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दोस्तों आज मैं आपको प्रोत्साहित करना चाहता हूँ आपकी सहयोगी टीम और संजाल बनाने के लिए ताकि जब
दबंगई लोग आपको चिढ़ाये तो आप खुद को सभी से दूर न कर ले। मैं कितनी ही बार स्कूल के बगीचे में चले जाता था सिर्फ इसलिए की
सभी से भागना चाहता था। मैं स्कूल में कितनी बार रोया। मैं सहन ही नहीं कर पा रहा था लेकिन
मैंने किसी से मदद नहीं मांगी। सच बात तो यह थी की जितना मैं लोगों से दूर भागता गया, उतना ही वे लोग
मुझे अपना शिकार बनाते गए। आप अपना कोई मित्र ढूंढे, और कभी कभी मित्र पाने के लिए पहले एक मित्र बनना पड़ता है। आप
जानते है मैं एक ऐसा मित्र चाहता था जो मुझे प्यार करे मैं जैसा हूँ वैसे ही। मैं नहीं चाहता की आप मुझे बदले
और ना ही यह चाहता हूँ की आपको मैं बदलूँ। मैं चाहता हूँ मैं जैसा हूँ आप मुझे वैसे ही स्वीकार करें। हमारे
धर्म क्या है इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। इस बात से भी कोई फर्क नहीं पड़ता की आप किस गुण में कितने अच्छे है या नहीं है,
मैं ऐसे ही आपसे प्यार करता हूँ। हमारे जितने अधिक मित्र होंगे उतना ही बड़ी हमारी सहयोगी टीम। हो सकता है
की आप अपने शिक्षक से बात कर पाये, आप किस परेशानी से गुज़र रहे है अपने माता-पिता को बतलाये, आप वाकई
अकेले नहीं है। मित्र, आप अकेले नहीं है। मैं आपसे प्यार करता हूँ और अगर मैं दबंगई से और
कई सारी निराशा से बाहर आ सकता हूँ तो आप भी अपनी परेशानी से बाहर आ सकते है। एक बार में
एक दिन लीजिये। अपने दुश्मनों से भी प्यार कीजिये। उनके लिए भी प्रार्थना कीजिये और उन्हें भी अपनी करुणा दिखाईये, क्यूँकी
आज हम सभी को एक सच्चे मित्र की जरुरत है।