...
आप अगर एक लेख प्रस्तुत करेंगे की मनुष्य को अंडा, दूध, मांस और पनीर खाना जरूरी है तो उसके जगह मैं दो लेख प्रस्तुत कर दूंगा.
एक की जगह दो लेख कहते हैं की अंडा, मांस, दूध और पनीर हर बड़ी बीमारी की जड़ हैं.
और हम सबको पता है की कोई भी लेख या निबंध किसी भी बात का समर्थन कर सकता है.
हालाँकि मेरे पास अपनी बात को साबित करने के लिए दोगुने लेख हैं
फिर भी मैं कहता हूँ की भूल जाओ उन्हें क्योंकि इन लेखों की कोई ज़रुरत नहीं है.
एक नज़र अपने इस समाज पर डालिए जहाँ लोग अंडे, मांस, दूध और पनीर का सेवन करते हैं.
आपके परिवार में कितने लोग हैं जिन्हें कोई बीमारी है या जो किसी बीमारी से चल बसे हैं?
क्योंकि सिर्फ मैं ही ऐसा इंसान नहीं हो सकता जिसके साथ ऐसा हादसा हुआ है.
मेरे दादाजी को दिल का दौरा पड़ा था और मेरी दादी को स्ट्रोक हो गया था.
मेरे चाचा जैक की मृत्यु दिल का दौरा पड़ने से हुई थी.
पिछले अक्टूबर की पंद्रह तारिख को आधी रात को मुझे फोन पर खबर मिली.
की मेरे पिताजी दिल के दौरे की वजह से चल बसे.
मेरी माँ को दमा है.
मेरे सोतैले पिता को दिल की इतनी गंभीर बीमारी है की वो रोज सवेरे सात गोलियां खाते हैं.
मेरा मित्र और उसके चार चाचा-चाची मधुमेह से चल बसे.
उसकी मित्र को स्तन कैंसर है और चालीस वर्ष की अवस्था में उसके जान जाने वाली है.
कुछ ही दिन पहले पता चला की उसकी गर्लफ्रेंड को बच्चादानी का कैंसर है.
और कल मेरी गर्लफ्रेंड को खबर मिली की उसके पिता को प्रोस्ट्रेट का कैंसर है.
हवा और पानी के अलावा और क्या है जो हम सब के पास है ?
दूध, अंडे, मांस और पनीर का भोजन.
सारे दिन पशु उत्पादों का सेवन.
मैं जानता हूँ की कुछ किस्म के कैंसर प्रदूषित वातावरण में रहने से हो जाते हैं.
लेकिन दिल का दौरा और स्ट्रोक उनमे शामिल नहीं हैं.
और मधुमेह, ओस्टोपोरोसिस और मोटापा?
आइये आपको बताता हूँ की वो क्या है जो लोगों की जान ले रहा है.
और मैं ये भी बताता हूँ की वो कौन है जो आपसे झूठ पर झूठ बोल रहा है.
डेयरी उद्योग की बात पहले करते हैं..
आपको मेरी बात अनुचित लगे तो मुझे बताइए.
डेयरी उद्योग के अनुसार,
वो हमें कैल्सियम प्रदान करते हैं.
ठीक है? वो यही दावा करते हैं?
''थोडा पनीर खा लो", "गैया का दूध पी लो''
''हड्डियाँ मजबूत हो जाएँगी, शरीर मजबूत हो जायेगा"
दूध मिला?
अमेरिकेन कृषि विभाग से पूछो:
अमेरिका में धरती पर सबसे अधिक डेयरी उत्पाद खाया जाता है.
एक सेंडविच भी नहीं मिलता,
बगैर पनीर के.
खाने की हरेक चीज़ मैं हम पनीर डालते हैं,
पिज्जा के आटे मैं भी पनीर डालते हैं!
सलाद के ऊपर भी पनीर
पनीर के बगैर तो सलाद भी नहीं मिलता.
अगर अच्छी किस्मत से बगैर पनीर का सलाद मिल भी जाये तो सबसे पहले लोग वेटर से क्या कहते हैं?
अरे इस सलाद पर कुछ तो डालो (Thousand Island dressing)
इस पर दूध की कोई चीज़ डालो!
तो इस समाज में जहाँ हम पनीर के दीवाने हैं.
मेरा मतलब है नशे की हद तक दीवाने हैं!
जैसे कोई हशीश या अफीम का नशा करता हो,
भांग
एक्सटसी,
अफीम,
और इस विष को हरने वाली औषधि.
अधिकतर लोग एक बार का भोजन भी,
एक दिन या जीवन भर की बात तो छोड़ ही दीजिये
बगैर दुग्ध पदार्थों के नहीं कर सकते.
यदि आप जानना चाहते हैं की शाकाहारी लोग वीगन क्यों नहीं बन पाते हैं?
पनीर!!
भुने हुए आलू पर पनीर,
गोभी पर पनीर,
खाने की हर चीज़ पर पनीर.
लाक्टोस (lactose) से एलर्जी होने पर भी लोग पनीर खाते हैं.
कोई इस बारे में कुछ भी कहे,
चाहे वो गाय का दूध पीना बंद कर के
किन्तु लाक्टोस से एलर्जी वाले के सामने पनीर वाला पिज्जा रखते ही,
वो बगैर किसी हिचक के उसे खा लेता है.
इस प्रकार पशु-उत्पाद हमारे खान पान में शामिल होते हैं.
क्या आपने कभी सोचा है की कैल्सियम के कम से कम तीन विज्ञापन क्यों आते हैं?
एक्टओनेल,
बोनीवा
सीतराकेल
ये क्या मज़ाक है?
कैल्सियम की गोलियां खाने की ज़रुरत अमेरिका में?
लोगों को ओस्टोपोरोसिस क्यों हो रहा है?
विटामिन की दुकानों मैं
एक नहीं कई दुकानों मैं
जब मैं इस देश मैं घूमता हूँ
माँसाहारी मर्द लोग मुझे अकेले मैं बुला कर कहते हैं:
''गैरी हम मांस इसलिए खाते हैं क्योंकि हमारे शरीर की सब आवश्यकता इससे पूरी होती है.
सभी विटामिन, खनिज और पोषक तत्त्व हमें मांस से मिलते हैं''
तो फिर ऐसा क्यों है की अंडे, दूध, पनीर और मांस खाने वाले हमारे इस समाज मैं,
हर शहर मैं एक नहीं बल्कि तीन, चार, पांच या छह विटामिन की दूकानें हैं?
सभी सुपर बाज़ार भी विटामिन बेचते हैं.
सुपर बाज़ार में काफी कैल्सियम मिलते हैं
तो क्या सब लोगों को पशु-पदार्थों से कैल्सियम प्राप्त नहीं हो रहे हैं?
मांस और दुग्ध पदार्थों के व्यापारी तो कहते हैं की आपको सब कुछ मांस और दूध मैं प्राप्त होता है.
समाचार ये है की .....
ऐसा कुछ भी नहीं है.
पशु प्रोटीन ऐसा होने से रोकता है.
पशु प्रोटीन हमारे रक्त को अम्लीय बनाता है
तो आपका शरीर कैल्सियम फॉस्फेट को हड्डियों से बाहर निकाल देता है.
फॉस्फेट बेअसर करने के लिए, कैल्सियम मूत्र के द्वारा बाहर निकल जाता है.
फाइबर (ईसबगोल का पर्याय) के चार विज्ञापन होते हैं,
मेटामुसिल,
फैबरकोन,
फैबरसुर,
बेनेफैबर.
लोग यदि रोज एक सेब या नाशपाती खाएं
तो किसी को भी पेट साफ़ होने मैं तकलीफ नहीं होगी.
अब ध्यान से सुनिए और देखिये की हमारे चारों तरफ क्या हो रहा है!
इतना सब कहने के बाद हम साबित कर चुके हैं की लोग चार कारणों से मांस, दूध, अंडे और पनीर खाते हैं.
इस बात मैं किसी बहस की गुंजाईश नहीं है.
आदत
परंपरा
आसानी
स्वाद
हाँ मैं जानता हूँ लोग ऐसा क्यों करते हैं! पच्चीस साल तक मैं भी यही करता था.
हम ऐसा नैतिकता या सेहत के लिए नहीं करते.
ये तो साफ़ ज़ाहिर है.
और हम ऐसा वातावरण की भलाई के लिए भी नहीं करते.
वातावरण के बारे में दो बातें कहना चाहूंगा
मेरी वेबसाइट पर जाइये और 'वीगनवाद के बारे में' 'all about veganism' इस बटन को क्लिक करिए.
उसमें वातावरण के बारे मैं पढ़िए,
दुनीया मैं भूख और प्रदुषण.
इनकी जड़ मैं हैं - मांस खाने वाले समाज.
संसार में उगने वाला पैंसठ प्रतिशत अनाज
उन तिरपन अरब जानवरों के चरने के लिए इस्तेमाल होता है जिनकी हर वर्ष हत्या के जाती है.
और खरबों जल वासी जीव भी मारे जाते हैं.
आजकल तो मछलियों की भी खेती होती है.
जो अनाज साढ़े छह अरब मनुष्यों के खाने के लिए उगाया जाता है उसे जानवरों को खिला देते हैं.
आप खुद ही हिसाब कर के देखिये, इसके लिए किसी को भी आइंस्टीन बनने के आवश्यकता नहीं है.
और फिर वातावरण का प्रदुषण,
वायु प्रदुषण,
जल प्रदुषण,
जंगलों को काटना,
ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन...
इसका नंबर एक कारण है जानवरों की खेती.
और अब स्वाद की बात करते हैं, मैं मानता हूँ की मांस बहुत स्वादिष्ट होता है.
आपको शायद मेरे मूंह से ये सुन कर धक्का पहुंचे,
अगर आप मेरे भाषण के बारे में कोई लेख लिखने वाले है तो मेरा वक्तव्य अवश्य लिखें,
मैं कहता हूँ की:
''मुझे मांस का स्वाद बहुत अच्छा लगता है''
बहुत प्रिय है!
पनीर..
बहुत प्रिय है!
गाय का दूध और अंडे ....
बहुत प्रिय है!
हाँ मैं अपराधी हूँ!!
मैंने इन चीज़ों को खाना स्वाद के कारण नहीं छोड़ा.
मैंने नैतिकता के कारण छोड़ा.
सदाचार!
भलमनसाहत!
उन धरती पर रहने वाले जानवरों पर दया जिनके साथ मैं भी इस धरती पर रहता हूँ.
इस युग मैं वीगन लोगों के लिए सबसे ख़ुशी की बात है की:
वीगन बनना बहुत आसान है!
आप मांस, अंडे, पनीर और दूध का इस्तेमाल किये बगैर उनका स्वाद ले सकते हैं!
आपके भोजन के लिए किसी को अपनी जान नहीं देनी पड़ेगी, आपको भी नहीं!
आप जो कुछ भी खाना पसंद करते हैं, उसका वीगन स्वरूप उपलब्ध है.
सोया, गेहूं और सन से ये पदार्थ बनाये जाते हैं.
मैं आपको कुछ वीगन पदार्थ दिखाता हूँ, और इसके लिए मुझे कोई कमीशन नहीं मिल रहा है.
ये मैंने खुद चुने हैं, सबसे स्वादिष्ट नकली मांस.
चित्रपट पर देखिये.
क्या आप बेकन पसंद करते हैं?
लाईट लाईफ स्मार्ट बेकन, सोया बीन से बना हुआ
ये कंपनी, लाईट लाईफ, स्मोकी बेकन भी बनाती है.
तेमपेह सोया को एक रूप है जिसका स्वाद अलग होता है,
पर आप याद रखिये, मैं आपको सिर्फ स्वादिष्ट चीज़ों के नाम ही बताऊँगा
मैं आपका दिल जीतना चाहता हूँ ताकि आप वीगन बनें.
मैं सभी वीगन उत्पाद आपको नहीं दिखा रहा हूँ, इनमें से कुछ बहुत स्वादिष्ट नहीं हैं!
मैं सबसे उत्तम वाले ही आपको दिखा रहा हूँ.
जब मैं कहता हूँ की कुछ चीज़ें उतनी अच्छी नहीं तो ये वैसी ही बात है जैसे कोई रेस्टोरेंट ज्यादा अच्छा होता है तो कोई कम,
जैसे कहीं का पिज्जा या हेमबर्गर स्वाद होता है और कहीं का बेस्वाद!
असली बात तो ये है की चीज़ कोई भी हो अच्छी तरह बनाई जाये तो अच्छी ही होती है
नहीं तो बेकार होती है.
लाईट लाईफ वाले सोया चिकेन स्ट्रिप्स और स्टेक स्ट्रिप्स भी बनाते हैं
और भी कई चीज़ें बनाते हैं.
देखने, खाने और बनावट मैं कोई अंतर नहीं मालूम होता.
एक छोटी कंपनी मेलिस्सा सोरिजो बनाती है जो की सोरिजो का वीगन संस्करण है.
एनेर्जी बार जैसे लुना बार इत्यादि,
एक नया बार भी आया है - प्रो बार
ये सब वीगन हैं! और अन्य कम्पनियां भी वीगन खाने की चीज़ें बनाती हैं.
तो फिर याद रखिये, जब आप वीगन बनते हैं तो किसी भी चीज़ से वंचित नहीं रहते
हर चीज़ का वीगन संस्करण उपलब्ध है,
या फिर प्राकृतिक चीज़ें खाइए जैसे फल, सब्जी, दाल.
आपको यदि तीतर पसंद है तो....
तो ये रहा मेरा प्रिय खाद्य टोफू का तीतर टोफूर्की!
बिलकुल भरे हुए तीतर के तरह है, लेकिन याद रहे..
किसी भी जीवित तीतर को इसके लिए अपनी जान कुर्बान नहीं करनी पड़ी!
टोफू वाले तीतर के छह प्रकार के स्लाइस भी मिलते हैं.
तेम्पे के स्लाइस भी मिलते हैं.
याद है मैंने आपको बताया था शाकाहारी बेकन के बारे मैं, लाईट लाईफ तेम्पे? वो लोग और चीज़ें भी बनाते हैं
टोफूर्की कम्पनी इतालवी सॉसेज जैसी और भी चीज़ें बनाती है..
हमारे समाज में लोगों को गोमांस के बने खाद्य पदार्थों का बहुत शौक है.
न जाने इन लोगों के स्वाद को क्या हो गया है या फिर इनका दिमाग खराब हो गया है...
लेकिन हमारे पास इस बात का जवाब है, जो भी आप खाना चाहें उसका वीगन संस्करण हमारे पास है.
और कम्पनियां भी वीगन खाद्य पदार्थ बनाती हैं.
सबसे अच्छी कम्पनी जो मार्केट मैं इस समय है उसका नाम आल गुड गार्डेन प्रोटीन है.
यह देखो उनका सोया चिकन.
दूसरा सोया चिकन!
और ये रही तीसरी सोया चिकन की डिश, इनके पास स्टेक भी है वीगन वाला,
कुछ दिन पहले उन्होंने बुफलो विंग्स का उत्पादन भी किया है.
अब सोया मांस के उद्योग मैं "ट्रेदर जो" नामक कम्पनी प्रतिस्पर्धा करना चाहती है.
ये लोग अपने ब्रांड का सोया चिकन और स्टेक चिप्स बना रहे हैं.
एक और कंपनी है वेजेटेरियन प्लस जो और भी वीगन व्यंजन बना रही है.
गार्डेनबर्गर नामक कम्पनी दस साल से वीगन व्यंजन बना रही है...
मैंने अपने कई मांस खाने वाले दोस्तों और परिवारवालों को ये व्यंजन खिला कर बुद्धू बनाया है!
यह कम्पनी सोया मछली भी बनाती है,
तरह तरह का चिकन और मछली के रोल भी बनाती है.
मैंने पहले गेहूं के मांस का जिक्र किया था पर ये शायद लोगों तो समझ में नहीं आया होगा,
इसका नाम सेतान (Seitan) है
शैतान नहीं, सेतान (SAY'tan)
आप इसको भी आजमा कर देखिये.
अब अप्टन कंपनी वाले तरह तरह के स्वाद का सेतान बना रहे हैं
ग्राउंड बीफ शैली, चोरिजो शैली, इतालवी सॉसेज स्वाद के रूप में
एक और पसंदीदा कंपनी ... नैट के बगैर मांस के मीट कोफ्ते!
मुझे पता है की आपने वेज बर्गर पहले देखा होगा, शायद बोका का बनाया हुआ.
लेकिन, अगर आप को बोका पसंद नहीं हैं तो एक ... अच्छी खबर है:
एमी, मोर्निंग स्टार फार्म, डॉ. प्रेगर, सनशाइन बर्गर और गार्डेन बर्गर भी वीगन बर्गर बनाते हैं,
सब अलग अलग स्वाद और वीगन वाले हैं.
और अगर आप बगैर सोया का नकली मांस चाह रहे हैं,
एक बहामा नामक कंपनी ... चावल बर्गर बनाती है.
सॉसेज और मीट कोफ्ते भी चावल से बनते हैं.
एक और कम्पनी है जो सोया बगैर नकली मांस बनाती है
सिनसिनाटी से एक छोटी सी कंपनी, पांच सितारा (Five Star) foodies
आटिचोक बर्गर, मेरे पसंदीदा वेज बर्गर!
उनके पास एक शाकाहारी हार्वेस्ट रोस्ट है जो की असल में वीगन है.
वो नकली त्वचा वाला नकली टर्की है.
मुझे पता है की आपने एमी कंपनी के खाद्य पदार्थ देखे होंगे.
वो बहुत सारे व्यंजन बनाते हैं पर ध्यान रहे की उनके अधिकतर व्यंजन शाकाहारी हैं, वीगन नहीं
यह अभी भी अंडे और पनीर का इस्तेमाल करते है.
लेकिन एमी कंपनी का एक वीगन उत्पादन टोफू स्क्रेमब्लर... नकली अंडे !
वाकई स्वादिष्ट है और तुम्हारे लिए अच्छा भी है!
एमी'स कम्पने चावल की मकरोनी बनाती है, दैया पनीर के साथ, ये एक नया वीगन पनीर है
दईया पनीर, जो आपको होल फूड्स (Whole Foods) मैं मिल जायेगा - यह दो अलग फ्लेवरस में आता है.
बहुत सारे लोग दईया पनीर के लिए पागल हो रहे हैं ... मैं अभी भी Follow Your Heart नामक पनीर को पसंद करता हूँ ,
जिसमें वीगन पनीर के चार अलग अलग फ्लेवरस है, एक बड़ी ब्लॉक में आता है और यह पिघल जाता है.
कभी कभी इन खाद्य पदार्थों के साथ खाना बनाने की कला भी काम में लेनी पड़ती है
लाइटलाइफ वीगन पेप्पेरोनी भी बनाते हैं जो सीधे बैग से खाने के लिए तैयार है है.
आप थोड़ी वीगन पेप्पेरोनी लीजिये
अपने आप को तोफुत्ति उस पर सोया पनीर के साथ एक तोफुत्ति पान पिज्जा खरीद -
तोफुत्ति क्रीम पनीर, मलाई और आइसक्रीम भी मिलती है -
ओवेन मैं जाने से पहले या बाद में पिज्जा पर पेप्पेरोनी लगा दो और मजा लो
पेप्पेरोनी लगे और पिज्जा तैयार!
याद रखें कि सोया दूध और चावल दूध, बादाम का दूध - सब मिलते हैं.
हेम्प का दूध, नारियल का दूध, जई, हेजलनट दूध.
बाज़ार में सात तरह के वीगन दूध मिलते हैं
सोया आइसक्रीम, चावल आइसक्रीम, बादाम आइसक्रीम भी मिलती है
और नारियल के दूध की आइस क्रीम, "So Delicious" कम्पनी की बहुत स्वादिष्ट आइसक्रीम है
और मुझे बस यह कहना है,
इस आइसक्रीम को खाने का स्वाद ही निराला है
आप मेरी वेबसाइट पर जाकर वेज शौपिंग वाले हिस्से पर क्लिक करिए
मैंने सब चीज़ें आपके लिए पहले से ही चख ली हैं
जो ब्रांड नाम मैंने सुझाये हैं उनकी जांच करें, मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ की मैं कोई बुरी चीज़ नहीं खाता हूँ.
और जातीय भोजन, भारतीय भोजन, मध्य पूर्वी भोजन, मैक्सिकन भोजन के बारे में?
उनमें भी काफी वेगन विकल्प हैं
इतालवी खाद्य ... पास्ता और स्पेगेटी ...
और एक वास्तविक पास्ता, एक असली स्पेगेटी, रोटी की तरह, कभी पशु उत्पादों पर निर्भर नहीं है.
हमने इन उत्पादों को अशुद्ध कर दिया है -
अब हमेशा पढना पड़ता है की किसी भी खाद्य में क्या डाला गया है.
लेकिन हर इतालवी दूकान में कम से कम एक, दो या तीन विशुद्ध नूडल्स मिल जायेंगे,
जो हमेशा वीगन रहे हैं.
और सबसे अच्छी ब्रेड - पनेरा, ब्रोईगर बेगल्स, आइंस्टीन बेगेल -
इनमें से नब्बे प्रतिशत ब्रेड वीगन होती हैं
हमारे एशियाई खाद्य, जापानी भोजन, चीनी खाना, थाई भोजन, कोरियाई भोजन, वियतनामी खाद्य,
इनमें बस मांस की जगह टोफू का इस्तेमाल करें,
उन्हें बताएं की मछली सौस नहीं डालो और वीगन भोजन तैयार है.
और वीगन सोल फ़ूड भी बनता है. अटलांटा में रहने वाले लोग इस मामले मैं भाग्यशाली हैं
सोल शाकाहारी - - परिसर से 10 मिनट की दूरी पर एक ही कंपनी के स्वामित्व वाले दो रेस्तरां है.
वीगन मैक और पनीर, कोल्लार्ड साग, शाकाहारी.
वे एक "केल बोन सैंडविच'' बनाते हैं जो एक नकली रोस्ट बीफ़ सैंडविच है
पनीर के साथ
सोल शाकाहारी खाना खा कर देखिये.
और ऐसा नहीं है की यहाँ से मुझे आपका चेहरा न दिखे?
ऐसा क्यों होता है की जब भी मैं नकली मांस की बात करता हूँ तो भीड़ में कुछ लोग ....
और आज तो यहाँ काफी भीड़ है तो मैंने गिनना बंद कर दिया है.
हरदम कुछ लोग मेरी बात सुन कर नाक भों सिकोड़ते हैं,
और आस पास बैठे लोगों की तरफ इस तरह देखते है जैसे कह रहे हों...
सोया चिकेन? ये आदमी पागल है क्या? और सोया बेकन? इसका दिमाग फिर गया क्या?
ये खाद्य जो की सोया, गेहूँ, सब्जियों, अनाज और मसाले से बना है बिना किसी रसायन के!
मांस और डेयरी उद्योगों द्वारा इन उत्पादों के बारे में गलत प्रचार किया जा रहा है.
ऐसा क्यों है की इन खाद्य पदार्थों को लोग निकृष्ट मानते हैं?
मांस में पांच तत्व होते हैं-
रक्त, मांस, नसें और मांसपेशियां - एक लाश के कटे हुए टुकड़े.
तो मांस को लोग घृणित या निकृष्ट क्यों नहीं मानते?
कैसे दुनिया में एक पेय, जो तरल है और गाय के थन से बाहर रिसता है,
किसी अन्य जीव की स्तन ग्रंथियों से निकला हुआ एक स्राव है,
जो मवाद से भरा हुआ है.
अरे हाँ, मैं आपको बताना चाहता हूँ, यह मेरा सौभाग्य होगा.
जब आप एक दिन मैं तीन बार गाय के थान मैं मशीन लगा कर सारा दूध चूस लेंगे,
उन मशीनों के अंदर और थन के बाहर संक्रमण भारी मात्रा में होता है.
अब सभी गोजातीय वृद्धि हार्मोन जो वो गाय को देते हैं
जिससे गाय अधिक दूध देती है,
यह अधिक संक्रमण का कारण बनता है.
मशीन नहीं जानती की उसे क्या चूसना है और क्या नहीं!
मवाद, बलगम और संक्रमण के संग दूध. दूध को pasteurize किया जाता है
लेकिन pasteurization कुछ भी हटाने के प्रक्रिया नहीं है? यह एक सफाई की प्रक्रिया है!
आप केवल मवाद साफ़ कर रहे हैं, और आप ऑनलाइन ये सब पढ़ सकते हैं
वैसे डेयरी उद्योग वाले 'पीप' शब्द का प्रयोग इस बात के खुलासा के लिए कभी नहीं करेंगे
अपने स्वयं के व्यापार पत्रिकाओं में, आप को धोखे मैं ही रखेंगे ....
आप 'सोमाटिक सेल काउंट ' के बारे मैं पढ़िए
और वैसे भी, हमारी सरकार, अमेरिकेन कृषि विभाग,
डेयरी उद्योग को अधिक से अधिक
हर दूध के ग्लास मैं एक ड्रॉप के बराबर पीब डालने की अनुमति देती है.
पिए जाओ!!
ओह! और जब आप दुग्ध उद्योग द्वारा फैलाई गई अफवाहों के बारे में पढेंगे या जानेंगे...
तो 'कसोमोर्फिंस (Casomorphins)' के बारे मैं भी पढियेगा, मैंने ये शब्द बोर्ड के दोनों तरफ लिख रखा है
भाषण का वह हिस्सा याद है जब मैंने लोगों को चस्का हो जाने का जिक्र किया था?
पनीर का चस्का? जैसे की वो अफीम हो?
गोमाता बछड़े के जन्म से पहले एक पदार्थ का उत्पादन करती है जिससे उसका दूध पीने वाला बछड़ा उसके समीप रहे
महिलाएं भी ऐसा करती हैं लेकिन उनके दूध मैं अफीम जैसा असर नहीं होता. लेकिन गाय के दूध मैं अफीम का सा असर होता है,
'कसोमोर्फिंस' - अफ़ीम का एक संस्करण.
इसीलिए लोगों को पनीर का चस्का हो जाता है, उन्हें रोज़ का राशन जरूरी लगता है.
क्या किसी को पता है मुर्गी का अंडा वास्तव में क्या होता है?
और ऐसा मत कहना कर भ्रूण या भ्रूण का गर्भपात,
ये तो वीर्यविहीन है इसलिए दोनों मैं से कुछ भी नहीं हो सकता.
मुर्गी तो मादा होती है,
वीर्यविहीन अंडा एक मादा के शरीर से? ये उसका मासिक स्राव है
ये मुर्गी का मासिक स्राव है!
लोग मुर्गी का मासिक स्राव सुबह सुबह खाते हैं
और मुझे अजीब समझते है क्योंकि मैं अब आमलेट नहीं बनाता!
और उबकाई?
आज तो आँखों पर पड़ा पर्दा हटाना ही है!
आप सब लोगों को अपने भोजन पर उबकाई पसंद है!
लेकिन इसे भी तो कोई अच्छा सा नाम देना होगा
उबकाई खरीदने वाला तो कोई खरीदार मिलने से रहा ..
तो इसका नाम 'शहद' रख देते हैं!
शहद मधुमखी के पेट से निकलता है
वन्यजीव विज्ञान के बारे मैं पढ़िए, मधु मक्खी शहद की अपने मुहं से उलटी करती है
लेकिन मधु मक्खी की उलटी से बने खाद्य को कौन खाना चाहेगा?
हम तो शहद और बादाम से बनी हुई चीज़ें खाना चाहते हैं
तो हम नाम बदल कर अपने आप तो बहला लेते हैं.
एक मांस खाने वाले का रोज का आहार है रक्त, मांस, नसें, मांसपेशियों और tendons
गाय-बकरी के स्राव, मक्खी की उलटी?
अभी बात पूरी नहीं हुई..
मैं आपको इतनी आसानी से नहीं छोडूंगा, आज तो आप मेरे हाथ आये हैं ...
और आप जानते हैं इसमें सबसे अति हम कब करते हैं?
हर वर्ष नवम्बर मैं लोगों का पसंदीदा त्यौहार आता है
लोग एक मरे हुए तीतर को लेकर
उसके नितंब को खोलकर
या उसके नितम्ब मैं एक बड़ा सा छेद बनाकर
उसके मृत नितम्बों मैं खाने का सामान भर देते हैं
और उसके नितम्बों को ब्रेड बनाने के लिए ओवन के तरह इस्तेमाल करते हैं
किसी और के मृत जीवाणु भरे नितम्बों में ब्रेड बनाना?
चुतड वाली ब्रेड?
और लोग सोचते हैं की वीगन लोग विचित्र होते हैं!
क्योंकि हम टोफु, चावल, बीन्स, और दाल खाते हैं?
मैं लोगों को बताता हूँ की मुझे खाने में क्या पसंद है
आजकल मैं रतालू बड़े शौक से खाता हूँ
मुझे रतालू खाने को दे दो और मैं खुश हो जाता हूँ.
मुझे पता की यह सुन कर लोग क्या कहते हैं
'तो रात के खाने मैं तुम सिर्फ रतालू खाओगे? ये तो बड़ी अजीब सी बात है!'
ठीक है!
लेकिन किसी और की पसलियाँ तुम खा रहे हो वो अजीब नहीं है?
क्या ये आपको दोबारा सोचने के लिए मजबूर नहीं करता?
कटी हुई टांगें, छाती और टुकड़ों मैं काटी हुई जांघें?
आपकी थाली मैं रखी हुई आपको परेशान नहीं करतीं?
ऐसा क्यों होता है?
आपकी आँखों पर अच्छी खासी पट्टी बंधी हुई है!
मैं शर्तिया कह सकता हूँ की मैंने बोलना शुरू किया तो आप चिंतित हो गए थे!
और मैंने आप से कहा था की आपकी आँखों पर पट्टी बंधी हुई है.
सच मानिए मैं यहाँ आपसे दुश्मनी करने नहीं आया हूँ.
लेकिन मैं आपको याद दिलाने आया हूँ.
आज से पहले आपके पास ये बहाना हो सकता था की आप अनजान हैं.
ये मैं मानता हूँ.
मैं भी एक ज़माने मैं अनजान था.
लेकिन मुझे उत्सुकता है,
अब आपके पास क्या बहाना है?
अब तो आपके पास विकल्प है.
इस कमरे से बाहर निकलने पर आप सम्पूर्ण रूप से दयालु बन सकते हैं ....
और ये निश्चय कर सकते हैं की प्रातः, दोपहर और रात के खाने में किसी जानवर को कभी कष्ट नहीं पहुंचाएंगे.
इन पशुओं ने आपको कभी किसी तरह का कोई नुक्सान नहीं पहुंचाया है,
तो आप भी इनके लिए इतना तो कर ही सकते हैं!.
या फिर आप संपूर्ण रूप से क्रूर बने रह सकते हैं -
जो जैसा है उसे वैसा ही रहने दो,
जानवरों को स्वतंत्रता बिलकुल मत दो,
उन्हें दया की एक बूँद भी नसीब मत होने दो,
उनके बच्चों को उनसे छीन लो!
उनकी चोंचें काट दो, सींग उखाड़ दो और उनके अंडकोष फोड़ दो.
निश्चित कर दो की हर क्षण, अनंत काल तक उनकी गर्दन पर चाक़ू रक्खा हो..
मैं उम्मीद करता हूँ की आप सही रास्ता चुनेंगे.
अब मैं भाषण बंद करता हूँ ताकि आप मुझसे प्रश्न पूछ सकें.
मुझे दुग्ध उद्योग के विषय मैं कुछ कहने के लिए छह मिनट दे दें क्योंकि ये बात गायों के बारे में है.
हमने दूध मैं पीब के बारे मैं बात की थी जो सुनने मैं अजीबोगरीब है.
हमने दूध पदार्थों को खाने से होने वाली हानि की बात की थी,
पर हमें इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए की गायों पर क्या बीत रही है.
याद रखिये की वीगनवाद सिर्फ आपकी सेहत के बारे मैं नहीं है, ऐसा करना बहुत स्वार्थी होगा ..
मैं लोगों को निस्सवार्थ होने की सलाह दे रहा हूँ.
परोपकारी बनने और किसी और का भला करने के लिए कह रहा हूँ.
और जब आप ऐसा करते हैं तो इसके बदले मैं कुछ पाने की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए.
अगर क्रूरता की बात करें तो दूध के ग्लास मैं गोमांस से अधिक क्रूरता है.
मैं आपको इसका प्रमाण दिखता हूँ.
ये प्रमाण मैं ग्यारहवीं बार किसी क्लास को दिखा रहा हूँ.
ये घटना कुछ महीने पहले ओहायो के फार्म मैं घटी थी.
चेतावनी: परेशान करने वाली सामग्री. दर्शक अपने विवेक का प्रयोग करें.
ये घटना कुछ महीने पहले ओहायो के फार्म मैं घटी थी. डेयरी फार्म मैं क्रूरता!
गरी कांक्लिन, फार्म के मालिक
ये क्या आपने किसी की पूँछ तोड़ दी?
अरे हाँ हाँ!
और देखो क्या क्या होता है!
मैं तो ऐसा ही करता हूँ, 'मुझे बहुत मज़ा आता है, जी करता है की उसकी पिटाई ही करता रहूँ!'
हमने इस गाय को खूब पीटा और फिर उसके छुरा घोंप दिया!
तीन जगह से उसकी पूँछ तोड़ दी, चूतर मैं छुरा मारते रहे और पीटते रहे!
अगले दिन गरी ने कहा, इसे कसाईखाने भेज देते हैं क्योंकि इसके स्तन सूज रहे हैं
उसे सरकाना मुश्किल हो गया
मैंने उसे नशा करवाया और इतना पीटा की उसका सर इतना सूज गया
उसने मुझे गुस्सा दिलाया था, मैंने तो उसे मौका दिया
अपना सर घुमा
अपना सर घुमा कमबख्त!!
चल चल, अपने चुतर उस तरफ मोड़
मैं इस गाय से तंग आ गया हूँ
बस बहुत हो चूका!
मेरा ब्लड प्रेशर ऊपर चला गया है
अगर मुझे लगता है की गायों को दर्द नहीं हो रहा तो मैं उन्हें और पीटता हूँ
जब तक की वे कराहने न लगें
तब मुझे तसल्ली होती है
क्रूरता छोड़ दीजिये, डेयरी उद्योग को छोड़ दीजिये.
ऐसा सिर्फ एक ही जगह पर नहीं होता!
एक क्षण के लिए भी मत सोचिये की ये घटना यहीं पर घटी है!
गुलामों के साथ ऐसा ही व्यव्हार होता है!
आप ऐसा तो नहीं समझते की गुलामों के साथ अच्छा व्यवहार होता है?
क्या आपको लगता है की गोरों ने जब काले लोगों को गुलामी के लिए इस्तेमाल किया था तो उनके साथ अच्छा व्यवहार किया था?
क्या आप ये मानते हैं की नाजियों ने जब यहूदियों को गैस चेंबर मैं भेजा था तो उनके साथ दयापूर्ण तरीके से पेश आये थे?
क्रूरता इसलिए होती है क्योंकि आप लोग इन चीज़ों को खरीदते हैं.
हाँ इन चीज़ों को बेचने वाला गलत है,
लेकिन वो इसलिए बेचता है क्योंकि आप उसके शरीर से निकले हुए पदार्थ को खाना चाहते हैं
यह काफी है!!
आप लोग आदिमानव नहीं हैं!
आदिमानव की तरह व्यवहार करना बंद करिए..
ये २०१० है!
बंद करिए..
ये मज़ाक का विषय नहीं है!
जानवरों के साथ अन्याय हो रहा है.
आपको उनके साथ अन्याय करने का हक़ या स्वतंत्रता नहीं है!
स्वतंत्रता एक तरफ़ा अधिकार नहीं है की आपको मिले और सामने वाले को नहीं.
ये बलात्कार जैसा अतिक्रमण है.
और यदि आपको लगता है की वीगन लोग कभी कभी नाराज़ क्यों हो जाते हैं जैसे मैं हो रहा हूँ..
तो आपने अभी अभी देखा है की ऐसा क्यों होता है ...
जब भी हम किसी फार्म पर जाते हैं किसी जानवर के साथ मारपीट, छुरा भोंकना या लात मारने जैसे हरकतें देखने को मिलती हैं.
एक और बात है जो मैं समझ नहीं पा रहा ..
जब लोग जानवरों के पिटाई या लात मरने के विडियो देखते हैं तो परेशान हो जाते हैं,
ये छवियाँ उन्हें परेशान करती हैं पर जानवरों के मौत पर वे परेशान नहीं होते?
तो ऐसा फार्म जहाँ जानवरों की निर्दय रूप से पिटाई नहीं होती,
उन्हें गोली मारी जाती है या उनका गला काटा जाता है तो वो क्रूरता नहीं है क्या?
क्या आप जानते हैं की नब्बे प्रतिशत अमेरिकेन हम्बुर्गेर डेयरी उद्योग से आता है?
तीन से सात वर्ष के बाद गाय अधिक मात्रा में दूध नहीं देती तो उसे सीधे कसाईखाने भेज दिया जाता है,
कोई गाय इससे नहीं बचती.
यदि गाय को पूरा जीवन जीने दिया जाए तो वो अठारह से पच्चीस वर्ष तक जीती है.
गाय भी अन्य स्तनपायी स्त्रियों की तरह होती है.
मैं जानवरों के बारे मैं बात करते समय आपको नीचा दिखाने की कोशिश नहीं कर रहा हूँ.
मैं तो ये कह रहा हूँ की लोग इस बात से सहमत नहीं हैं की जानवर भी हमारी तरह भावनाओं को महसूस करते हैं,
जैसे हम और आप महसूस करते हैं.
किसी भी स्तनपायी मादा को दूध देने के लिए गर्भवती होना पड़ता है.
हर साल डेयरी फार्म पर हरेक गाय का बलात्कार होता है!
एक लम्बा सा स्टील को डंडा गाय के जननांगों मैं घुसाया जाता है सांड के वीर्य समेत,
कभी कभी नंगे हाथों से ऐसा किया जाता है.
इससे दूध बहने के लिये बाध्य होता है.
और जब गाय माँ बनती है तो उसके बच्चे को चुरा लेते हैं.
और एक बात आपको बताता हूँ,
सबसे दर्दनाक चीख जो मैंने सुनी हैं और यकीन मानिये मैंने कई ऐसी चीखें सुनी हैं.
जब मुझे इन चीज़ों का ज्ञान होना शुरू हुआ, पंद्रह वर्ष पहले मैं भी औरों की तरह था
मुझे विश्वास नहीं होता था की बात इतनी बिगड़ी हुई है, मैं सोचता था लोग बढ़ा चढ़ा कर बताते हैं.
लेकिन जैसे और लोग बात को जान कर अनदेखा कर देते हैं या अनजान बनने की कोशिश करते हैं,
मैंने तय किया की जा कर खुद पता करो की सच क्या है.
मैंने Thorn Apple Valley pigs slaughterhouse Detroit (सूअरों का कसाईखाना ) मैं १९९३मैं छह हफ्ते बिताये
मैंने पशू अनुसंधान प्रयोगशालाओं और फर फार्मों मैं जबरन प्रवेश किया.
मैं मिचिगन मैं सर्कस और रोडीओ मैं चुप कर देखता था की क्या हो रहा है.
सबसे दर्दनाक चीख जो मैंने सुनी ...
वो डेयरी फार्म मैं एक बछड़े की माँ की थी,
वो प्रतिदिन अपने बछड़े की याद में चीखती और चिल्लाती थी, की मेरा बच्चा मुझे लौटा दो ...
मैं अनुमान लगा सकता हूँ की ऐसी ही चीख इस कमरे मैं मौजूद हर माँ के मूंह से निकलेगी,
अगर कोई तुमसे जन्म देते ही तुम्हारे बच्चे को छीन ले तो.
और वे लोग माँ से उसका बच्चा क्यों छीन लेते हैं?
क्योंकि दूध का व्यवसाय करने वाले उस दूध को आपको बेचते हैं, उस माँ के बच्चे तो वो दूध नसीब नहीं होता,
जब व्यापारी दूध आपको बेच सकता है तो बछड़े को क्यों पीने देगा?
जब जब आप दूध का एक ग्लास पीते हैं बछड़ा तरसता है.
और कोई भी माँ दूध का उत्पादन अपने बच्चे के पालन पोषण के लिए ही करती है
अब जो प्रश्न-उत्तर का समय होगा,
तो आप जो चाहें मुझसे पूछें.
मैं कोई नेता नहीं हूँ, मुझसे आप कुछ भी पूछ सकते हैं. यदि आपने मेरे वो लेख पढ़े है जिनके कारण मुझे जेल जाना पड़ा था
और कुछ देशों से मुझे निकाला गया था, तो उनके बारे मैं भी पूछें
बस एक प्रश्न है जिसका उत्तर मैं नहीं दूंगा:
आप मुझसे ये नहीं पूछ सकते की, ''गाय दूध का उत्पादन क्यों करती है?''
ये हमारे लिए अच्छा है
तो गेरी हमें अपने बच्चों को दूध पिलाना चाहिए, खुद भी पीना चाहिए
प्रकृति ने इस प्रश्न का उत्तर दे दिया है:
गाय सिर्फ अपने बच्चे के लिए दूध देती है!
ये बात यहीं ख़त्म हुई, इस पर कोई बहस या विवाद की गुंजाईश नहीं है.
गाय हाथी के बच्चे के लिए दूध नहीं देती..
न ही आरंगुटान
और न ही खरगोश के बच्चे
चूहे, इंसान के बच्चे के लिए भी गाय दूध नहीं देती
हमारे शरीर को गाय के दूध की बिलकुल जरूरत नहीं है, जैसे इसे जिराफ के दूध की आवश्यकता नहीं है
जैसे की हमें घोड़े, हाथी, ऊँट या हिरन के दूध की ज़रुरत नहीं है,
कुत्ते और बिल्ली का दूध पीने की भी हमें ज़रुरत नहीं है.
हमें बस अपनी माँ के दूध की ज़रुरत होती है जब हम पैदा होते हैं!
माँ का दूध पीना बंद करने के बाद हमें दूध की कोई आवश्यकता नहीं होती.
माँ का दूध छुटने के बाद दुनिया मैं किसी भी प्राणी को दूध की ज़रुरत नहीं पड़ती.
आप अगर मेरी तरह किसी प्रकार का दूध अपने खाने में शामिल करना चाहते हैं
तो मैं आपको ये अच्छी खबर फिर से देता हूँ
सोया, चावल, बादाम, नारियल, सन, ओट्स, हेज़ल अखरोट का दूध
मैं आपसे वादा करता हूँ ..इन सातों में से एक वीगन दूध आपको पसंद आएगा
याद रहे, जब आप वीगन बनते हैं तो कुछ भी खाना नहीं छोड़ते!
आप सब खाद्यों का वीगन संस्करण प्राप्त कर सकते हैं,
या आप प्राकृतिक चीज़ें जैसे फल, सब्जी, सेम, मसूर, डालें, और बादाम इत्यादि खा सकते हैं
मैं खुले दिमाग से मेरी बातें सुनने के लिए आप सब को धन्यवाद देता हूँ!!