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मेरा नाम अरविंद गुप्ता है और मैं खिलौने बनाता हूँ. मैं पिछले 30 वर्षों से खिलौने बना रहा हूँ.
बच्चों खिलौने बनाते हैं और उनसे खेलते हैं. हम बहुत से पंप बनाते हैं
इस छोटे से पम्प से आप गुब्बारा फुला सकते हैं. यह एक असली पम्प है. आप इससे गुब्बारा फोड़ भी सकते हैं
हमारा नारा है कि "खिलौनों को तोड़ने में ही बच्चों को सबसे ज्यादा मज़ा आता है."
और यह एक स्ट्रॉ से बना एक पम्प या फव्वारा है. जब आप किसी चीज़ को घुमाते हैं
तो वह बहार की और जाती है. हमारी देसी में भी कई विज्ञान के मूल सिद्धांत छिपे हैं
इस खिलौने को दोनों हाथो इ घुमाने पर यह आदमी हवा में उड़ता है
सत्तर के दशक का नारा था " लोगों के पास जाओ, उनके साथ रहो, उनसे प्रेम करो,
और उनसे सीखो, जो वो जानते हैं उससे शुरू करके उसे आगे बढाओ "
ये एक स्ट्रॉ से बनी घुमती फिरकी है. हम एक ओर से फूंकते हैं और दूसरी ओर से छेद बंद करते हैं. इससे फिरकी फार फार करके गोल-गोल घुमती है.
यह बहुत सस्ती है और इसमें बच्चों को बहुत मज़ा आता है.
यह दुनिया की सबसे सरल मोटर है. इसमें सबसे मेहेंगी चीज़ बैटरी है.
अगर आपके पास बैटरी है तो इसे बनाने में १० रूपये लगेंगे. अक्सर हमें अपने जीवन में क्या करना है यह पता नहीं होता. यदि इतना ही पता हो की क्या नहीं करना है तो वाही बहुत है.
यह चीज़ देखने काबिल है. एंड बच्चों के लिए छूने वाली स्लेट.
स्लेट का आधार वेल्क्रो का बना है. और यह है स्लेट पर लिखने वाला पेन
जो मूल रूप से एक फिल्म की डिब्बी का बना है. अब आप कोई भी चित्र बना सकते हैं. पेन से निकलती ऊन वेल्क्रो पर चिपक जाएगी.
भारत के सवा करोड़ अंध बच्चे एक स्याह ज़िन्दगी जीते है.
यह स्लेट उनकी ज़िदगी को रोशन karega