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हमारे जीवन में आजकल हम मोटर्स , जनरेटर , ट्रांसफार्मर...इतने सारे बिजली के उपकरणों देखते हैं
और वे सभी इन्डक्शन के दो मूलभूत गुणों पर आधारित हैं |
तार के माध्यम से करंट मैग्नेटिक फील्ड पैदा करता है और यही बदलता मैग्नेटिक फील्ड कंडक्टर के तार के आर पार वोल्टेज पैदा करता है.
इस अद्भुत प्रयोग का उपयोग कर आप इन दोनों गुणों को देख सकते हैं
और सहज ज्ञान के विपरीत चीज़ें देख सकते हैं जैसे कि एक नॉन फेरिक चुंबक या एल्यूमीनियम डिस्क का चुम्बक में बदलना|
इस के लिए आपको एक इन्डक्शन उपकरण की जरूरत है जिसके लिए दो किलोग्राम इंसुलेटेड तांबे के तार ,
कुछ सादा तार , कीलें और फेराइट मैग्नेट चाहिए| देखिये आपको मुख्य कॉइल इस तरह से बनानी है,
दो किलो कॉइल को तीन हज़ार बार तार लपेट कर| इस कॉइल के बीच में आप कुछ
धातु , लोहे की छड़ , कीलें डालें जिससे यह एक मजबूत कोर बन जाए|
मजबूत कोर मुख्य कॉइल के अंदर मैग्नैटिक फील्ड को केंद्रित कर देता है और इसलिए प्रभाव सौइयों गुना अधिक मजबूत हो जाता है|
तार के सिरों को खुरच कर पावर से जोड़ दीजिये| आप इस जोड़ पर टेप लगाना ना भूलें
जिससे आपको प्रयोग करते समय झटका न लगे| यह एक ए सी पावर से जुड़ा होना चाहिए .
अब आप कॉइल को कीलों के ऊपर पकड़िये, वे आकर्षित नहीं होतीं| जैसे ही आप स्विच ऑन करते हैं,
यह कॉइल मैग्नेटिक फील्ड पैदा करती है और लोहे की कीलें इस मैग्नेट की ओर आकर्षित हो जाती हैं|
यह चुंबक एल्यूमीनियम डिस्क को आकर्षित नहीं करता है|
अब आप इस डिस्क को मुख्य कॉइल के ऊपर डालिए, देखिए क्या होता है?
जैसे ही आप स्विच ऑन करेंगे, डिस्क एक विद्युत चुंबक बन जाता है. यह इसलिए क्योंकि एल्यूमीनियम डिस्क में एडी करेंट्स बन जाते हैं
जिससे डिस्क चुंबक बन जाती है| आप अगर उसके ऊपर एक और डिस्क डालेंगे
तो वह भी एक विद्युत चुंबक बन जाता है और पहली डिस्क को आकर्षित करने लगता है
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप डिस्क किस तरफ से डाल रहे हैं| अगर आप एक साथ चार डिस्क डाल कर स्विच ऑन करेंगे
तो वे इतने ताकतवर और प्रभावशाली चुम्बक बन जायेंगे कि कॉइल से उड़ कर बाहर आ जायेंगे|
अब एक दूसरी कॉइल, करीब सौ बार तार के घुमावों की, लें और उसे बल्ब से जोड़ दें|
देखिये क्या होता है जब आप दूसरी कॉइल को मुख्य कॉइल के पास लाते हैं!! अद्भुत!!
यह ट्रांसफ़ॉर्मर का सिद्धांत दर्शाता है| देखिये जैसे ही आप इस कॉइल को मुख्य कोर
के पास लाते हैं करेंट इंडयूस हो जाता है क्योंकि बदलती मैग्नेटिक फील्ड वोल्टेज इंडयूस करती है
और यह बदलती मैग्नेटिक फील्ड इसलिए है क्योंकी मुख्य कॉइल में ए सी करेंट बह रहा है|
अब ये कॉइल दो सौ घुमावों की है| बल्ब की चमक पर ध्यान दीजिये|
ये सौ घुमावों वाली कॉइल से कहीं अधिक चमकदार है| क्योंकि दूसरी कॉइल में इंडयूस्ड वोल्टेज घुमाव की संख्या के अनुपात में होती है|
ये हमने एक और कॉइल बनाई है जिसमें अलग अलग गुमाव संख्या पर बल्ब जोड़े हैं|
बीस घुमावों पर एक बल्ब जोड़ा है, फिर चालीस पर, फिर साठ पर और फिर अस्सी पर|
अब जब हम इसे मुख्य कॉइल के पास लाते हैं तो देखिये हम स्पष्ट देख सकते हैं कि
कैसे घुमावों की संख्या का बल्बों की चमक पर असर होता है| या छोटी कॉइल में उत्पन्न वोल्टेज या इंडयूस्ड वोल्टेज पर क्या असर होता है|
बहुत ही खूबसूरत प्रदर्शन है ये इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इन्डक्शन का| हमारे पास ये आपस में लिपटी हुई कीलें हैं
और हम इससे प्रभावशाली कोर का असर देखेंगे| अगर आप सौ घुमाव वाली कॉइल पास लाते हैं तो देखिये
कितना कम प्रकाश है इस बल्ब का| जैसे ही हम इस कोर को छोटी कॉइल के अन्दर डालते हैं
तो प्रभाव सौ गुना अधिक हो गया है.....क्योंकि मैग्नेटिक फील्ड अब केन्द्रित है|
अब हमारे पास एक छोटी कॉइल, करीब हज़ार घुमावों की है, जिससे हमने एक एल ई डी जोड़ दी है|
जैसे ही आप इस कॉइल को मुख्य कॉइल के पास लायेंगे, फिर से एल ई डी जल उठेगी क्योंकि
इस कॉइल में वोल्टेज इंडयूस हो गयी है| अब हमारे पास यहाँ एक स्पोक से जुड़ा फेराईट मैगनेट है| देखिये चुम्बक कीलों को आकर्षित कर रहा है|
अब जैसे ही हम इस चुम्बक को मुख्य कॉइल के करीब लायेंगे और करेंट स्विच ऑन करेंगे,
चुम्बक घूमने लगेगा| यह ए सी मोटर का मूलभूत सिद्धांत है
जहाँ मुख्य कॉइल द्वारा उत्पन्न इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड चुम्बक को प्रभावित करती है और उसे घुमा देती है|
देखिये बच्चे इस इन्डक्शन से कितना मज़ा उठा रहे हैं|