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कान निरंतर सक्रिय होतs हैं।
वे ध्वनि तरंगों को सूचनाओं में बदल देते हैं जिसे बzsन पढ़ता है
जैसे कि संगीत या वाणी।
ध्वनि दबाव तरंगें होती हैं जो तेजी से या धीरे से स्पंदित होती हैं।
धीमा स्पंदन गहरी ध्वनि को पैदा करता है
ध्वनि कान के मार्ग से होकर पहले कान के पर्दें तक पहुंचती है।
कान का पर्दा कम्पित होता है और ऑसिक्युलर चेन को गतिशील करता है।
इस चेन में हैमर, एन्विल तथा स्टिरअप होते है।
ध्वनि स्पंदन इस चेन को कम्पित करके आंतरिक कान मे पहुंचाती है।
आंतरिक कान में कॉक्लिया एक केन्द्रीय भूमिका निभाता है।
अब यहां पर ध्वनि की मैकेनिकल ऊर्जा जटिल विद्युतीय संकेतों मे बदल जाती है
जो फिर बzsन में भेजी जाती हैं।
सरल शब्दों में कॉक्लिया एक स्पाइरल आकार की द्रव्य से भरी नलिका है।
सेंसरी सेल्स को हsअर सेल्स भी कहते हैं वे कॉक्लिया की पूरी लंबाई तक होती हैं।
इनमें विभिन्न आवाजों तथा फ्रीक्वेंसी को पहचानने कh संवेदनशीलता होती है।
इससे कान को ध्वनि के हर उतार चढ़ाव को जानने में सहायता मिलती है।
मैकेनिकल स्पंदन से विद्युतीय तरंगों में परिवर्तन एक जटिल प्रक्रिया है।
जो कॉक्लिया में हsअर सेल्स की गतिविधियों की वजह से होती हैं।
कॉक्लिया में हsअर सेल्स किसी प्यानो की कुंजियों की तरह होती हैं।
कॉक्लिया के बेस में स्थित हsअर सेल्स हाय फ्रीक्वेंसी के लिए उत्तरदायी होती हैं।
जबकि अपेक्स स्थित हsअर सेल्स लो फ्रीक्वेंसी के लिए उत्तरदायी होती हैं।
जैसे ही कॉक्लिया में द्रव्य गतिशील हो जाता है।
ये हsअर सेल्स की सतह पर कोमल रचनाओं को गतिविधित करतk है।
जिससे तनाव पैदा होतk हैं और विद्युतीय संकेत निर्माण होते हैं।
जो श्रवण तंत्रिका से होते हुए बzsन में जाते हैं।
बzsन के ऑडिटरी कॉर्टेक्स में इस सूचना का अर्थ लगाया जाता है जैसे कि संगीत या वाणी।
घटनाओं की पूरी श्रंख्ला
में विविध चरणksa का समावेश होता है जो कि वातावरण से उन सूचनाओं को ध्वनि में बदल देते हैं जिसे बzsन पढ़ता है।
यह इतनी तेजी से होता है कि व्यक्ति लगातार और एक साथ सुन सकता है।
इसी जटिल घटना में-
कई ऐसी घटनाएं होती हैं जो व्यक्ति को सुनने में कठिनाई का अनुभव दे सकती हैं।
श्रवण दोष सौम्य से लेकर अतितीव्र स्वरुप हो सकता है।
आम तौर पर कुल मिलाकर] तीन प्रकार के श्रवण दोष होते हैं है जो एक दूसरे से अलग है ।
जो निर्भर करता है कि कान का कौन सा हिस्सा प्रभावित हुआ है ।
फिर चाहे वह बाहरी] बीच का या आंतरिक हिस्सा हो ।