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“TICKS”: शिशु को सुरक्षित अपने शरीर पर बाँधने के नियम:
कस कर बाँधे।
हर समय नज़र में रहे।
नजदीक रखें।
ठोड़ी को छाती से दूर रखें।
पीठ को सहारा है।
कस कर रखें।
बाबा झलुआ काफी कसा हुआ होना चाहिए जिससे आपका शिशु आपसे लिपटा रहे।
कोई भी ढीला या बंधन मुक्त कपड़ा बाबा झलुआ में आपके शिशु को नीचे गिरने देगा,
जिससे शिशु को साँस लेने में बाधा हो सकती है, और आपकी पीठ पर खिंचाव पैदा हो सकता है।
यदि आपको लगता है कि आपको शिशु को पकड़ने की जरूरत है, तो शायद आपको समायोजन पट्टियाँ कसने की आवश्यकता है।
हर समय नज़र में रहे।
अपने शिशु का चेहरा आपको हमेशा नीचे की तरफ एक साधारण झलक के साथ देखने में सक्षम होना चाहिए।
आपको इसकी जाँच करनी चाहिए कि कपड़ा
और रेलिंग कभी भी शिशु के चारों और से बंद नहीं हो।
पालने वाली स्थिति में आपके शिशु का चेहरा हमेशा ऊपर की तरफ होना चाहिए,
बजाय इसके कि वह आपके शरीर की दिशा में हो।
चुम्बन करने लायक नजदीक हो।
आराम से जितना संभव हो, आपके शिशु का सिर आपकी ठोड़ी के उतना ही पास होना चाहिए।
आपको अपना सिर आगे झुका कर अपने शिशु के सिर
या माथे पर चुंबन करने में सक्षम होना चाहिए।
ठोड़ी को छाती से दूर रखें।
अप्रतिबंधित श्वास को सुनिश्चित करने के लिए शिशु की अपनी ठोड़ी कभी भी उसकी छाती से सटी हुई नहीं होनी चाहिए।
आपके शिशु की ठोड़ी के नीचे कम से कम एक उंगली की
चौड़ाई के बराबर जगह हमेशा बनी रहना सुनिश्चित करें।
पीठ को सहारा दें।
शिशु के सीधे बैठने की स्थिति में ले जाते समय उसकी पीठ अपनी स्वाभाविक स्थिति में बनी रहना सुनिश्चित करें,
और उसका पेट और सीना आपसे सट कर आराम पा रहा हो।
यदि झलुआ अधिक ढीला होगा तो शिशु आगे गिर सकता है और विशेष
रूप से उसकी श्वास नली संकुचित हो जाने से उसे साँस लेने में दिक्कत हो सकती है।
नोट: शिशु की पीठ पर हाथ रखकर और उस पर धीरे से दबाव डाल कर इसका परीक्षण करें।
उसका सीधा नहीं होना चाहिए या आपके करीब नहीं आना चाहिए।
अगर शिशु शांत सवार की स्थिति में है तो यह
सुनिश्चित करें कि उसका निचला हिस्सा बाबा झलुआ के गहरे हिस्से में मुड़ कर आधा नहीं हो जाए,
जिससे उसकी ठोड़ी से उसके सीने पर दबाव पड़े।