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कई लोग मुझे सिर्फ एक प्रोत्साहित करने वाला वक्ता ही नहीं समझते अपितु मानते है की मैं ईश्वर में आस्था रखने वाला इंसान हूँ। प्रार्थना करने वाला।
यह बात सच है। मैंने महसूस किया है की यह बहुत अदभुत है की आपसे साथ सहयोग करने वाले बहुत सारे लोग है, आपको
प्रोत्साहित करते रहने वाला आपका संजाल है। मेरे दोस्त, मेरा परिवार और भी कई लोग। मेरे शिक्षक भी मुझे सदेव आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते रहते थे।
लेकिन कहीं भीतर ही भीतर, मेरा एक आध्यात्मिक अंश भी है जो सिर्फ शांति ही नहीं है अपितु
मेरे जीवन में विश्वास लेकर आता है। अब मैं आपसे आपके धर्म के बारें में नहीं पूछ रहा और मैं कभी आप पर
आपके धर्म को बदलने के लिए दबाव नहीं डालूँगा। लेकिन एक ईसाई होने के नाते, और ईसा-मसीह की शिक्षा को सुनकर
हमें अपने दुश्मनों को भी प्रेम करना चाहिए। हमें लोगों को प्रोत्साहित करना चाहिए। हमें यह जान लेना चाहिए की धरती पर यह जीवन
सिर्फ एक राह है, और हमारा लक्ष्य है की हम धरती पर कुछ अलग कर के जाये।
मेरे लिए, हाथ-पाँव होना न होने की बात नहीं, महत्व की बात है उस एक दिन का होना
जब मुझे लगे की मैंने अपने संसार में आने का लक्ष्य पूर्ण कर लिया है। आपको यह जो भी लगता हो, मैं आपको यह बताना चाहता हूँ
की प्रार्थना बहुत बड़ी चीज है और अपने अंदर आध्यात्म को पैदा करने से ही मुझे
अपने संस्कारों का महत्व, अपना लक्ष्य और मेरी राह मुझे प्राप्त हुई। इसलिए अपने अंदर आध्यात्म को जगाईये
और शक्तिशाली रहिये।