Tip:
Highlight text to annotate it
X
हमने इस दशक में चांद पर जाने और अन्य कार्यों को करने का फैसला इसलिए नहीं किया
क्योंकि वो आसान हैं, बल्कि इसलिए क्योंकि वो ज्यादा मुस्किल हैं |
(जॉन एफ कैनेडी 1962)
हमने '60 और '70 के दशक में काफी तेजी से कार्य किया था |
आपने शायद सोचा होगा
जिस तरह मैंने सोचा था
कि हमारी प्रजाति बीसवीं सदी के अंत तक मंगल ग्रह तक पंहुच जाएगी |
लेकिन बजाय इसके , हम पीछे हट गए हैं |
रोबोट अलग रख दिए गए हैं ,
और हम ग्रहों और तारों से दूर चले गए हैं |
मैं खुद से पूंछता रहा
यह हमारी एक विफलता है या परिपक्वता की एक निशानी है ?
शायद हम इतना ही यथोचित उम्मीद कर सकते थे |
एक तरह से, यह आश्चर्यजनक है कि यह सब संभव था
हमने एक दर्जन लोगों को चंद्रमा की एक सप्ताह लंबी यात्रा पर भेजा,
जिससे बहुत सारी जानकारियां मिली
पर ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली
जिसे व्यावहारिक रूप से दिनचर्या में उपयोग किया जा सके
-
हालांकि इससे मनुष्य का आत्मबल ऊँचा हुआ है
उन्होंने हमारे ब्रह्मांड में हमारी जगह के बारे में प्रबुद्ध कराया |
एक कार्यक्रम जिसने हमारे बारे में हमारे खुद के विचारों को प्रभावित किया
जिससे हमारे ग्रह के पर्यावरण की कमजोरी
और आम जोखिम स्पष्ट होता है
और जिससे एक जिम्मेदारी का अहसास
पृथ्वी के सारे देशों और लोगों के लिए होता है |
वहाँ कुछ और भी है |
ऐसा अंतरिक्ष यान हमसे कहते हैं
अगर सभी से नहीं तो हम में से कई से ,
एक वैज्ञानिक सहयोगी ने मुझे न्यू गिनी हाइलैंड्स की यात्रा के बारे में बताया
जहां उन्होंने एक पाषाण युग की संस्कृति का दौरा किया
जो पश्चिमी सभ्यता से जरा भी संपर्क में नहीं है |
वो घड़ी क्या चीज है
शीतल पेय, और फ्रोजन फूड जैसी चीजों के बारे में नहीं जानते
लेकिन वो अपोलो 11 के बारे में जानते थे |
वे जानते थे कि मानव चंद्रमा पर जा चुका है |
वे आर्मस्ट्रांग का नाम जानते थे
और एल्ड्रिन
और कोलिन्स को जानते थे |
वो जानना चाहते हैं कि इन दिनों चंद्रमा पर कौन जाता है |
परियोजनाएं जो कि भविष्य उन्मुख हैं,
अपने राजनीतिक कठिनाइयों के बावजूद,
जिन्हें कुछ दशक बाद ही पूरा किया जा सकता है
वो हमें हमेशा यह याद दिलाएंगी
कि वहाँ एक भविष्य होगा |
वो हमें दूसरी दुनिया पर एक कदम रखने के लिए
हमारे कानों में चुपके से कहते हैं
कि हम और भी बहुत कुछ हैं | हम सिर्फ एक प्रजाति जैसे पिक्ट्स
या सेरब्स
या टोंगन नहीं हैं |
हम इंसान हैं |
इस बीच हर जगह जो लोग यह समझने के लिए उत्सुक थे
कि हमारा विचार कि अब हम कुछ समझ गए हैं
जो किसी और के द्वारा कभी नहीं समझा गया था
जो हमसे पहले यहाँ रहते थे |
वह उल्लास,
विशेष रूप से इसमे शामिल वैज्ञानिकों के लिए,
पर लगभग सभी के लिए
समाज में फैल कर
बंद दीवारों के पार जाकर ,
हम तक वापस आता है |
यह हमें अन्य क्षेत्रों में समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रोत्साहित करता है
जिसे पहले कभी हल नहीं किया गया है |
इससे समाज में आशावाद की भावना बढ़ जाती है |
यह उस महत्वपूर्ण सोच को व्यापक करता है
जहाँ इसकी तत्काल जरूरत हो
जहाँ हमें जटिल सामाजिक मुद्दों को हल करना हो |
यह नई पीढ़ी के वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करने में मदद करता है |
मीडिया में विज्ञान,
खासकर अगर तरीकों का वर्णन किया जाता है
और उसके साथ-साथ निष्कर्ष और उलझन भी बताया जाये
तो मुझे विश्वास है, इससे समाज और अच्छा होगा
अभी बहुत सारे काम
यहाँ पृथ्वी पर किया जाना बांकी है ,
और यह करने के लिए हमारी प्रतिबद्धता दृढ़ होना चाहिए |
लेकिन हम इस प्रकार की प्रजाति हैं जिसे
कि एक सीमा की जरूरत है
हमारे मौलिक जैविक कारणों के लिए |
हर बार मानवता जब खुद को विकसित करती है
तो यह उत्पादक जीवन शक्ति का एक जोर प्राप्त करती है
जो कि सदियों तक उसके सांथ रहता है |
यूरी रोमानेंको ने
पृथ्वी पर लौटने पर
जो कि इतिहास में सबसे लंबी अंतरिक्ष उड़ान थी , कहा,
"ब्रह्मांड एक चुंबक है ...
एक बार जब आप वहाँ जाते हैं ,
तो आप केवल यही सोच पाते हैं
कि वापस कैसे आया जा सकता है | "
-