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Translator: Omprakash Bisen Reviewer: Rajneesh Pandey
मेरा नाम जोशुवा वाल्टर्स हैं
मैं एक कलाकार हूँ |
(मुंह से आवाज़ निकालना)
(हंसी)
(अभिवादन)
लेकिन एक कलाकार होने के साथ
मुझे मनोदशा अस्थिरता से ग्रसित
पाया गया था |
मैं इसे अच्छी बात की तरह देखता हूँ,
क्युकि स्टेज पर मैं जितना सनकी होता हूँ,
मैं उतना ही मनोरंजक हो जाता हूँ|
सैन फ्रांसिस्को में जब मैं 16 का था
मेरे पागलपन का सबसे बड़ा दौर आया
जिसमे मुझे लगता था कि मैं जीजस क्राइस्ट(Jesus Christ) हूँ
शायद आप सोचे की यह भयावह हैं,
लेकिन ऐसा कोई भी नशा नहीं हैं
जो आपको इतना उन्माद दे
कि आप सोचने लगे आप जीजस क्राइस्ट हैं
(हंसी)
मुझे एक जगह भेजा गया,
मनोवैज्ञानिक चिकित्सालय ,
और मनोवैज्ञानिक चिकित्सालय में,
हर व्यक्ति अपना एकल नाटक कर रहा होता है |
(हंसी)
वहाँ, यहाँ की तरह कोई दर्शक नहीं होते
जो उनके अभ्यास के समय को उचित ठहराए
वो सिर्फ अभ्यास कर रहे हैं
एक दिन वो यहाँ आयेंगे
जब मैं बाहर आया,
मनोचिकित्सक ने
मेरा निरिक्षण किया
और दवाइया दी|
"तो जोश(Josh) क्यों ना हमे तुम्हे
क्यों ना हमे तुम्हे Zyprexa(दवा का नाम) दे
ठीक है ?
मैंने लिखा तो यही है "
(हंसी)
आप में से कुछ इस क्षेत्र में हैं मैं देख सकता हूँ |
मैं आपका शोर महसुस कर सकता हूँ |
मेरे हाई स्कुल का पहला भाग
इस पागलपन के दौर का संघर्ष था,
और दूसरा भाग
इन दवाइयों का अतिसेवन,
जहाँ मैं अपने हाई स्कुल में सो रहा था |
दूसरा भाग क्लास में ली गयी एक बड़ी झपकी थी |
जब मैं बाहर आया
मेरे पास एक विकल्प था |
कि मैं अपनी मानसिक
बीमारी को नकार सकता था
या गले लगा सकता था
अपनी मानसिक योग्यता को |
(बिगुल की आवाज़)
आजकल एक अभियान चल रहा है मानसिक
बीमारी को अच्छी नज़र से देखने का
कम से कम हाइपोमैनियक(hypomanic) बढ़त वाला हिस्सा
अगर आपको नहीं पता कि हाइपोमैनियक क्या है ,
यह एक बिना नियंत्रण के इंजिन के सामान है ,
शायद एक फेरारी(Ferrari) का इंजिन, बिना ब्रेक के
यहाँ बहुत सारे वक्ता, आप श्रोताओ में से बहुतो के पास
वो रचनात्मक बढ़त है ,
अगर आप जानते हैं मैं क्या कह रहा हूँ |
आप कुछ करने के लिए प्रेरित हैं
जिसे सबने कहा हैं कि वो असंभव है |
एक किताब है जॉन गार्टनर(John Gartner)
जॉन गार्टनर ने लिखा है इसका नाम द हाइपोमैनियक एड्ज(The Hypomanic Edge) है
जिसमे क्रिस्टोफर कोलंबस, टेड टर्नर और स्टीव जाब्स
इन सब उद्योगपतियो के पास
प्रतियोगी बढ़त है
कुछ समय पहले ही एक दूसरी किताब लिखी गयी है
90 के दशक के मध्य में
के रेड्फिल्ड जमिसन(Kay Redfield Jamison) के द्वारा लिखी गयी टच्ड विथ फायर(Touched With Fire)
जिसमे रचनत्मक नजरिये से देखा गया कि किस तरह
मोजार्ट(Mozart) और बीथोवेन(Beethoven) और वान गाग(Van Gogh)
ये सभी इस मानसिक अवसाद से ग्रसित थे
इनमे से कुछ ने आत्महत्या भी की
तो इस बीमारी के
सिर्फ अच्छे पहलु ही नहीं हैं|
अभी हाल में ही,
इस क्षेत्र में और भी उन्नति हुई है |
न्यू योर्क टाइम्स(New York Times) में एक लेख लिखा गया था
सितंबर 2010 में,
जिसके अनुसार:
"संतुलित सनक"
बस इतने ही सनकी रहे
जिसमे निवेशक वो उद्यमी देख सके
जिसमे इस प्रकार का विस्तार हो--
आप समझ रहे है मैं जो बता रहा हूँ--
पुरी तरह से मानसिक अस्थिरता नहीं
पर वो मानसिक अस्थिरता के विस्तार में हैं
जिसमे एक तरफ तो
आप खुद को जीजस समझते हैं,
और दूसरी तरफ
वो आपके लिए खुब सारे पैसे कमा सकते हों |
(हंसी)
आपका चुनाव| आपका चुनाव|
और हर कोई इसके बीच में कहीं है
हर कोई इसके बीच में कहीं है
तो शायद आप यह समझे
कि ऐसी कोई चीज नहीं है
जो सनक है ,
और मानसिक बीमारी से ग्रसित पाए जाने का
अर्थ यह नहीं कि आप सनकी हैं|
शायद इसका अर्थ केवल यह है
कि आप ज्यादा भावुक हैं
जिसे बहुत से लोग देख या महसुस
नहीं कर सकते |
शायद कोई सनकी है ही नहीं |
सभी लोग बस थोड़े से पागल हैं |
कितना
निर्भर करता है कि आप इस विस्तार में कहा पर हैं
कितना
निर्भर करता है कि आप कितने भाग्यशाली हैं |
धन्यवाद
(अभिवादन)