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पिछले वर्ष, बहाई अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने ईरान मे बहाई धर्म के सदस्यों के विरुद्ध राज्य प्रायोजित धार्मिक घृणा
को उकसाने के प्रमाण प्रस्तुत करते हुये एक रिपोर्ट जारी की। उकसाना स्वयं मे ही निंदनीय है,
लेकिन जब यह हिंसा के कार्यों को जन्म देता है जिसे शासन द्वारा चाहे प्रोत्साहित ही न किया जाये लेकिन अंदेखा किया जाता है तो
यह और भी ज़्यादा निंदनीया होता है।
सात वर्षों से हमने ईरान के बहाईयों पर हिंसिक हमलों मे सतत् वृद्धि खी है।
कुछ परिवारों ने मध्यरात्रि में बमबारी के आतंक का सामना किया तथा कुछ उत्पातियों द्वारा अपनी दुकानों को जलाते देख्
उत्पीड़ित हुये। कुछ अन्यों ने अपने घरों, कार्यस्थलों या वाहनों को तहस नहस होते देखा:
खिड़कियां तोड़ दी गई तथा दीवारें घृणात्मक शब्दों तथा चित्रों से विकृत की गई। दर्जनों बहाई के
समाधीस्थलों अपवित्र, क्षतिग्रस्त या पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया। सैकड़ो बहाई विद्यार्थियों को शिक्षकों और
प्रशासकों द्वारा अनादर, अपमानित एवं परेशान किया गया और सैकड़ों बहाई व्यवसायों को अधिकारियों द्वारा
बंद करा दिया गया।
संयुक्त रास्ट्र के यातना संबंधी विशेष प्रतिनिधि के जनादेश के तहत अनेक उल्लंघनो के साथ ही हमने १०० से अधिक
मामलो के प्रमाण एकत्र किये है जिनमे सरकारी प्रश्नकर्ताओं प्रश्नकर्ताओं ने बहाईयों को पिटाई तथा एकांत कारावास
का पात्र बनाया तथा सादे भेष में एजेंटों द्वारा बहाई समुदाय के सदस्यों
का शारीरिक उत्पीड़न किया गया।
एक और घोर उल्लंघन: बहाईयों पर हमला करने वाले ईरानी अधिकारियों और सादे भेष वाले एजेंटों को
व्यवस्थी ढंग से दण्ढ से पृथक रखा गया है। हम किसी भी उदाहरण से अवगत नही है
जहाँ एक भी अपराधी पर मुकदमा चलो हो - दोषी सीध करना या क़ैद करना तो दूर की बात है। बहाई
उन अधिकारियों से जो उनके खिलाफ घृणा को उकसाते है और एक न्यायिक प्रणाली जो उनसे राज्या के दुश्मन के रूप मे व्यवहार करती है,
सुरक्षा और न्याय प्राप्त करने की आशा नही कर सकते।
हमने बहाइयों के खिलाफ सरकार द्वारा प्राधिकृत हिंसक हमलों की सांख्यिकी और स्पस्ट उदाहरण प्रस्तुत करने के लिए
एक नई रिपोर्ट तयार की है। 'द्ण्ड्मुक्त हिंसा' नामक नया प्रकाशन
परिषद के इस सत्र मे जारी की जा रही है।