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आपको क़ीमत के मुद्दे पर विचार करना चाहिए।
और यीशु मसीह के शिष्य होने के लिए आपको जो क़ीमत चुकानी पड़ेगी उसको समझना चाहिए।
आपको शायद लोकप्रियता या तरक्की गँवानी पड़ेगी।
आपको आराम की जिंदगी गँवानी होगी।
आपको अपने शरीर को अनुशासित करना होगा, वश में रखना होगा।
आपको प्रलोभन से, इस दुनिया से "नहीं" कहना पडेगा।
आपको भीड़ का साथ छोडना होगा।
आपको यीशु मसीह के लिए अकेले खड़ा रहने के लिए तैयार रहना होगा।
आपको एक अलग राह पर चलने के लिए तैयार रहना होगा।
और अगर कोई भी यीशु मसीह के पीछे चलने के लिए तैयार नही है, तो भी आपको भीड़ से कदम बाहर रखना होगा।
क्या आप यीशु मसीह के लिए दुनिया में से अकेले होने पर भी खड़े रहने को तैयार है?
यह है यीशु मसीह को अनुसरने की क़ीमत।
यीशु मसीह के खातीर आपको दुख सहने के लिए तैयार रहना होगा, और मैं आपको कहता हूँ कि दुख तो होगा ही।
इस में आपकी जान भी जा सकती है।
यीशु मसीह कोई खेल खेलने के लिए नहीं आ रहे हैं, ना ही वे कोई गहना बन कर रहेंगे।
वे राज्य करने के लिए आ रहे हैं। वे संहार करने के लिए आ रहे हैं।
वे राजाओं के राजा हैं, प्रभुओं के प्रभु हैं ।
और इस युग के अंत में
वे एक सफ़ेद घोड़े पर सवार होके स्वर्ग से आऐंगे और उनके वस्त्र ख़ून से भिगे होंगे।
अपने ही दुश्मनों के खून से। वे जय पाने के लिए और धिक्कारने करने के लिए वापस आ रहे हैं।
आपको इस आने वाले राजा के साथ सुलह करने की ज़रूरत हैं।
या आप हमेशा के लिए नरकदण्ड के अधीन हो जाऐंगे ।
और यीशु मसीह ने सुलह कर दिया हैं।
आपको उनसे अदालत के बाहर समझौता करने की जरूरत है।
आप उस अंतिम दिन में मसीह के साथ संघर्ष नहीं करना चाहते।
क्योंकि वे निष्ठुरता से न्याय करेंगे।
लेकिन आज वे आपको दया पेश कर रहे हैं।
वे आत्मसमर्पण की शर्तों को स्वीकार करेंगे।
वे शांति की शर्तों के लिए सहमत होंगे , लेकिन शर्तें उनकी होंगी, हमारी नहीं।
और उनकी शांति की शर्तें बस ये है।
आपको अपने माता, पिता, भाई, बहन और यहां तक कि अपने जीवन से भी नफरत करनी पडेगी।
या आप मेरे शिष्य नहीं हो सकते । और आपको अपना क्रूस उठा कर मेरे पीछे आना होगा। 34 00:02:46,291 --> 00:02:48,561 या आप मेरे शिष्य नहीं हो सकते।
और अगर आप नहीं चलें, तो आप मुझसे अंतिम न्याय के दिन मिलेंगे।
और आपके विनाश में परमेश्वर की महिमा होगी।
वे निर्णय लेने के लिए आप पर दबाव डाल रहे है। आप उनको टाल नहीं सकते।
आप चुप नहीं रह सकते, आपको उन्हे जवाब देना ही होगा।
लूकस अध्याय १४ वचन ३३, "तो निष्कर्ष यह है, आप में से कोई भी मेरा शिष्य नहीं हो सकता।"
वे कह रहे है कि, "आप में से कोई भी सचचा येशुभक्त नहीं हो सकता।
आप में से कोई भी मेरे राज्य में नहीं आ सकता।
आप में से किसी का भी मेरे साथ या परमपिता के साथ सही रिश्ता नहीं हो सकता।
आप में से कोई भी मेरा शिष्य नहीं हो सकता।
जो अपना सब कुछ नहीं त्याग देता।
हमारे प्रभु क्या कह रहे है? वे पीछे नहीं हट रहे है।
वे जिस प्रतिबद्धता के लिए पाचारण कर रहे है, उसको इस खंड की हर पंक्ति के साथ बढ़ा रहे है।
खैर, वे यह नहीं कह रहे है कि आपको स्वर्ग के राज्य में रास्ता खरीद कर आना है।
क्योंकि हम में से किसी के पास पर्याप्त सोना और चांदी नहीं है,
हमारे अंतर्याम को भ्रष्ट करने वाला पाप का दाग मिटाने के लिए।
वे क्या कह रहे है?
जो अपनी सारी सम्पत्ति को त्याग नहीं देता।
खैर इस संदर्भ को बाईबल के अन्य पुस्तकों को जोडकर मैं आपको मतितार्थ बताना चाहता हूँ।
आपको हस्तान्तरित करना होगा,
आप जो हैं और आपके पास जो कुछ हैं उसका मालिकाना हक।
वे यह कह रहे है।
अब आपका जीवन आपका नहीं रहा, वह यीशु मसीह का हो गया है।
आपका समय अब आपका नहीं रहा, वह यीशु मसीह का समय हो गया है।
आपकी सम्पत्ति अब आपका नहीं रही, वह यीशु मसीह की सम्पत्ति हो गयी है।
आपका भविष्य अब आपका नहीं रहा, वह यीशु मसीह का भविष्य हो गया है।
आपका खजाना अब आपका नहीं रहा, वह यीशु मसीह का खजाना बन गया है।
और आपने अपने आप को और आपकी सारी चीज़ो को यीशु मसीह को, जो सब कुछ है उनको, हस्तांतरित किया है।
यह है उनकी शांति की शर्तों को पूरा करने का मतलब।
फिर भी, यह विनिमय असली पैसे से नहीं किया जा सकता।
लेकिन यह खरीदा जाता है,
अपना जीवन मसीह को पूरी तरह से समर्पित कर के।
यह है मुक्ति दिलाने वाला विश्वास।
खुद को ख़त्म कर के, पूरी तरह से यीशु मसीह पर भरोसा रखना।
अपने आप को और आपकी सारी चीज़ो को, जो सब कुछ है उनको, यीशु मसीह को समर्पित करना।
यह आपका शाश्वत आत्मा है। यह एक ही ज़िंदगी आप जीऐंगे ।
इसका संबध आपकी सार्वकालिक अस्तित्व से है।
और उन्होने कहा, नमक अच्छा है, लेकिन जब नमक फीका पडता है, मतलब यह सबूत है,
कि वह शुरू से ही कभी भी असली नमक नहीं था। तो उसे किस से स्वादित करोगे? इसका कोई जवाब नहीं है।
वचन ३५, वह न तो भूमि के और न खाद के लिए काम में आता है।
वह किसी के भी काम का नहीं। न परमेश्वर के लिए, न मसीह के लिए, न स्वर्गीय राज्य के लिए, और न ही आंदोलन के लिए।
आप सिर्फ किसी और की जगह ले रहे हैं।
वहाँ अन्य लोग इस में शामिल होने की कोशिश कर रहे थे।
वह जमीन के लिए किसी काम का नहीं है। आत्मिक रूप से कहा जाए तो, शौचालय के भी लायक नहीं है।
क्योंकि आपने अपने जीवन को पूरी तरह से समर्पित नहीं किया है।
और मसीह के प्रति सर्वोच्च निष्ठा और सर्वोच्च वफादारी नहीं दिखायी है।
आप अभी तक मसीह के प्रभुत्व में नहीं आए है,
और उनके पीछे चलने के लिए अपना क्रूस नहीं उठाया है।
और फिर वे कहते है, "जिसके सुनने के कान हों, वह सुन ले।''
परमेश्वर ने उनके पुत्र में जो कहा, उसकी तरफ आपको ध्यान देने की जरूरत है। 84 00:07:37,884 --> 00:07:44,139 इस सम्मेलन में परमेश्वर ने उनके पुत्र के ज़रिए हमसे बात कही है।
और हम सब को परमेश्वर यहाँ ले आया है।
हम में से कोई भी यहाँ संयोग या इत्तफ़ाक से नहीं आया है। यह परमेश्वर की अच्छाई और परमेश्वर की दया है।
वह आपको इस जगह ले आया, जहाँ आपने यशायाह अध्याय ५३ के बारे में सुना। आपने क्लेश सहनेवाले तारणहार, प्रभु यीशु मसीह के बारे में सुना है।
जो हमारे लिए क्रॉस पर पाप बन गये।
उस क्रॉस पर वे खुद के लिए मरें ताकी वे हमारे लिए जी सकें।
और ताकी वे हमारे पापों को और दुष्टता को क्रॉस पर उठा कर, हमारी मुक्ति को ख़रीदें।
किसी दूसरे व्यक्ति द्वारा मुक्ति नहीं मिल सकती; क्योंकि समस्त संसार में ईसा मसीह के नाम के सिवा मनुष्यों को कोई दूसरा नाम नहीं दिया गया है, जिसके द्वारा हमें मुक्ति मिल सकती है।'
ईसा मसीह ने कहा, ''मार्ग, सत्य और जीवन मैं ही हूँ। मुझसे हो कर गये बिना कोई पिता के पास नहीं आ सकता।''
और आज वे आपको बुला रहे है, 'मेरे पास आओ।'
"थके-माँदे और बोझ से दबे लोगो! तुम सभी मेरे पास आओ। मैं तुम्हें विश्राम दूँगा। मेरा जूआ अपने ऊपर लो,
और मुझसे सीखें। मैं हृदय से नम्र और विनीत हूँ। और आप आपकी आत्मा के लिए शान्ति पाओगे।
क्योंकि मेरा जूआ सहज और मेरा बोझ हल्का है।''
आपके ऊपर का पाप का बोझ उठाया जाएगा।
और अब आपके ऊपर मसीह का जूआ होगा।
और वे खुद उस जूआ के अंदर आकर आप के साथ खींचतें है।
लेकिन इसके लिए आपको अपने जीवन को पूरी तरह से मसीह को सौंपना होगा।
आज हमे हमारे हृदय को जाँचना की ज़रूरत है।
क्या मैने मेरा जीवन पूरी तरह से मसीह को सौंप दिया है?
क्या मैने मेरा जीवन, जिसने मेरे लिए सूली पर अपना जीवन दे दिया, उसे समर्पित किया है?
मैं आपको बताना चाहता हूँ कि स्वर्ग के द्वार आप के लिए खोल दिए गए है।
संकीर्ण द्वार खुला है।
और अगर आप विश्वास का एक कदम उठा कर इस संकीर्ण द्वार से अंदर आते है,
और अपना जीवन उन्हें सौंप दें।
उनके शब्दों की ताकत के बावजूद
वे यह भी कहते है, "जो मेरे पास आता है, उसे मैं कभी भी नहीं ठुकराऊँगा"।
वे आज आपको अपने पास बुला रहे है।
विश्वास का एक कदम उठा कर उनके पास आने के लिए।
लेकिन अगर आप यीशु मसीह के पास आते हैं,
तो खेल मत खेलिए।
आपको मसीह को आत्मसमर्पण करना होगा।
यह उद्धरण Steve Lawson के "इसकी क़ीमत आपका सर्वस्व हैं।" इस प्रवचन से लिया गया हैं। resolved.org
Steve Lawson, Mobile, Alabama के Christ Fellowship Baptist Church के पादरी हैं। cfbcmobile.org
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